3 साल पहले सर्पदंश से मृत लड़का तीस माह बाद जिंदा घर आया
श्रीनारद मीडिया‚ मृत्युंजय तिवारी‚ छपरा‚ बिहार :
घटना बिहार के सारण जिले के तरैया थाना क्षेत्र के चंचलिया गांव की है। जहां 2020 के अगस्त महीना में नाग पंचमी के दिन सर्प दंश लिया था, और मौत हो गई थी। तब घर वालों ने केला के थम का नाव बनाकर मथुरा धाम गंडक नदी में प्रवाहित कर दिया गया। उस समय बच्चे का उम्र 12 साल का बताया जा रहा है।
वही बच्चे के पिता शंकर भगत माता, अनिता देवी का कहना है की बच्चा मेरा ही है, मौत के बाद आधार कार्ड और फोटो सभी गंडक नदी में प्रवाहित कर दिए गए थे। वही बच्चे के बताने के अनुसार किसी साधु का नजर गंडक में तैरते हुए नाम पता के साथ बच्चा दिखाई दिया। साधु ने जड़ी बूटियों से बच्चे को जीवित कर लिया, और अपने साथ बेंगलुरु लेकर चला गया। जहां अब बच्चा के उम्र 15 वर्ष हो गया है और बच्चा साधु के साथ रहने लगा, और मजदूरी का काम करने लगा, लेकिन साधु से हमेशा जिद करते रहा कि मेरे मम्मी पापा से मिला दीजिए,तो साधु ने उसे मिले नाम पता पर छपरा भेज दियाǃ
जहां युवक ने भटकते भटकते अपने ही गांव के बगल में आ गया। जहां युवा के पिता के द्वारा पहचान कर ली गई और घर लाया गया, युवक को देखने के लिए दूर-दूर से लोगों की भीड़ इकट्ठा हो रही है। लेकिन सवाल यह उठता है कि जिस लड़का के 3 साल पहले मौत हो गई थी, वह कैसे जीवित होकर घर वापस लौट आया। अब यह भगवान का चमत्कार कहें या अंध विश्वास, लेकिन तरैया के लिए ये कोई नई मामला नहीं है।
हालांकि आज से 6 महीना पहले भी तरैया के गंडार में सर्पदंश के हवाला देते हुए एक छोटे बच्चा मिला था, और दावा भी किया जा रहा था। सर्प डंस से पहले मौत हो गया था, फिर जिंदा वापिस आया है। जब उस समय टीएनपी न्यूज़ पर खबर
प्रकाशित हुआ तो पता चला की उत्तर प्रदेश के रहने वाला बच्चा था, तब घरवालों ने पुलिस के माध्यम से अपने बच्चे को लेकर गए। अब देखना यह होगा कि इस बच्चे की जिंदगी से क्या सच्चाई जुड़ा हुआ है। एक तरफ मां की ममता ने अपने पुत्र को देखकर खुशियों के आंसू बहा रही है तो दूसरी तरफ लोगो की भीड़ देख मजहर में पड़ा हुआ है बच्चा।
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