बिहार राज्य का वार्षिक बजट 3.17 लाख करोड़ का हुआ
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी आज सोमवार को राज्य का वार्षिक बजट पेश किए. यह बजट 3.17 लाख करोड़ का है. सरकार की प्राथमिकताओं में शिक्षा इस बार भी प्रमुख मुद्दा रहा. पिछले साल की तरह इस बार भी शिक्षा को विशेष महत्व दिया गया है. बता दें कि सबसे बड़ा बजट शिक्षा विभाग का है. इस बजट में शिक्षा पर 60 हजार 964 करोड़ खर्च किए जाएंगे.
सबसे अधिक शिक्षा पर खर्च करेगी नीतीश सरकार
- शिक्षा विभाग पर 60974 करोड़ रुपए
- स्वास्थ्य विभाग पर 20335 करोड़ रुपए
- गृह विभाग को 17831 करोड़ रुपए
- ग्रामीण विकास विभाग को 16043 करोड़ रुपए
- ऊर्जा विभाग को 13484 करोड़ रुपए
- राजकोषीय घाटा निर्धारित सीमा तीन फीसदी के अधीन है.
- मौजूदा वर्ष से अगले साल का बजट 38 हजार करोड़ अधिक है.
- आर्थिक सेवा में 25 हजार 262 करोड़ रुपये का प्रस्ताव.
- बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए एक हजार करोड़ तय किया गया है.
वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने बजट भाषण के दौरान कहा कि, राज्य के 534 प्रखंडों में से 398 में डिग्री कॉलेज नहीं हैं. इन सभी प्रखंडों में चरणबद्ध तरीके से डिग्री कॉलेज खोले जायेंगे. वहीं उन्होंने आगे कहा कि अति पिछड़ा, प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति को दुगुना करने का काम किया जाएगा. मुख्यमंत्री एससी-एसटी छात्रावास अनुदान योजना दोगुना करके अब 2000 कर दिया जाएगा. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए भी 1 हजार करोड़ प्रस्तावित किए गए हैं.
2024-25 में पेश हुआ था 2 लाख 78 हजार 425 करोड़ रुपये का बजट
वित्तीय वर्ष 2024-25 में बिहार सरकार ने 2 लाख 78 हजार 425 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, जिसमें शिक्षा क्षेत्र को सर्वाधिक 52,639.03 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष भी शिक्षा को लेकर बड़ी घोषणाएं की जाएंगी, जिससे स्कूलों के बुनियादी ढांचे, शिक्षकों की भर्ती और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा सके.
नीतीश सरकार पहले भी शिक्षा सुधारों पर काम करती रही है. जिसमें मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना और विद्यालयों के आधुनिकीकरण जैसी योजनाएं शामिल हैं. देखना होगा कि इस बार के बजट में राज्य सरकार शिक्षा को और किस दिशा में ले जाने की तैयारी कर रही है.
प्रमुख शहरों में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास का निर्माण होगा.
358 प्रखंडों में डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे.
बड़े अनुमंडलों में रेफरल अस्पताल का निर्माण होगा.
108 नगर चिकित्सा सुविधा केंद्र खुलेंगे.
सभी प्रमंडालों में कैंसर अस्पताल खुलेंगे.
बेगूसराय में कैंसर अस्पताल बनेगा.
पिछड़ों को दी जाने वाली छात्रवृत्त्ति दोगुनी की जाएगी.
एससी एसटी की छात्रवृत्त्ति दोगुनी होगी.
प्रत्येक प्रखंड में आउटडोर स्टेडियम बनेंगे.
साइबर अपराध रोकने के लिए डेटा सेंटर बनाये जाएंगे.
प्रमुख शहरों में पिंक बस चलेंगे, इसमें चालक और कंडक्टर महिला होंगी.
नहर के किनारे सोलर प्लांट लगेंगे, इसके लिए 25 करोड़ का फंड बनेगा.
होम स्टे योजना को बढ़ावा दिया जायेगा, महिला गाइड बहाल होंगे.
पूर्णिया हवाई अड्डे से अगले तीन महीने में उड़ान शुरू हो जायेगा.
पूर्णिया हवाई अड्डा शीघ्र चालू होगा. अगले तीन महीने में पूर्णिया एयरपोर्ट से उड़ेगा हवाई जहाज. बिहार की सरकार ने फैसला किया है कि राजगीर, सुल्तानगंज और रक्सौल में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जाएंगे. वाल्मिकीनगर, मुंगेर, सहरसा, और मुजफ्फरपुर में छोटे हवाई जहाजों के लिए हवाई सेवा होगी शुरू.
प्रमुख शहरों में कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा एवं स्वस्थ वातावरण देने के लिए हॉस्टल खुलेंगे. देश के कई शहरों में प्रवासी मजदूरों के लिए सेंटर खोले जाएंगे. सभी प्रखंडों में एक-एक डिग्री कॉलेज खुलेंगे. पीपीडी मोड आधारित मेडिकल कॉलेज खुलेंगे. बिहार कैंसर केयर सोसायटी की स्थापना की जाएगी. बेगूसराय में सबसे अधिक कैंसर मरीज हैं इसलिए वहां कैंसर अस्पताल का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा SC/ST प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप की राशि को दोगुना किया गया है.
इस वित्तीय वर्ष में राजस्व 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपया अनुमानित है. पिछले वित्तीय वर्ष से यह करीब 34 हजार करोड़ रुपया अधिक है. पंचायति राज निकाय के लिए 4012 करोड़ प्रस्तावित हैं. नगर निकाय के लिए 2160 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं.
1 लाख 38 हजार 515 करोड़ रुपये बिहार को केंद्र से टैक्स हिस्सेदारी के रूप में इस साल मिलने का अनुमान है. यह पिछले साल के 1.13 लाख करोड़ की तुलना में ज्यादा है. केंद्र प्रायोजित स्कीम में लगभग 45 हजार करोड़ रुपया आना है.
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