बिहार में केंद्र की ओर से दस हजार करोड़ के कार्य होंगे
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
विधानसभा के इस साल होने वाले चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बिहार को लेकर दो और बड़े ऐलान किए है। इसमें 6282 करोड़ से अधिक के कोसी-मेची नदीं जोड़ों प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इससे न सिर्फ सीमांत बिहार और कोसी के आसपास के क्षेत्र को बाढ़ से राहत मिलेगी बल्कि दो लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल से अधिक भूमि की सिंचाई भी हो सकेगी।
बिहार में अंतरराज्यीय परिवहन की सुविधा और बेहतर हो सकेगी
इसके साथ ही पांच राष्ट्रीय और चार राज्य के राजमार्गों को जोड़ने वाले 3712 करोड़ के 120 किमी लंबे पटना-आरा-सासाराम फोर लेन कारीडोर को भी हरी झंड़ी दी गई है। इससे बिहार में अंतरराज्यीय परिवहन की सुविधा और बेहतर हो सकेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में शुक्रवार को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए ) की बैठक में यह निर्णय लिए गए है।
कोसी- मेची नदी जोड़ो परियोजना पर होगा काम
कैबिनेट से जुड़े निर्णयों की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 6282 करोड़ के अधिक के कोसी- मेची नदी जोड़ो परियोजना से सीमांत बिहार सहित कोसी नदी के आसपास के एक बड़े क्षेत्र को बाढ़ की समस्या से सदैव के लिए निजात मिलेगी।
साथ ही इस परियोजना से किसानों को दो लाख हेक्टेयर से अधिक की सिंचाई की भी सुविधा मिलेगी। इसका लाभ मुख्य रूप से बिहार के अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार जिलों को मिलेगी।
जलधारा को महानंदा बेसिन में लाया जाएगा
परियोजना के तहत प्रत्येक मानसून सीजन में कोसी नदी के 2050 मिलियन क्यूविक मीटर पानी को सिंचाई के लिए महानंदा बेसिन में मोड़ा जाएगा। परियोजना के तहत ही पूर्वी कोसी मुख्य नहर को विस्तार देते हुए मेची नदी से जोड़ा जाएगा, जहां से जलधारा को महानंदा बेसिन में लाया जाएगा। इस परियोजना में बिहार को 3,652.56 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता शामिल है। पूरी परियोजना को मार्च 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
पटना-आरा-सासाराम सड़क कॉरीडोर को मंजूरी
कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने इसके साथ ही बिहार को जो दूसरी बड़ी सौगात दी है, उनमें हाइब्रिड एन्युटी मोड (एनएएम) पर 120 किमी लंबे चार लेन ग्रीन फील्ड और ब्राउनफील्ड पटना-आरा-सासाराम सड़क कॉरीडोर को मंजूरी दी गई है। जिसकी कुल लागत 3712 करोड़ रुपए होगी। यह कारीडोर पांच राष्ट्रीय राजमार्गों और चार राज्य राजमार्गों को आपस में जोड़ेगा।
मौजूदा समय में सासाराम, आरा व पटना के बीच आवागमन मौजूदा राज्य राजमार्गों (एसएच-2, एसएच-12, एसएच-81 और एसएच-102) पर निर्भर है और जबकि आरा शहर में पहुंचने के लिए भारी यातायात के कारण तीन से चार घंटे लगते हैं।
ग्रीनफील्ड कॉरिडोर विकसित किया जाएगा
बढ़ते यातायात को कम करने के लिए, ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के साथ-साथ मौजूदा ब्राउनफील्ड राजमार्ग के 10.6 किमी हिस्से को उन्नत और विकसित किया जाएगा, जिससे आरा, ग्राहिणी, पीरो, बिक्रमगंज, मोकर और सासाराम जैसे स्थानों पर घनी आबादी वाले क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।
इसके साथ ही यह परियोजना एनएच-19, एनएच-319, एनएच-922, एनएच-131जी व एनएच -120 सहित प्रमुख परिवहन गलियारों को एकीकृत करती है, जिससे औरंगाबाद, कैमूर और पटना को निर्बाध रूप से आवागमन की सुविधा मिलेगी।
माल और यात्री आवागमन में तेजी आएगी
इसके अतिरिक्त, यह परियोजना दो हवाई अड्डों (पटना में जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और आगामी बिहटा हवाई अड्डा ), चार प्रमुख रेलवे स्टेशनों (सासाराम, आरा, दानापुर, पटना) और एक अंतर्देशीय जल टर्मिनल (पटना) को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी तथा पटना रिंग रोड तक सीधी पहुंच बढ़ाएगी, जिससे माल और यात्री आवागमन में तेजी आएगी।
‘बिहार के चौतरफा विकास के लिए हम संकल्पबद्ध है। इस कड़ी में आज प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कोसी -मेची इंट्रा स्टेट लिंक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इससे जहां एक बड़े क्षेत्र को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा, वहीं किसान भाई बहनों की आय भी बढ़ेगी। ‘नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री