आतंकी हमला एक भयानक याद दिलाता है कि आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है-उपराष्ट्रपति धनखड़
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
‘भारत दुनिया का सबसे शांतिप्रिय देश’
जगदीप धनखड़ ने आगे कहा, ‘भारत दुनिया का सबसे शांतिप्रिय देश है और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ (दुनिया को एक परिवार के रूप में देखने का सिद्धांत) में परिलक्षित इसकी सभ्यता की भावना वैश्विक स्तर पर गूंज रही है।
पहलगाम हमले पर जताया दुख
तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि और कुलपतियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों की स्मृति में एक मिनट का मौन धारण करने में उपराष्ट्रपति के साथ भाग लिया।
लोगों से लगाई मदद की गुहार
अंतिम यात्रा के दौरान, संगीता ने उस डरावने पल के एक-एक क्षण के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि जैसे ही उनके पति और दोस्त को गोली लगी, हम तुरंत बाजार की तरफ भागे। जगदाले की पत्नी और बेटी के साथ घायलों की मदद के लिए घोड़े पर सवार होकर पहलगाम के मेन बाजार में पहुंचे। हमने मदद के लिए गुहार लगाई और स्थानीय लोगों से जिम्मेदार अधिकारियों से हमले की जानकारी देने के लिए गुहार लगाई।
स्थानीय लोगों ने की मदद
संगीता ने आगे बताया, ‘घाटी तक पहुंचने के लिए हमने एक स्थानीय घुड़सवार को काम पर रखा था। उन्होंने ही हमें बाजार तक पहुंचने में मदद की। एक दूसरे स्थानीय कैब ड्राइवर ने उन्हें अधिकारियों से संपर्क करने में मदद की। तब तक सेना और पुलिस मौके पर पहुंच चुकी थी। सेना के हेलिकॉप्टर से घायलों से अस्पताल पहुंचाना शुरू कर दिया था।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुट
संगीता से मिलने शरद पवार के अलावा चंद्रकांत पाटिल और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण भी पहुंचे थे। वहीं, केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल और राज्य मंत्री माधुरी मिसाल अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इससे पहले जगदाले और गुनबो के शवों फ्लाइट से सुबह करीब 4 बजे पुणे पहुंचा। कुछ दोस्त, कुछ जानकार और सगे संबंधियों के अलावा पूरा शहर शोक संतप्त के घर पहुंच रहे थे। उन्होंने आतंकवाद के एकजुटता दिखाई।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित खून के प्यासे आतंकियों ने जिस तरह से निर्दोष लोगों का खून बहाया, उसका हिसाब-किताब तो कभी भी हो सकता है, लेकिन उन महिलाओं का सूना जीवन कैसे भरेगा जिनका जीवन अब पूरी तरह से अंधकारमय हो गया है।
उन माताओं का क्या होगा जिनके बुढ़ापे की लाठी ही टूट गई। उन बच्चों का क्या होगा जो अनाथ हो गए। खौफ और तबाही का वो ऐसा मंजर था कि हताशा में महिलाओं द्वारा ‘अल्लाहु अकबर’ का नारा लगाना भी काम न आया। उनकी आंखों के सामने ही पतियों को गोली मार दी गई।
अल्लाह हू अकबर चिल्लाने लगे
पहलगाम में हुए आतंकी हमले में महाराष्ट्र के भी कई लोग मारे गए हैं। मृतकों में पुणे के दो लोग कौस्तुभ गणबोटे और संतोष जगदाले शामिल हैं। कौस्तुभ गणबोटे की पत्नी ने ऐसी ही भयावहता साझा की। आतंकियों ने पूछा कि क्या हम अजान पढ़ सकते हैं। हताशा में हमने ‘अल्लाहु अकबर’ का नारा लगाना शुरू कर दिया। फिर भी उन्होंने हमारे पतियों को गोली मार दी।
भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद तेजस्वी सूर्या ने पहलगाम आतंकी हमले में प्रभावित परिवारों की दिल को छू लेने वाली बातें की हैं। सूर्या ने बताया कि कैसे मंजूनाथ राव की पत्नी पल्लवी के सामने आतंकियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। अपने पति की यादों को संजोए रखने के लिए उनके खून से सने जैकेट को पल्लवी ने अपने पास रख लिया है।
अब तक सदमे में हैं परिवार
- इसी तरह उन्होंने एक अन्य पीड़ित भारत भूषण के तीन वर्षीय बेटे से जुड़ी भावनात्मक बातों को भी साझा किया। अपने पिता की मौत से अनजान भारत भूषण का तीन वर्षीय बेटा मौत को समझने के लिए बहुत छोटा है। वह उसी फ्लाइट में था, जिससे उसके पिता का शव लाया गया। वह उसी फ्लाइट में बैठकर मोबाइल से खेलते हुए अपनी मां को खिड़की से दूसरा हवाई जहाज दिखा रहा है।
- सूरत के रहने वाले एक अन्य व्यक्ति सुरेश कलथिया भी अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ पहलगाम में छुट्टियां मना रहे थे। आंतकियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। उनकी पत्नी और बच्चे बच गए।
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