बजट लोगों के लिए, लोगों द्वारा, लोगों का है- वित्त मंत्री

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल बजट पेश कर दिया है। महिला, किसान टैक्सपेयर्स से लेकर कई क्षेत्रों को मोदी सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को लेकर एक इंटरव्यू दिया है और बताया कि बजट को लेकर पीएम मोदी ने उन्हें क्या सलाह दी थी। अब्राहम लिंकन की पंक्तियों का जिक्र करते हुए, निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट को लोगों के लिए, लोगों द्वारा, लोगों का बताया।

टैक्स में कटौती को लेकर क्या बोले थे वित्त मंत्री?

वित्त मंत्री ने आगे इंटरव्यू में कहा, नरेंद्र मोदी टैक्स में कटौती के विचार के पूरी तरह समर्थन में थे, लेकिन उन्हें नौकरशाह को समझाने में काफी समय लगा। हमने मिडिल क्लास की आवाज सुनी है’ जो ईमानदार टैक्सपेयर्स होने के बावजूद अपनी आकांक्षाएं पूरी नहीं होने की शिकायत कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि चुनावी साल 2024 के दौरान कैपिटल एक्सपेंडिचर थोड़ा धीमा था।

बिहार के दिल्ली के बजट पर सीतारमण ने ये कहा

बिहार और दिल्ली पर, सीतारमण ने कहा, ‘आलोचना के अभाव में, वे (विपक्ष) इसे उठा रहे हैं। ये बजट को देखने का तरीका है। सभी को उसका उचित अनुदान मिले। मैं चाहता हूं कि वे डिटेल देखें और फिर वापस आएं।’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में मध्यम आय वर्ग के करदाताओं के लिए 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को कर-मुक्त करने और स्लैब में सुधार करके अन्य लोगों के लिए कर लाभ की अनुमति देकर बड़ी छूट का एलान किया। 

’12 लाख की कमाई पर नहीं देना होगा कोई टैक्स’

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा दिया है।
  • अब सालाना 12 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
  • यह व्यवस्था न्यू टैक्स रिजीम में की गई है। इसे सरकार का मिडिल क्लास को सबसे बड़ा तोहफा माना जा रहा है। वित्त मंत्री का कहना है कि इससे खपत को बढ़ावा मिलेगा।
एक दिन पहले ही टैक्स में बड़ी छूट से शुरू हुई राहत का दौर अभी आगे भी चल सकता है। आम बजट 2025-26 में आय करदाताओं को दी गई राहत के पीछे सरकार की एक मंशा यह है कि आम जनता बची हुई राशि को बाजार में खर्च करे।इससे मांग बढ़ेगी जिससे देश की सुस्त होती अर्थव्यवस्था को तेज करने में मदद मिलेगी। लेकिन यह सरकार का इकलौता कदम नहीं होगा।

जीएसटी की दरों में समायोजन संभव

असलियत में इसके बाद दूसरे स्तरों पर भी कोशिशों का दौर जारी रहेगा ताकि इकॉनमी को घरेलू मांग से तेजी मिले। इस क्रम में सबसे पहले अगले कुछ हफ्तों में ही जीएसटी की दरों के समायोजन का फैसला होने की संभावना है। जबकि दूसरा कदम इस हफ्ते आरबीआई की तरफ से ब्याज दरों में कटौती के तौर पर आ सकता है।

ब्याज दरों में कटौती संभव

  • विशेषज्ञ का अनुमान है कि ब्याज दरों में फिलहाल 0.25 आधार अंकों की कटौती की जा सकती है। यह रीयल एस्टेट व आटोमोबाइल की मांग को तेज करेगा।
  • वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि आय कर टैक्स व्यवस्था में बदलाव के बाद अब वस्तु व सेवा शुल्क की दरों का समायोजन जरूरी हो गया है।
  • पहले से ही जीएसटी दरों मे बदलाव के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन हो चुका है। बिहार के उपमुख्य मंत्री अशोक चौधरी की अगुवाई में गठित उक्त समिति की रिपोर्टों का इंतजार है। यह जीएसटी की मौजूदा चार टैक्स स्लैब को भी घटाने का रास्ता साफ कर सकता है।
  • दूसरा कदम, आरबीआई की तरफ से 7 फरवरी, 2025 को पेश की जाने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में दिख सकता है। बैंक ऑफ अमेरिका समेत कुछ अन्य शोध एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में उम्मीद जताई है कि ब्याज दरों में 0.25 फीसद की कटौती संभव है।
  • आरबीआई ने पिछले दिनों ने एक लाख करोड़ की अतिरिक्त राशि बैंकों को उपलब्ध कराई ताकि वह खूब कर्ज बांटे। इसे ब्याज दरों को घटाने की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है।
  • केंद्रीय बैंक की तरफ से ब्याज दरों में कटौती रीयल एस्टेट और आटोमोबाइल सेक्टर को मांग बढ़ाने में मदद कर सकती है। सरकार की इस सोच की झलक दो दिन पहले पेश आर्थिक सर्वेक्षण और एक दिन पहले आम बजट, दोनों में दिखाई दी है।

आर्थिक सर्वेक्षण में दिखे संकेत

आर्थिक सर्वेक्षण में साफ तौर पर कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर अस्थिरता है और घरेलू मांग को बढ़ा कर ही देश की इकोनमी को तेज करना होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट अभिभाषण के शुरूआत में ही कहा था कि हमारे समाने प्रतिकूल भू-राजनीतिक परिस्थितियां हैं, जो मध्य्म अवधि में वैश्विक आर्थिक में कमी की तरफ संकेत करती हैं।

घरेलू मांग में 10 फीसद तक इजाफा संभव

इस विषय में वित्त मंत्रालय के पूर्व प्रमुख आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमणियन का यह आकलन महत्वपूर्ण है कि आम बजट 2025-26 में व्यक्तिगत टैक्स में दी गई छूट की वजह से घरेलू मांग में 10 फीसद तक का इजाफा संभव है जिससे आर्थिक विकास की दर में अतिरिक्त दो फीसद की वृद्धि हो सकती है।यह आकलन उन्होंने आय कर छूट से आयकर दाताओं के पास एक लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि बचने के आधार पर की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट अभिभाषण में इस बात का जिक्र किया है कि उक्त छूट से सरकार एक लाख करोड़ रुपये का आय कर संग्रह को छोड़ रही है।

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