सीवान के जे० आर० कान्वेंट दोन में राष्ट्रीय युवा दिवस पर शिक्षकों व छात्रों ने लिया शपथ
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर जे० आर० कान्वेंट, दोन विद्यालय के प्रांगण में स्वामी विवेकानन्द की मूर्ति पर प्राचार्य एवं शिक्षकगण के द्वारा पुष्पांजलि के साथ दीप प्रज्ज्वलित किया गया साथ ही “Say Yes To Life And No To Drugs” से सम्बन्धित प्रतिज्ञा प्राचार्य एवं शिक्षकों समेत सभी विद्यार्थियों द्वारा ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर लिया गया।
इस अवसर पर जे० आर० कान्वेंट विद्यालय के चेयरमैन कर्मयोगी कुमार बिहारी पाण्डेय जी ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि चिरकाल से हमारे युवा ही देश के भविष्य के कर्त्ता-धर्ता एवं कल्याण के कारक रहे हैं। इन्हें स्वार्थ से संन्यास लेकर निष्काम कर्म करते रहना चाहिए। यह परोपकार है, जन-कल्याण का रास्ता सुगम और सहज बना देता है।
स्वामी विवेकानंद की प्राणवान पंक्तियां
- जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी.
- जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे. …
- खुद को कमज़ोर समझना सबसे बड़ा पाप है.
- जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते.
- हजारों ठोकरें खाने के बाद ही एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है.
- सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा.
- जब तक आप अपने काम में व्यस्त हैं, तब तक काम आसान होता है, लेकिन आलसी होने पर कोई भी काम आसान नहीं लगता.
- सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चा होना. स्वयं पर विश्वास करो.
- दिन में एक बार खुद से जरूर बात करो, वरना आप दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति से बात करने का मौका खो देंगे.
- हम जितना ज्यादा बाहर जाए और दूसरों का भला करें, हमारा हृदय उतना ही शुद्ध होगा और परमात्मा उसमें वास करेंगे.
- पहले हर अच्छी बात का मजाक बनता है, फिर उसका विरोध होता है और फिर उसे स्वीकार कर लिया जाता है.
- हम जितना ज्यादा बाहर जाए और दूसरों का भला करें, हमारा हृदय उतना ही शुद्ध होगा और परमात्मा उसमें वास करेंगे.
- आपको अंदर से बाहर की ओर विकसित होना है. कोई तुम्हें पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता, तुम्हारी आत्मा के अतिरिक्त कोई और गुरु नहीं है.
- शक्ति जीवन है तो निर्बलता मृत्यु है. विस्तार जीवन है तो संकुचन मृत्यु है. प्रेम जीवन है तो द्वेष मृत्यु है.
- जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिए, नहीं तो लोगों का विश्वास उठ जाता है.