BPSC से चयनित शिक्षकों को वेतन के लिए भरना होगा गूगल शीट,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा पहले चरण में चयनित अधिकतर शिक्षकों को अब तक पहली यानि नवंबर महीने की सैलरी नहीं मिली है. लेकिन इसमें सरकार की तरफ से कोई गलती, लापरवाही या परेशानी नहीं. बल्कि स्वयं नवचयनित शिक्षकों ने ही शिक्षा विभाग को अभी तक अपनी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है. ऐसे में शिक्षा विभाग ने वैसे शिक्षकों का विवरण मांगा है, जिन्हें अभी-तक नवंबर माह का वेतन भुगतान नहीं हुआ है, जबकि वह योगदान कर चुके हैं और ड्यूटी भी कर रहे हैं. यह विवरणी शिक्षकों को स्वयं ही गूगल-शीट पर अपलोड करना है.
इस संबंध में शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक के माध्यम से आदेश जारी किया गया है. आदेश में बताया गया है कि जिन अध्यापकों ने विज्ञापन संख्या-26/2023 (TRE-1) के तहत अपने आवंटित विद्यालय में योगदान कर लिया है और अभी तक उनका नवंबर 2023 का वेतन भुगतान नहीं हुआ है, वैसे अध्यापकों को सूचित किया जाता है कि वे शिक्षा विभाग के Google Sheet के लिंक पर अपना विवरण दो दिनों के अंदर अपलोड करना सुनिश्चित करेंगे. इस नोटिस में गूगल शीट का लिंक https://forms.gle/5nAs67LENywMYgm5A भी दिया गया है.
गूगल शीट में दर्ज करनी होगी ये जानकारी
शिक्षकों को गूगल शीट में PRAN नंबर (Permanent Retirement Account Number), रोल नंबर, पैन (Permanent Account Number) नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज करना है. इसके बाद अपना जिले का चयन कर फॉर्म को सबमिट कर देना है. सारे विवरण दर्ज करने के बाद शिक्षकों के वेतन को जारी करने की प्रक्रिया की जाएगी. मालूम हो कि पहले चरण में चयनित एक लाख शिक्षकों ने योगदान किया है. सूत्रों के मुताबिक दरअसल अधिकतर शिक्षकों को अभी तक वेतन नहीं मिला है.
फर्जी शिक्षकों की होगा पड़ताल
शिक्षा विभाग ने बिहार लोक सेवा आयोग से अनुशंसित शिक्षकों के थंब इम्प्रेशन का मिलान और दस्तावेज सत्यापन एक बार फिर से करा रही है. थंब इम्प्रेशन के मिलान की कवायद दो जनवरी से शुरू की जा रही है. दरअसल शिक्षा विभाग को शक है की कई शिक्षकों में फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी हासिल की है. ऐसे में नव नियुक्त फर्जी विद्यालय अध्यापकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए यह कवायद की जा रही है.
थंब इम्प्रेशन सत्यापन की यह कवायद बिहार लोक सेवा आयोग के वेंडर्स की तरफ से लगायी गयी मशीनों से किया जायेगा. दरअसल आयोग की मशीनों में पहले से थंब इम्प्रेशन रक्षित हैं. उन्हीं से एक लाख से अधिक शिक्षकों का मिलान किया जाना है.
इसी महीने पूरा करना है सत्यापन
माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया लाल श्रीवास्तव ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि विज्ञापन संख्या 26 / 2023 अर्थात बीपीएससी के प्रथम चरण में नियुक्त विद्यालय अध्यापकों के थंब इम्प्रेशन का मिलान दो जनवरी से किया जाये. इसके लिए जिला स्तर पर बुलाये जाने वाले शिक्षकों की संख्या का निर्धारण इस प्रकार करें , जिससे जनवरी महीने में सभी नव नियुक्त विद्यालय अध्यापकों का सत्यापन पूरा किए जा सके.
थंब इम्प्रेशन मशीनें इंस्टॉल
नव नियुक्त विद्यालय अध्यापकों की पहचान के लिए संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों या प्रभारी प्रधानाध्यापकों को भी थंब इम्प्रेशन के मिलान के दौरान अनिवार्य तौर पर उपस्थित रहना होगा. बीपीएससी के वेंडर्स ने थंब इम्प्रेशन मशीनें इंस्टॉल कर दी हैं. यह कवायद जिला स्तर पर की जानी है. पहले चरण के बाद दूसरे चरण में चयनित शिक्षकों के थंब इम्प्रेशन का मिलान भी जनवरी में ही शुरू होगा.
शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक के स्तर से शिक्षकों को जितनी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है, उस अनुपात में उनसे काम लेने के कोशिश के तहत उन पर शिकंजा भी कसा जा रहा है. एसीएस पाठक ने शिक्षकों से छह क्लास लेना सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है. उनके इस आदेश के आलोक में सोमवार को सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ सुभाष कुमार ने सभी बीईओ और प्रधान शिक्षकों को पत्र भेज उक्त निर्देश का अनुपालन कराने का निर्देश दिया है.
क्लास लेने से अभिलेख होगा संधारित
जारी पत्र में डीपीओ ने कहा है कि सभी प्राथमिक, मिडिल, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों को छह क्लास लेना अनिवार्य किया गया है. इसको लेकर स्कूलों में एक पंजी भी संधारित होगी. उक्त पंजी को स्कूलों के निरीक्षण के दौरान अधिकारी चेक करेंगे और अपने प्रतिवेदन में इसका उल्लेख करेंगे कि कितने शिक्षक के द्वारा छह क्लास लिया गया है और कितने के द्वारा नहीं. निरीक्षी पदाधिकारी प्रतिदिन स्कूलों का निरीक्षण करेंगे और छह क्लास नही लेने वाले शिक्षक और उनके स्कूल के नाम का जिक्र कर रिपोर्ट भेजेंगे.
निदेशक को भेजी जाएगी रिपोर्ट
उक्त रिपोर्ट प्रखंडों से मिलने पर उसे समेकित करने के बाद जिला से प्रतिदिन प्राथमिक शिक्षा निदेशक को भेजी जाएगी. सभी बीईओ को निर्देश दिया गया है कि अगर कोई शिक्षक अमूक दिन छह क्लास नहीं की है, तो उस दिन के वेतन की कटौती करने के बाद ही डीपीओ, स्थापना से वेतन भुगतान की अनुशंसा करेंगे. इसके अलावा छह क्लास नहीं लेने को लेकर संबंधित शिक्षक से कारण-पृच्छा भी किया जायेगा. जिला स्तर से भी अनुश्रवण के क्रम में छह क्लास नहीं लेने को लेकर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.
तीन तरह की होगी कार्रवाई
डीपीओ कुमार की माने, तो छह क्लास नहीं लेने वाले शिक्षकों के खिलाफ एक साथ तीन तरह की कार्रवाई की जायेगी. पहले वेतन की कटौती होगी. फिर कारण पृच्छा और तीसरी कार्रवाई के तहत विभागीय कार्यवाही भी चलेगी. उन्होंने सभी बीईओ से माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक जो छह क्लास नहीं लेते है, उनका पूरा डिटेल उन्हें सीधे उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है, ताकि जिला स्तर से अपेक्षित कार्रवाई की जा सके.
अब रोज होगी कक्षा संचालन की स्थिति की छपायी
भागलपुर से मिली जानकारी के अनुसार अब उच्च विद्यालय व प्लस टू स्कूलों में पठन-पाठन को व्यवस्थित करने का एक और नियम शिक्षा विभाग ने लागू कर दिया है. शिक्षकों की स्कूल में उपस्थिति व कक्षा संचालन की स्थिति की रोज छपायी होगी और फिर छपे हुए कागजात कार्यालय पंजी में संलग्न किये जायेंगे.
कक्षा संचालन की स्थिति का मुद्रण हो
इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा के निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने डीइओ को पत्र भेजा है और एक जनवरी से ही नियम लागू करने का निर्देश दिया है. सूत्र बताते हैं कि शिक्षा विभाग यह मान रहा है कि शिक्षकों की उपस्थिति और कक्षा संचालन की स्थिति का मुद्रण हो जाने से फिर उसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं होगा और एक नयी व्यवस्था लागू हो जाने से शिक्षकों को भी रूटीन में ढलने में सहजता होगी.
विभाग ने उपलब्ध कराया फॉर्मेट
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने डीइओ को एक फॉर्मेट उपलब्ध कराया है. इसमें माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की दैनिक उपस्थिति व कक्षाओं की स्थिति से संबंधित बिंदुओं को भरा जाना है. इस फॉर्मेट में यह भरना है कि स्कूल अवधि में किस शिक्षक ने कितने बजे से कितने बजे तक क्लास ली. विशेष कक्षा का संचालन किया हो, तो वह भी भरा जायेगा. मिशन दक्ष के तहत ली गयी कक्षाओं की संख्या बतानी है. प्रतिदिन इस फार्मेट में शिक्षक व प्रधानाध्यापक का हस्ताक्षर होगा.
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