शिक्षक और भाजपा नेता ने पेड़-पौधे लगाने पर दिया जोर

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श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):

सीवान जिले के महाराजगंज प्रखंड के पोखरा निवासी राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय के शिक्ष नीरज कुमार सिंह ने बिहार में लाॅक डाउन के दूसरे फेज के बाद से स्कूल बंद होने से अपने घर पर भी कृषि कार्य के साथ साथ बागवानी कर रहे हैं। वे अपने घर पर बर्मिंग कम्पोस्ट खाद तैयार कर रहे हैं और जैविक खेती के माध्यम से नया-नया प्रयोग कर रहे हैं। वे अपने घर पर बर्मिंग कम्पोस्ट केंचुआ खाद तैयार कर मिट्टी के साथ मिलकर कर बागवानी मिशन के तहत छोटे छोटे पौधे तैयार करने का काम कर रहे हैं। श्री सिंह इस वर्ष जून-जूलाई महीनों में लगभग 500 पौधे तैयार करने का लक्ष्य रखे हैं। उन्होंने पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ‘पौधों का मानव जीवन में क्या महत्व है ‘ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत से साथ ही पेड़-पौधों का मानव जीवन से अन्योन्याश्रय संबंध है. पेड़ और मानव जीवन एक-दूसरे के पूरक हैं। पेड़-पौधों की महत्ता बताते हुए शिक्षक श्री सिंह ने कहा कि पृथ्वी को हरा भरा बनाने के साथ ही पेड़ जलवायु को संतुलित रखते हैं। मानव को पेड़-पौधे ऑक्सीजन देते हैं। हमारे ऋषि मुनियों ने औषधि के रूप में पृथ्वी पर नीम, बबूल, तुलसी, कचनार,शमी, पीपल, गिलोय,आंवला, बरगद ,जामुन, अर्जुन, पुदीना आदि पेड़- पौधों की पहचान की थी। इन पेड़-फौधों में औषधीए गुण विद्यमान होते हैं। लेकि दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि आज लोग अवैध तरीके से पेड़-पौधों को काटते जा रहे हैं। चिंतनीय विषय है कि उसकी जगह पर पेड़-पौधे नहीं लगाए जा रहे हैं।नतीजतन पृथ्वी पर पर्यावरण संतुलन बिगड़ते जा रहा है और वातावरण में काफी प्रदूषण फैलाते जा रहा है। इसका परिणाम है कि हम दिन प्रतिदिन नयी-नयी बीमारियों के संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। आज कोरोना वायरस ने यह साबित कर दिया है कि जीवन के ऑक्सीजन और पर्यावरण संतुलन कितना जरूरी है। शिक्षक श्री सिंह ने कहा कि अब शैक्षणिक संस्थानों में भी पांचवी कक्षा से ही ‘पर्यावरण संरक्षण’ के विषय को

पाठ्यक्रम में शामिल में कर देना चाहिए।साथ ही, इसे उच्च वर्ग तक में इसे एक विषय के रुप में अनिवार्य कर देना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम 50 पौधे जरूर लगाना चाहिए और 50 लोगों को ऐसे करने के लिए प्रेरित भी करना चाहिए। तब ही दुनिया में बहुत तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन को हम संतुलित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देना चाहेंगे कि उन्होंने जलवायु परिवर्तन और जलवायु प्रदूषण के खतरे को भांप कर पहले ही बिहार में जल जीवन हरियाली मिशन को शुरू कर दिया था। पूरे बिहार के सड़कों तालाबों,नदियों ,सरकारी स्कूल- कॉलेजों ,श्मशान घाटों से लेकर नहर की बांधों पर पेड़-पौधे लगाने का अभियान तेज कर देना चाहिए। साथ ही, निजी जमीन मे भी पेड़-पौधे लगवाने के लिए अभियान चलाना चाहिए। हालांकि कृषि रोड मैप तैयार कर सभी खेतों तक सड़क और सभी खेतों को बिजली उपलब्ध कराकर सस्ते दामों पर सिंचाई परियोजना का कार्य शुरू किया गया है। पर्यावरण के संतुलन हेतु प्रत्येक व्यक्ति जून जूलाई माह में अपनी निजी जमीन में भी कम से कम 10 पौधे अवश्य लगायें और विश्व पर्यावरण दिवस को सार्थक बनायें। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता सह भाजपा नेता दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार और प्रदेश की नीतीश सरकार ने प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने के लिए कृषि को बागवानी मिशन चला रही है। इसमें अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाए जाए। भारत में हो रहे जलवायु परिवर्तन को रोका नहीं गया तो भविष्य में ये मानव जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा बन जाएगा।

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