केंद्र सरकार ने पीएम-केयर्स स्कीम फॉर चिल्ड्रन की वैधता को 28 फरवरी, 2022 तक बढ़ा दिया है,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
केंद्र सरकार ने पीएम-केयर्स स्कीम फॉर चिल्ड्रन की वैधता को 28 फरवरी, 2022 तक बढ़ा दिया है, यह पहले 31 दिसंबर, 2021 तक वैध थी।
पीएम-केयर्स स्कीम फॉर चिल्ड्रन:
- परिचय:
- यह योजना 29 मई, 2021 को उन बच्चों की सहायता करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावक/दत्तक माता-पिता को खो दिया था।
- देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों में अनाथ (10,094) तथा जिन्होंने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया (1,36,910) और परित्यक्त (488) बच्चे शामिल हैं, जिनकी कुल संख्या 1,47,492 है।
- लिंग के आधार पर देखें तो इन 1,47,492 बच्चों में लगभग 76,508 लड़के, 70,980 लड़कियाँ और चार ट्रांसजेंडर शामिल हैं।
- इस योजना का उद्देश्य बच्चों की निरंतर व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना, स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना, शिक्षा के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाना और 23 वर्ष की आयु तक वित्तीय सहायता प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाना है।
- यह योजना 29 मई, 2021 को उन बच्चों की सहायता करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावक/दत्तक माता-पिता को खो दिया था।
- योजना की विशेषताएँ:
- 10 लाख रुपए का कोष:
- इनमें से प्रत्येक बच्चे को पीएम केयर फंड से 10 लाख रुपए की राशि आवंटित की जाएगी।
- इस कोष का उपयोग 18 वर्ष की आयु के बाद अगले पाँच वर्षों तक उच्च शिक्षा की अवधि के दौरान बच्चों की व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये मासिक वित्तीय सहायता/छात्रवृत्ति हेतु किया जाएगा और 23 वर्ष की आयु पूरी करने पर व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक उपयोग के लिये उसे एकमुश्त के रूप में कोष की राशि मिलेगी।
- बच्चों की शिक्षा
- छोटे बच्चों की शिक्षा का खर्च केंद्रीय विद्यालयों और निजी स्कूलों में उच्चतर माध्यमिक स्तर तक प्रवेश के माध्यम से वहन किया जाएगा।
- इन बच्चों को उनकी उच्च शिक्षा के दौरान ट्यूशन फीस या शैक्षिक ऋण के बराबर छात्रवृत्ति या आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी, जहाँ ऋण पर ब्याज का भुगतान पीएम-केयर्स फंड द्वारा किया जाएगा।
- स्वास्थ्य बीमा:
- आयुष्मान भारत योजना के तहत ऐसे सभी बच्चों को एक लाभार्थी के रूप में नामांकित किया जाएगा, जिसमें 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा कवर शामिल होगा।
- ऐसे बच्चों के 18 वर्ष के होने तक प्रीमियम राशि का भुगतान पीएम-केयर्स फंड द्वारा किया जाएगा।
- 10 लाख रुपए का कोष:
‘पीएम केयर्स’ फंड क्या है?
- सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न किसी भी प्रकार की आपातकालीन या संकटपूर्ण स्थिति से निपटने हेतु ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष’ (PM CARES) की स्थापना की है।
- पीएम-केयर्स फंड एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट है, जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं। अन्य सदस्यों के रूप में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हैं।
- यह कोष सूक्ष्म-दान को सक्षम बनाता है यानी इसमें राशि की सीमा निर्धारित नहीं की गई है, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग योगदान करने में सक्षम होते हैं।
- यह कोष आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मज़बूत करने एवं नागरिकों की सुरक्षा हेतु अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा।
- पीएम-केयर्स फंड में किया गया योगदान ‘कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी’ (CSR) के रूप में योग्य है।
कोविड के दौरान सरकार द्वारा बच्चों के लिये की गईं अन्य पहलें:
- बाल स्वराज कोविड-केयर:
- राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने देखभाल एवं सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों के लिये एक ऑनलाइन ट्रैकिंग पोर्टल ‘बाल स्वराज (कोविड-केयर)’ तैयार किया है।
- यह उन बच्चों की ऑनलाइन ट्रैकिंग और डिजिटल रीयल टाइम मॉनीटरिंग के उद्देश्य से बनाया गया है, जिन्हें देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता है।
- पीएम ई-विद्या:
- 17 मई, 2020 को ‘पीएम ई-विद्या’ नामक एक व्यापक पहल को आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में शुरू किया गया था, जो शिक्षा के लिये मल्टी-मोड एक्सेस को सक्षम करने हेतु डिजिटल/ऑनलाइन/ऑन-एयर शिक्षा से संबंधित सभी प्रयासों को एकीकृत करता है।
- इसे कोविड-19 महामारी के दौरान बच्चों की शिक्षा के उद्देश्य से ‘वन नेशन वन डिजिटल’ प्लेटफॉर्म के तहत लॉन्च किया गया था।
- मनोदर्पण:
- इसका उद्देश्य कोविड-19 के समय में छात्रों, परिवार के सदस्यों और शिक्षकों को उनके मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण हेतु मनोसामाजिक सहायता प्रदान करना है।
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