श्री श्रीठाकुर अनुकूलचन्द्र जी का धूमधाम से मनाया गया जन्मोत्सव
शहर में गाजे बाजे के साथ निकाली गई शोभा यात्रा,
बड़ी संख्या में जुटे श्रद्धालु,
धर्म सम्मेलन व मातृ सभा का किया रस्सास्वादान,
प्रवचन सुन भाव विभोर हुए अनुयायी,
आनंद बाजार में हुए सम्मिलित.
श्रीनारद मीडिया, चंद्रशेखर, छपरा (बिहार):
युग पुरुषोत्तम श्री श्रीठाकुर अनुकूल चन्द्र जी का 136 वां जन्म महोत्सव रविवार को भक्तिमय वातावरण में धूमधाम से मनाया गया. बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए और अपने आराध्य को याद किया. गाजे बाजे के साथ शहर में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई. इसके उपरांत उत्सव स्थल पर धर्म सभा व मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया. श्रद्धालुओं ने आनंद बाजार का भी आनंद उठाया.
जन्मोत्सव के दिन सर्वप्रथम प्रभातफेरी निकाली गई. उसके बाद विनती प्रार्थना किया गया. इसके उपरांत अनुयायियों के उमड़े जन सैलाब और गाजे बाजे के साथ एक भव्य शोभा यात्रा नवीगंज स्थित श्री मंदिर से निकल धर्मनाथ मंदिर, कटरा, एसडीएस कॉलेज, हॉस्पिटल चौक, डाक बंगला रोड, थाना चौक होते मौना चौक, नगरपालिका चौक के रास्ते पुनः थाना चौक होते हुए मुख्य उत्सव स्थल गर्ल्स स्कूल के प्रांगण में अवस्थित प्रेक्षा गृह में पहुंचा. इस दौरान ‘बंदे पुरुषोत्तमम’ के नारों से पूरा शहर गुंजायमान रहा.
धर्म सभा का शुभारंभ ठाकुर जी के भजन कीर्तन के माध्यम से शुरू हुआ. इस बीच धर्मानुरागी विद्वत जनों ने अपने प्रवचन से भक्तवृंदो का ठाकुर जी के प्रति निष्ठा प्रबल की और उनका मार्ग प्रशस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
अविन दा से आशीर्वाद प्राप्त और दरभंगा से पधारे शिवम आकाश ने अपने ओजपूर्ण जाजन से उपस्थित जन समूह का ध्यान आकृष्ट किया और उन्हें भाव विह्वल कर दिया. उन्होंने कहा कि असीम अनंत ईश्वर जब नर रूप में आते हैं, तो उसी को पुरुषोत्तम कहते हैं. हम अपने पुरुषोत्तम को पकड़ कर चलेंगे तो कभी कष्ट नहीं होगा. उन्होंने आगे कहा कि हरेक को कर्म फल जरूर मिलता है, इसलिए हमे इष्ट के काम में रह अपना पुण्य तलाशना होगा. उन्होंने आचार्य दा और अवीन दा को जीवंत ईश्वर बता उनकी बात मानने को कहा और डीपी वर्क करने के लिए प्रेरित किया. वरिष्ठ एसपीआर श्री राम गिरि ने कहा कि हमारे ठाकुर जी परमप्रेममय है, उनके अनुयायी होने के नाते हमे द्वेष, घृणा और कटुता आदि को त्याग अपने अंदर प्रेम जागृत करना होगा. गोपालगंज से पधारे एसपीआर पंकज बराल ने इष्टभृति की महिमा को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे अकाल मृत्यु टल जाती है और हमारे समक्ष इसके असंख्य उदाहरण प्रस्तुत हैं. ब्रजेश मिश्रा ने ‘नाम’ के रूप में मिले अमृत का पान करने की बात कही. ब्रजेश मिश्रा, शंभू दा, के सी दा आदि ने भी संबोधित किया.
वहीं भजन कीर्तन के क्रम में जटाधारी प्रसाद दा ने सर्वप्रथम उदबोधनी गीत प्रस्तुत कर उत्सवी वातावरण तैयार कर दिया. ‘गुरु बिन कहां है गुजारा’ गाकर कर राम जीवन दा ने उत्सव स्थल को भक्तिमय बना दिया. विजय पंडित दा ने ‘ठाकुर का नाम अनमोल बोल राधे राधे गाया’, प्रदीप दा और गांधी यादव ने भी ठाकुर जी का भजन गाया
मातृ सभा में प्रो रूबी चंद्रा, सावित्री मां, पुष्पा मां, सीमा मां, आशा मां, पुष्पा गुप्ता मां, काजल गुप्ता मां आदि ने भजन कीर्तन किया तथा नारी जीवन पर बडमां के आदर्शों पर चर्चा की.
संचालन एसपीआर डॉ विनय प्रसाद ने किया. जन्मोत्सव समारोह की सफलता में राजेंद्र प्रसाद, चंद्रशेखर कुमार, रजनीश जायसवाल, मनोरंजन सिंह, हरेंद्र प्रसाद, सत्य नारायण दा, ओम प्रकाश गुप्ता, मनोज दा, शशि सोनी, वीरेश्वर अनुकूल, आशीष गुप्ता, असीम अनुकूल, आशीष सोनी आदि की भूमिका महत्वपूर्ण रही.
इस अवसर पर गणेश कुमार, जलेश्वर बैठा, दीपक, संतोष, राजीव, अरुण, मोहित, शिवलाल प्रसाद, सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे.
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