ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां,क्यों ?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
हाल के वर्षों में देश में फिशिंग अटैक यानी आनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ी है। जालसाज वाट्सएप, टेलीग्राम, एसएमएस या ई-मेल के जरिये मैसेज भेजकर लोगों को प्रलोभन देते हैं और लोग उनके जाल में फंस अपनी महत्वपूर्ण वित्तीय जानकारी दे देते हैं। यह प्रलोभन लाटरी जीतने, इनाम निकलने, कोई नई सुविधा मुफ्त मिलने, बैंक खाता बंद होने के रूप में हो सकते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कि जालसाज लोगों को कैसे जाल में फंसाते हैं और इनसे बचने के लिए कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए।
ऐसे फंसाते हैं जालसाज
सबसे पहले जालसाज लोगों को एसएमएस या ई-मेल भेजते हैं। इन मैसेज में ठग अपने शिकार को उसके बैंक खाते के साथ अवांछित गतिविधि होने की जानकारी देते हैं। साथ ही समय पर कदम नहीं उठाने पर नुकसान होने की बात कही जाती है। इस मैसेज में एक नंबर दिया जाता है जिस पर फोन करने के लिए कहा जाता है।
- इस नंबर पर फोन करने पर जालसाज अपने शिकार को एक लिंक भेजते हैं और इस पर क्लिक करके भुगतान के लिए कहते हैं।
- यह लिंक शार्ट यूआरएल होता है जो किसी आधिकारिक एजेंसी या बैंक के नाम की नकल होता है।
- कई बार जालसाज अपने शिकार से बैंक खाते की जानकारी, इंटरनेट बैंकिंग की यूजर आइडी-पासवर्ड, क्रेडिट/डेबिट कार्ड नंबर, सीवीवी, एटीएम पिन या ओटीपी की जानकारी भी मांगते हैं।
ऐसे कम करें नुकसान की राशि
- बैंक से संपर्क करने की जानकारी को संभालकर रखें।
- किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी होने पर बैंक को तुरंत सूचित करें।
- धोखाधड़ी के बाद बैंक को सूचना देने तक का नुकसान आपको वहन करना होगा।
- जितनी जल्दी बैंक को सूचना देंगे, आपका नुकसान उतना ही कम होगा।
- बैंक से शिकायत स्वीकृति नंबर जरूर प्राप्त करें।
- बैंक को 90 दिनों के अंदर आपकी शिकायत का समाधान करना होगा।
इन बातों का रखें ध्यान
- अपना मोबाइल नंबर और ई-मेल अपने बैंक के पास इंस्टेंट अलर्ट के लिए पंजीकृत करें।
- आनलाइन बैंकिंग के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद वेबसाइट्स का ही इस्तेमाल करें।
- सार्वजिनक, खुले या फ्री इंटरनेट के जरिये आनलाइन बैं¨कग से बचें।
- कभी भी अपना महत्पूर्ण बैंकिंग डाटा मोबाइल, ई-मेल या पर्स में ना रखें।
- एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या प्रीपेड कार्ड के खोने या चोरी होने पर इसे तुरंत ब्लाक कराएं।
- अपने आनलाइन बैंकिंग पासवर्ड और पिन को नियमित अंतराल पर बदलते रहें।
धोखाधड़ी से बचने के लिए यह कदम उठाएं
- आरबीआइ या किसी भी अन्य एजेंसी के कार्ड को ब्लाक करने या बड़ी राशि के वादे वाले संदेशों को नजरअंदाज करें। – किसी भी बड़ी राशि को प्राप्त करने के लिए ज्ञात या अज्ञात संस्था को प्रारंभिक जमा या ट्रांसफर फीस के रूप में पैसा नहीं भेजें।
- किसी भी व्यक्ति को अपने बैंक खाते की जानकारी, इंटरनेट बैंकिंग की यूजर आइडी-पासवर्ड, क्रेडिट/डेबिट कार्ड नंबर, सीवीवी, एटीएम पिन या ओटीपी साझा ना करें। आरबीआइ या बैंक कभी भी अपने ग्राहकों से यह जानकारी नहीं मांगता है।
- विदेश से मिलने वाले सस्ते फंड आफर की स्थानीय पुलिस और साइबर अपराध शाखा से शिकायत करें। आप आरबीआइ के पोर्टल पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
5जी के नाम पर भी धोखाधड़ी शुरू
जानकारों का कहना है कि आने वाले समय में 4जी सिम को 5जी में परिवर्तित करने के नाम पर भी आनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ेंगी। हाल ही में मध्य प्रदेश और दिल्ली में सिम को 5जी में परिवर्तित करने के नाम पर ठगी के प्रयास के मामले सामने आए हैं। इसको देखते हुए पुलिस ने ऐसे लोगों से बचने की सलाह जारी की है।
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