बिहार के पूर्णिया में ऑनलाइन एग्जाम सेंटर की काली कमाई की खुली कलई

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

एसएससी की एमटीएस परीक्षा में फर्जीवाड़े का पूर्णिया पुलिस के द्वारा भंडाफोड़ किए जाने के बाद अब इस गिरोह को लेकर कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. पुलिस ने डिजिटल ऑनलाइन सेंटर के आधा दर्जन से अधिक कर्मियों को गिरफ्तार किया है. इस फर्जीवाड़ा में अब तक 39 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया गया है. इनमें 16 फर्जी छात्र, 12 मूल छात्र एवं सेंटर के 7 कर्मी भी शामिल हैं. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि गुलाबबाग के हासदा रोड स्थित ऑनलाइन परीक्षा केंद्र की आड़ में लाखों की कमाई का गोरखधंधा चल रहा था. तीन पार्टनर मिलकर पूर्णिया डिजिटल ऑनलाइन सेंटर चलाते थे. करीब एक साल से यह सेंटर चल रहा था.

एग्जाम सेंटर की आड़ में फलफूल रहा था लाखों की कमाई का गोरखधंधा

पूर्णिया डिजिटल ऑनलाइन सेंटर को कमाई का जरिया बनाने के लिए खोला गया था. जब पुलिस को SSC मल्टीटास्किंग (MTS) परीक्षा में फर्जी छात्रों के बायोमेट्रिक का मिलान नहीं हुआ तो उन्हें बड़ी धांधली की भनक लगी. जिसके बाद एग्जाम सेंटर के बगल के मकान में छापेमारी की गयी. जहां 12 परीक्षार्थी समेत कुल 14 लोग गिरफ्तार किए गए. इन छात्रों के बदले दूसरे लोग परीक्षा में बैठे थे. इन लोगों से पुलिस ने जब पूछताछ शुरू की तो इन्होंने बताया कि पूर्णिया के होटल में इन्हें ठहराया जाता है. एग्जाम सेंटर के कर्मी इनके बदले स्कॉलर को परीक्षा देने बैठाते हैं. फर्जी तरीके से बायोमेट्रिक मशीन पर इनकी हाजिरी भी बन जाती है.

कटिहार का है सरगना, पटना का मैनेजर, दर्जनों जिलों में पसरा है गिरोह

पूर्णिया के एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि SSC MTS परीक्षा के फर्जीवाड़े का मुख्य सरगना कटिहार का रोशन नाम का व्यक्ति है. उसके साथ पटना का एक व्यक्ति मैनेजर के रूप में काम करता था. एसपी ने बताया कि यह फर्जीवाड़ा गिरोह बड़े स्तर का है. राज्य के दर्जनों जिलों के लोग इस गिरोह में शामिल हैं. उन्होंने बताया कि करीब एक साल से पूर्णिया में यह ऑनलाइन एक्जामिनेशन सेंटर एक किराये के मकान में चल रहा था. यहां कई प्रतियोगी परीक्षाओं की आड़ में फर्जीवाड़ा हो रहा था.

तीन पार्टनर मिलकर एग्जाम सेंटर पर करवाते थे फर्जीवाड़ा

एसपी ने बताया कि मालदा, पटना एवं कटिहार के रहनेवाले तीन पार्टनर मिलकर पूर्णिया डिजिटल एक्जामिनेशन सेंटर में फर्जीवाड़ा करते थे. तीनों पार्टनर की पहचान पुलिस ने कर ली है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.

बाहरी लोग आकर चलाते थे सेंटर, बगल में किराये का लिया फ्लैट

हासदा रोड के स्थानीय लोगों ने बताया कि बाहरी लोग आकर इस सेंटर को यहां चला रहे थे. सेंटर के ठीक बगल में एक किराये का फ्लैट रखा था जिसमें बाहर से आए लोगों को वो ठहराते थे. इस फर्जीवाड़ा में पकड़ाए ज्यादातर व्यक्ति वैशाली, नालंदा एवं पटना के रहनेवाले हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि एसपी ने उड़नदस्ता वालों की गतिविधि भी संदिग्ध पाए जाने और जांच होने की बात कही है.

सेंटर के 7 कर्मी भी गिरफ्तार

वहीं साइबर थाना के डीएसपी सह थानाध्यक्ष अनुराग कुमार ने बताया कि पूर्णिया डिजिटल एक्जामिनेशन सेंटर के फर्जीवाड़ा में अब तक 39 लोगों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज किया गया है. इनमें 16 फर्जी छात्र, 12 मूल छात्र एवं सेंटर के 7 कर्मी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस फर्जीवाड़ा में एसएससी के एक कर्मी की संलिप्तता पायी गयी है. उक्त कर्मी के विरुद्ध भी एफआइआर दर्ज किया गया है.

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