तपर्ण ः मेरे पिता स्वर्गीय चंद्रिका साह अनुशासित, सादा विचार वाले व्यक्ति थे
श्रीनारद मीडिया‚ रिजवान उर्फ राजू‚ सिधवलिया‚ गोपालगंज (बिहार)
मेरे पिता स्वर्गीय चंद्रिका साह समाजसेवी, अनुशासित, सादा विचार वाले व्यक्ति थे।उनका लगाव शिक्षा से काफी था। वे केवल बुद्धिजीवियों के संगत में रहना पसंद करते थे। उनकी सादगी विचार, अनुशासन एवं शिक्षा की चर्चा चहुंओर होती थी थी।उनसे बातचित करने वाले लोग भी अनुशासित होकर बात करते थे।
शिक्षाप्रद बातों से समाज हैं नही पूरा परिवार प्रभावित रहता था।उनमे अनुशासन की भावना एवं अनुशासित होने का प्रभाव भी कम नहीं था। जिसका परिणाम है कि अभी भी मेरे परिवार में हर सदस्य अनुशासित होकर सादगी से रहता है।उनकी सादगी, शिक्षा, अनुशासन एवं समाजिकता का प्रमाण है कि समाज एवं मेरे परिवार में सभी सदस्य सादगी, अनुशासित,अनुशासित एवं सामाजिक भाव से रहन-सहन व्यतीत करते हैं ।
रामबाबू प्रसाद , अवकाश प्राप्त शिक्षक , सिधवलिया बाजार
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