ब्रजकिशोर बाबू के प्रति श्रद्धा से रोशन थी वह शाम!
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सीवान के श्रीनगर स्थित ब्रजकिशोर बाबू की प्रतिमा पर मोमबत्तियां जलाकर सोसायटी हेल्पर ग्रुप और स्थानीय प्रबुद्धजनों ने श्रद्धा सुमन किये अर्पित
वह शाम श्रद्धा की थी। वह शाम त्याग के संस्मरण से रोशन थी। वह शाम राष्ट्र के प्रति योगदान के नमन की थी। वह शाम उस त्याग के स्मरण की थी, जिससे आज हम आजाद हैं। वह शाम महान स्वतन्त्रता सेनानी ब्रजकिशोर बाबू के जयंती की थी। स्थान था श्रीनगर स्थित ब्रज किशोर बाबू का प्रतिमा स्थल।
वहाँ बच्चे भी थे, युवा भी थे, बड़े भी थे। श्रद्धा की लौ मोमबत्तियों से रौशन हो रही थी। नमन सिवान के उस महापुरुष के पावन स्मृति का हो रहा था, जिसे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी ने ‘जेंटल मैन बिहारी’ तो संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष सचिदानंद सिन्हा ने’ हीरो ऑफ बैटल’ कहा था।
श्रद्धा सुमन उस महान व्यक्तित्व को अर्पित किया जा रहा था, जो चम्पारण सत्याग्रह की सफलता में गाँधी जी के महत्वपूर्ण सहयोगी रहे। याद उस पुण्यात्मा को किया जा रहा था, जिसने अपनी चमकती वक़ालत् को त्याग कर राष्ट्रीय आंदोलन की बागडोर संभाली थी। स्मरण उस महान स्वतंत्रता सेनानी का हो रहा था, जिसने असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन में फिरंगी हुकूमत के लिए जटिल मुश्किलें प्रस्तुत की ।
मोमबतियों की रोशनी में शिक्षाविद् गणेश दत्त पाठक यह कह पड़े कि आज सबसे बड़ी आवश्यकता नई पीढ़ी को ब्रजकिशोर बाबू जैसे महापुरुषों के बारे में जानकारी देने की है। ताकि नई पीढ़ी राष्ट्र के प्रति समर्पण के भाव, त्याग की संकल्पना, और संवेदना के स्वभाव को आत्मसात् कर सके।
डॉक्टर रविकांत सिंह ने कहा कि स्कूल में विभिन्न गतिविधियों जैसे निबंध लेखन स्पर्धा, भाषण प्रतियोगिता आदि के माध्यम से ब्रजकिशोर बाबू जैसे महापुरुषों के बारे में छात्रों को जानने के अवसर मुहैया कराया जाना चाहिए। ब्रजकिशोर बाबू के परिजन श्री सुनील सिन्हा ने कहा कि ब्रजकिशोर बाबू ने बिहार में आए भूकंप के दौरान मानवता की महान सेवा भी की थी।
इस अवसर पर रमइया सिंह, सोसायटी हेल्पर ग्रुप के अनमोल् कुमार, अभिमन्यु, नितीश, संदीप, अविनाश, शानू, सूरज, दिव्यांशु, प्रियांशु, ओम, सुयश, आर्यन आदि उपस्थित रहे।
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