तर्पण : मेरे पिता स्वर्गीय मुन्नीलाल साह समाजसेवी, स्वाभिमानी एवं नैतिकता के पक्षधर थे
श्रीनारद मीडिया,रिजवान उर्फ राजू, सिधवलिया, गोपालगंज (बिहार):
मेरे पिता स्वर्गीय मुन्नीलाल साह समाजसेवी, स्वाभिमानी एवं नैतिकता के पक्षधर थे।न्यायप्रियता भी उनमें कूट कूट कर भरी थे। वे मृदुभाषी के साथ साथ गरीबों की हर सुख दुख में खड़े उतरते थे।पूरे इलाके में किसी भी मामले में उन्हें बुलाया जाता था, और अपने सटीक तरीके से पंचायत के द्वारा मामलों का निपटारा करते थे। उनमे स्वाभिमानिता के कारण पूरे क्षेत्र में उनकी चर्चा होती रहती थी। वे गरीबों पर अत्याचार,किसी ब्यक्ति का आर्थिक शोषण,एवं जबरन किसी की जमीन पर कब्जा करने के विरुद्ध लड़ाई लड़ते थे।
वे न्यायप्रिय भी थे। उनकी न्यायप्रियता के कारण समाज के लोग उनकी कदर करते थे । उनकी न्यायप्रियता, समाजिकता, स्वाभिमानिता एवं नैतिकता आज भी समाज के लोगो को याद है, और यही बात हम पूरे परिवार के सदस्य भी याद करते आ रहे हैं।
वे कहा करते थे कि किसी का धन हड़पना, गरीबों पर अत्याचार सहना,झूठ बोलकर न्याय करना पाप है। इसे ईश्वर माफ नही करता। यही बात हमलोगों को और सजग बना देती है। जिसका परिणाम है कि हमारा परिवार नैतिक राहों पर चलकर सदैव गरीबो की सेवा, लोगों के मामलों का उचित समाधान,एवं समाज मे सम्मान पाते आ रहा है।
उन्ही की देन है कि मेरे परिवार में सफल नेतृत्व,उच्च शिक्षा एवं ईमानदारी का दीप जल रहा है।
प्रदीप कुमार, विशुनपुरा बाजार, प्रखण्ड बरौली
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