श्रीनिवास अयंगर रामानुजन की जयंती राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाई जाती है.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारत और भारतवासियों के लिए 22 दिसंबर का दिन बेहद गौरवशाली है। यह दिन देश में National Mathematics Day यानी राष्ट्रीय गणित दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
1887 में इसी तारीख को भारतीय महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन का जन्म हुआ था। भारत सरकार ने उनके जीवन की उपलब्धियों को सम्मान देने के लिए 22 दिसंबर यानी उनकी जयंती को राष्ट्रीय गणित दिवस घोषित किया था। इसकी घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 26 फरवरी, 2012 को मद्रास विश्वविद्यालय में श्रीनिवास रामानुजन के जन्म की 125वीं वर्षगांठ के उद्घाटन समारोह के दौरान की थी।
1918 में रामानुजन को एलीप्टिक फंक्शंस और संख्याओं के सिद्धांत पर अपने शोध के लिए रॉयल सोसायटी का फेलो चुना गया। रॉयल सोसायटी के पूरे इतिहास में रामानुजन कम आयु का कोई सदस्य आज तक नहीं हुआ है। इसी वर्ष, अक्तूबर में वे ट्रिनिटी कॉलेज के फेलो चुने जाने वाले पहले भारतीय बने थे। इसके बाद रामानुजन 1919 में भारत लौट आए। 32 वर्ष की आयु में 26 अप्रैल, 1920 को उन्होंने कुंभकोणम में अंतिम सांस ली।
श्रीनिवास रामानुजन (Srinivasa Ramanujan)का जन्म 22 दिसंबर 1887 में मद्रास में हुआ था. बचपन से ही उनका मैथ से काफी लगाव था गणित में रामानुजन अच्छे नंबर लाते थे. अन्य विषयों में उतनी रुचि नहीं दिखती थी जितनी गणित के लिए दिखती थी. गणित को छोड़कर वे अन्य विषयों में इतने कमजोर थे कि वे फेल हो जाते थे. लेकिन गणित से उन्हें इतना प्रेम था कि इस विषय में एक अलग ही पहचान ही बना ली. इसके बाद स्कूलों से उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप (Scholarship) मिलने लगे.महज 12 साल में उन्होंने त्रिकोणमिति (trigonometry) में महारथ हासिल कर लिया था.
13 साल की उम्र में उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एस. एल. लोनी की विश्व प्रसिद्ध त्रिकोणमिति (trigonometry) पर लिखित किताब को पढ़कर का अपनी खुद की मैथमेटिकल थ्योरी बनाई. उन्होंने बहुत ही कम उम्र में बिना किसी की मदद लिए कई प्रमेय रच दिया था. इस विशेष योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें कई सम्मान से नवाजा था. इसके बाद उन्होंने कई नए-नए गणित के फॉर्मूले लिखें. श्रीनिवास रामानुजन की बेहद ही कम उम्र में (33 वर्ष) टीबी रोग से ग्रस्त होने के कारण 26 अप्रैल 1920 को उनका निधन हो गया. तात्कालिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 26 फरवरी 2012 को मद्रास विश्वविद्यालय में भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जन्म की 125 वीं वर्षगांठ के समारोह के उद्घाटन समारोह के दौरान 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाए जाने कि घोषणा की थी.
इस दिन को मनाने का उद्देश्य
सुविख्यात गणितज्ञों का मानना है कि गणित का मानव जीवन के विकास में बहुत महत्व है. लोगों को गणित के प्रति जागरुक करना इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है. विश्व विख्यात गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन ने गणित को आसान बनाने और लोगों के बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ाने की काफी कोशिशें की. गणित के शिक्षकों को इसे आसानी से समझाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है.
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