तेलंगाना सरकार ने बचाव के लिए रोबोट तैनात करने का किया फैसला
16 दिन से फंसे हैं कई मजदूर
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
ऑपरेशन के लिए 4 करोड़ खर्च करेगी सरकार
राज्य के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने 8 मार्च को कहा कि सरकार रोबोट विशेषज्ञों की सेवाओं का इस्तेमाल करके ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए चार करोड़ रुपये खर्च करेगी। एन उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा था कि विशाल टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के टुकड़े पानी में डूब गए, सुरंग के अंदर मिट्टी और पत्थरों के कारण बचाव दल के लिए खतरा पैदा हो गया।
सुरंग के अंदर रोबोट का इस्तेमाल
2 मार्च को सुरंग का दौरा करने वाले मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने बचाव कर्मियों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों को सुझाव दिया कि यदि आवश्यक हो तो सुरंग के अंदर रोबोट का इस्तेमाल करें।
कैडवर डॉग स्क्वाड, रोबोट, बचाव अभियान में जुटी सेना की टीम
एनडीआरएफ, सरकारी खनन कंपनी सिंगरेनी कोलियरीज, रैट माइनर्स और अन्य की टीमें कैडेवर डॉग्स और रडार सर्वे द्वारा बताए गए विशिष्ट स्थानों पर काम कर रही हैं ताकि सात लोगों का पता लगाया जा सके। हैदराबाद में राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वेक्षणों के मार्गदर्शन में बचाव कर्मी संदिग्ध स्थानों पर प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इससे पहले इस बचाव कार्य में केरल पुलिस की भी सहायता ली गई।
तेलंगाना सरकार ने रोबोट को इस्तेमाल करने का फैसला इसलिए किया क्योंकि सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ की वजह से परेशानी हो रही थी और वह नहीं चाहती कि बचाव कर्मियों के लिए कोई भी खतरा हो. तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने 8 मार्च को कहा था कि सरकार हैदराबाद स्थित निजी कंपनी के रोबोट विशेषज्ञों की सेवाओं का अभियान में इस्तेमाल करेगा, जिसके लिए चार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. उन्होंने कहा था कि सुरंग के अंदर पानी, मिट्टी और पत्थरों के नीचे विशाल टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के टुकड़े डूब गए हैं, जिससे बचाव दल के लिए खतरा पैदा हो गया था.
2 मार्च को मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी वहां पहुंचे और बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों को सुरंग के अंदर बचाव कर्मियों के साथ रोबोट को भेजने का सुझाव दिया था.
बचाव अभियान में एनडीआरएफ, राज्य संचालित माइनर सिंगरेनी कोलियरीज, रैट माइनर्स और अन्य टीमें शामिल हैं. सभी टीम खोजी कुत्तों और रडार सर्वेक्षण द्वारा बताए जा रहे विशिष्ट स्थानों पर काम कर रहे हैं, ताकि सात लोगों का पता लगाया जा सके. हैदराबाद में राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वेक्षणों द्वारा निर्देशित बचावकर्मी संदिग्ध स्थानों पर प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. केरल पुलिस के मानव अवशेष पहचान कुत्तों (एचआरडीडी) ने खोज में और सहायता की.