तर्पण : पिता जी शिक्षा और सेवा काे काफी महत्व देते थे
श्रीनारद मीडिया, देवेन्द्र तिवारी, बसन्तपुर, सीवान (बिहार):
मेरे पिताजी स्व. अमीचंद चौरसिया शिक्षा और
सेवा का काफी महत्व देते थे । उनका कहना
था शिक्षा से ज्ञान तो सेवा से शांति और समृद्धि
प्राप्त होती है । वे जाति पाती के भेद भाव नही
मानते थे । उनका कहना था कि सभी ईश्वर
के संतान है ,तो भेद भाव किसके लिय । सामाजिक
कार्यो एवं धार्मिक अनुष्ठानों में हमेशा तत्पर रहते
थे । वे कभी उदास नही होते थे, कहा करते थे,
कि सबकुछ उपरवाले की देन है, तो हर्ष और
बिषाद किस लिय । दुख सुख सबकुछ उपरवाले
की प्रसाद है, खुशी और नम्रता से ग्रहण करनी
चाहिए । आज पिता जी कि सिख परिवार
के लिय अमृत बाणी साबित होरही है। मेरा परिवार
सुख और शांति से जीवन वसर कर रहा है ।
किशोर प्रसाद
बसन्तपुर, सिवान ।
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