बिहार में नियोजित शिक्षकों को भी सरकारीकरण किया जायेगा-सीएम नीतीश कुमार
खुशी की बात है कि बिहार दे रहा सबको नौकरी-नीतीश कुमार
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में पटना के गांधी मैदान में आयोजित शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में राज्य के सीएम नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों को लेकर भी बड़ी घोषणा की है. नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों का भी सरकारीकरण किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि वैसे भी हम नियोजित शिक्षकों को पैसा दे रहे हैं. लेकिन अब हम एक परीक्षा आयोजित करा कर नियोजित शिक्षकों का सरकारीकरण करने की सोच रहे हैं. इसके साथ ही सीएम ने कहा कि अगले दो महीने में बाकी बचे 1.20 लाख पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. उन्होंने शिक्षा विभाग को इस दिशा में तेजी काम करने का निर्देश दिया. सात निश्चय-2 के सरकार ने दस लाख नौकरी और दस लाख रोजगार देने का वायदा किया है. जिसके तहत दो महीना के अंदर ही 1.20 लाख शिक्षकों को नौकरी दी गयी है.
रोजगार देने की दिशा में भी तेजी से काम हुआ
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1.20 शिक्षकों के अलावा 50 हजार हेडमास्टर , 51 हजार सिपाही और पुलिस अधिकारी को नौकरी मिली है. एक से डेढ़ साल के अंदर दो लाख को और नौकरी देंगे. उन्होंने कहा कि रोजगार देने की दिशा में भी तेजी से काम हुआ है. पांच लाख से अधिक लोगों को रोजगार की व्यवस्था की गयी है.
मामूली परीक्षा लेकर नियोजित शिक्षकों को सरकारी बनायेंगे
मुख्यमंत्री ने गांधी मैदान में नियोजित शिक्षकों को लेकर भी बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि मामूली परीक्षा लेकर नियोजित शिक्षकों सरकारी शिक्षक बनायेंगे. नियोजित शिक्षकों को भी तो पैसा सरकार दे ही रहे हैं. उनकी मांग थी सरकारीकरण करने की. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत और नगर निकायों में 3.68 लाख नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति की गयी थी. इससे पहले स्कूलों को बुरा हाल था.
बिहार में बड़े पैमाने पर हुई नियुक्ति
इसके साथ ही शिक्षक बहाली पर उठ रहे सवालों को लेकर सीएम ने कहा कि दूसरे राज्य के लोगों को नौकरी देने से बिहार के लोगों की हकमारी होने का जो लोग आरोप लगा रहे हैं. उन्हें पता होना चाहिए कि दूसरे राज्यों में बिहार के कितने ही लोग नौकरी कर रहे हैं. लोगों को तो इससे खुशी होनी चाहिए की दूसरे राज्य के लोग बिहार आ कर काम करेंगे. सीएम ने यह भी कहा कि बिहार में जीतने बड़े पैमाने पर नियुक्ति हुई है, उतने बड़े पैमाने पर कहीं भी नियुक्ति नहीं हुई है.
88 फीसदी शिक्षक ही बहाल हो पाये
सीएम ने कहा कि 1.70 लाख शिक्षकों की बहाली के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी, परीक्षा में करीब 8 लाख शिक्षक शामिल हुए थे. चूंकि परीक्षा में सभी सफल नहीं हुए, इसलिए 88 फीसदी शिक्षक ही बहाल हो पाये. जो लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि बाहरी लोगों की बहाली की गयी है, वे जानते हैं कि जब भी कोई बहाली होती है तो देश भर के लोगों को मौका दिया जाता है. बिहार के लड़के-लड़कियों को दूसरे राज्यों में कितनी बहाली मिलती है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में बिहार के नवनियुक्त शिक्षकों के बीच नियुक्त पत्र का वितरण किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शिक्षक नियुक्ति में देश के अन्य राज्यों के लोगों को मिले अवसर पर विरोधियों को दो टूक जवाब दिया है. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यह तो खुशी की बात है कि आज देश भर के लोग बिहार नौकरी करने के लिए आ रहे हैं.
यूपी जैसे पड़ोसी राज्य हो या फिर महाराष्ट्र जैसे विकसित राज्य सभी जगहों से लोग बिहार में नौकरी पाने के लिए आ रहे हैं. नीतीश कुमार ने राज्यों का नाम गिनाते हुए कहा कि केरल जैसे सूदूर राज्यों से भी नौकरी के लिए लोग आज बिहार की ओर आ रहे हैं. निश्चित तौर पर ये बिहार के लिए एक अच्छी बात है. उन्होंने कहा कि जो लोग आरोप लगा रहे हैं कि बाहरी लोगों को नौकरी देने से बिहार के लोगों की हकमारी हो रही है, तो उन्हें पता होना चाहिए कि बिहार के कितने ही लोग दूसरे राज्यों में नौकरी कर रहे हैं. यह तो खुशी की बात है कि दूसरे राज्यों से लोग बिहार आकर यहां के स्कूलों में पढ़ाएंगे.
दूसरे राज्यों के लोगों को बाहरी कहना गलत
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम तो कई जगह घूमते रहते हैं, बिहार का लोग भी बाहर रहता है. जब यहां हमलोग कुछ दूसरे राज्यों के लोगों को बहाल किए हैं तो कुछ-कुछ कह रहे हैं. पहले नहीं आलोचना करता था. बिहार क्या देश से बाहर है, पूरा देश एक है. बिहार के लोग भी बाहर जाकर नौकरी करते हैं. कहा जा रहा है कि बिहार के लोगों के साथ अन्याय होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा. उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार के लोग बाहर भी नौकरी कर रहा है,
लेकिन सबलोग ऐसे ही बोलते रहते हैं. बिहार में शिक्षक की नौकरी पाने वाले लोगों में केरल, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, असम, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा समेत की राज्यों के लोग शामिल हैं. ये तो खुशी की बात है कि दूसरे राज्यों के लोग कहां कहां से बिहार आ रहे हैं. दूसरे राज्यों के लोग यहां के स्कूलों में पढ़ाएंगे ये तो खुशी की बात है. उन्हें बाहरी कहना गलत है. वो भी भारत के ही लोग हैं और बिहार भी भारत में ही है. हम सभी एक देश के नागरिक हैं. जो लोग सवाल उठा रहे हैं कि बाहरी लोगों की बहाली हुई है, उनको पता है सब दिन से कोई भी बहाली होती है तो देशभर के लोगों को मौका दिया जाता है. बिहार के लड़के लड़कियों को दूसरे राज्यों में कितनी नौकरी मिलती है.
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