बेबस, बीमार और मजबूर पिता की सेवा के लिए वक्त निकालें तेजस्वी
नेता प्रतिपक्ष अपना संवैधानिक दायित्व निभाने में विफल – सुशील कुमार मोदी
श्रीनारद मीडिया‚ स्टेट डेस्कi पटना (बिहार)
चारा घोटाला के चार मामलों में सजायाफ्ता और कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लालू प्रसाद किस मजबूरी में लगभग ढाई दशक से बिहार विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हुए हैं?
वे कमजोर इतने हो चुके हैं कि चलने के लिए सहारे की जरूरत पडती है।
उनकी बेबसी यह कि न बड़े पुत्र का घर बसा पाये और न उन्हें पार्टी के सीनियर नेताओं के विरुद्ध अपमानजनक बयानबाजी करने से रोक पाये।
जिनके पिता खुद मजबूर, कमजोर और हालात से थक चुके हैं, वे 16 घंटे राज्य की सेवा में तत्पर मुख्यमंत्री पर उल्टे-सीधे आरोप लगा रहे हैं।
उन्हें अपने पिता की सेवा के लिए वक्त निकालना चाहिए।
लालू प्रसाद ने किस मजबूरी में बडे पुत्र की जगह छोटे पुत्र को राजनीतिक उत्तराधिकार सौंपा, यह उनका पारिवारिक मामला है, लेकिन जब नेता विपक्ष पिछली विधानसभा से लंबे समय तक गायब रहे और वतर्मान सदन में पहली बार पूछे गए प्रश्न का उत्तर सुनने के लिए भी उपस्थित न रहे, तब उनकी भूमिका पर सवाल उठेंगे ही।
सदन को सार्थक विमर्श का मंच बनाना और उसके सुचारु रूप से संचालन में सहयोग करना नेता प्रतिपक्ष का दायित्व है।
क्या तेजस्वी यादव अपना दायित्व निभा रहे हैं?
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