Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार पर देश को भरोसा- पीएम मोदी - श्रीनारद मीडिया

भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार पर देश को भरोसा- पीएम मोदी

भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार पर देश को भरोसा- पीएम मोदी

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा- “मैं देख रहा था कि देशभर के भाजपा कार्यकर्ताओं के दिल में भी एक पीड़ा थी. दिल्ली की पूरी तरह सेवा नहीं कर पाने की पीड़ा थी, लेकिन आज दिल्ली ने हमारी इस प्रार्थना को भी स्वीकार कर लिया है. 21वीं सदी में जन्मे युवा अब पहली बार दिल्ली में भाजपा का सुशासन देखेंगे. आज के नतीजे दिखाते हैं कि भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार पर देश को कितना भरोसा है. लोकसभा चुनाव में उस जीत के बाद हमने पहले हरियाणा में अभूतपूर्व रिकॉर्ड बनाया, फिर महाराष्ट्र में नया रिकॉर्ड बनाया. अब दिल्ली में एक नया इतिहास रचा गया है.”

जहरीली यमुना पर उलटा पड़ गया केजरीवाल का दांव

केजरीवाल ने 2020 के पिछले चुनाव में जीत के बाद यमुना को साफ करने का बड़ा वादा किया था और पूर्ववर्ती बीजेपी और कांग्रेस सरकारों को यमुना के मामले में कटघरे में खड़ा किया था। लेकिन यमुना आज भी साफ नहीं हो पाई। छठ पूजन के दौरान भी ‘मैली’ यमुना की दुर्दशा पूरे देश ने देखी।
यमुना के मुद्दे पर घिरने के बाद केजरीवाल ने बचाव में तर्क दिया कि दो साल कोविड की वजह से यमुना को स्वच्छ बनाने का काम नहीं कर पाए। फिर कहा कि वे और उनकी पार्टी के नेता जेल में रहे इस कारण यमुना पर ध्यान नहीं दे पाए। यह तर्क दिल्ली की जनता के गले नहीं उतरे।

तात्कालिक कारण भी चुनाव में अहम फैक्टर होता है। यमुना पर लगातार घिरने के बाद अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की सरकार पर यमुना को ‘जहरीला’ करने का आरोप मढ़ दिया। इस पर चुनाव आयोग ने केजरीवाल को आड़े हाथों लिया। हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने जब यमुना के जल का आचमन किया तो उस पर भी केजरीवाल एंड पार्टी ने कमेंट किया। ऐसे आरोप प्रत्यारोंप का उलटा असर ‘आप’ पर पड़ा, जो हार का एक बड़ा कारण बना।

पीएम मोदी Vs केजरीवाल: ‘आप’ पर भारी पड़ा मोदी मैजिक

पीएम मोदी ने इस बार दिल्ली चुनाव की कमान अपने हाथ में रखी और कुल 5 बड़ी रैलियां कीं। इन रैलियों ने कुल 40 सीटों को कवर किया। मोदी का मैजिक कैसे सक्सेसफुल रहा। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इनमें से करीब 30 सीटों पर बीजेपी को जीत हासिल हुई।
पीएम मोदी ने इस बार हिंदु मुसलमान और ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ से परे, पूरी तरह विकास और जनता की सहूलियतों को अपनी जनसभाओं में प्रमुखता से रखा। इसका सकारात्मक असर मतदाताओं पर पड़ा। पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा कि बीजेपी की जीत पर डबल इंजन की सरकार दिल्ली वालों के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

2100 Vs 2500 रुपये: ‘आप’ पर भारी पड़ी बीजेपी की घोषणाएं

अरविंद केजरीवाल ने अपनी घोषणाओं में हर महिला को 2100 रुपये प्रति माह का लाभ देने की बात कही। वहीं बीजेपी ने 2500 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया। केजी से पीजी तक फ्री शिक्षा और ऐसे ही बड़े वादे जनता के सामने रखे, जो केजरीवाल की योजनाओं पर भारी पड़े।
बड़ी बात यह कि महाराष्ट्र में ‘लाडकी बहना’ और उससे पहले मध्यप्रदेश में ‘लाड़ली लक्ष्मी’ योजना सफल रही। बीजेपी ने इन राज्यों में महिलाओं के खातों में पैसा जमा करके दिल्ली की जनता को बता दिया कि वे जीतने के बाद योजना की राशि देने में जरा भी देर नहीं करेंगे। केजरीवाल की घोषणाओं पर बीजेपी की घोषणा इसी वजह से भारी पड़ी।

प्रवेश वर्मा अ​घोषित सीएम फेस, जाट वर्ग को साधने की कोशिश

बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल के सामने अघोषित रूप से प्रवेश को सीएम फेस के रूप में प्रोजेक्ट किया। आज 8 फरवरी को बीजेपी की जीत के बाद प्रवेश वर्मा को अपने घर बुलाकर अमित शाह ने उनसे बातचीत की।
प्रवेश वर्मा पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं, जो प्रखर और विनम्र वक्ता रहे और जाटों के बड़े नेता के रूप में भी अपनी पहचान बनाई थी। प्रवेश वर्मा को अपने पिता की ही तरह सीएम फेस के रूप में प्रोजेक्ट करने की रणनीति के कारण ही उन्हें लोकसभा चुनाव बीजेपी ने नहीं लड़वाया।
हालांकि वे सीएम फेस रहेंगे, इसकी बीजेपी ने कोई औपचारिक घोषणा नहीं की, लेकिन ऐसी चर्चाओं का खंडन भी नहीं किया।

12 लाख आय पर छूट, 8वें वेतन आयोग की घोषणा की टाइमिंग

दिल्ली में करीब 3.38 करोड़ लोग निवास करते हैं। इनमें एक बड़ी आबादी मिडिल क्लास की है। करीब 67 फीसदी लोग मध्यम वर्ग में आते हैं। चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने बजट में 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स में शत प्रतिशत छूट देकर मिडिल क्लास में खुशी की लहर दौड़ा दी।
यही नहीं, चुनाव से कुछ ही दिन पहले बीजेपी ने आठवें वेतन आयोग का गठन करने की घोषणा से सरकारी वर्ग के मिडिल क्लास को खुशखबरी दे डाली इन दोनों घोषणाओं की टाइमिंग ऐसी रही कि कुछ ही दिन बाद मिडिल क्लास को दिल्ली में सरकार चुनने के लिए वोट डालना था। नतीजा बीजेपी के पक्ष में आया।

बीजेपी का तगड़ा रहा चुनाव मैनेजमेंट और ‘आप’ छोड़ते रहे नेता

विधानसभा चुनाव से ऐनवक्त पहले आम आदमी पार्टी के करीब 8 बड़े नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया। इससे पहले भी पार्टी टूटकर आप नेता बीजेपी में शामिल हो गए। इनमें कैलाश गहलोत का नाम भी शामिल है। वहीं राजेंद्रपाल गौतम ने कांग्रेस का हाथ थामा।
बीजेपी ने चुनाव का तगड़ा मैनेजमेंट किया, जिससे आप पार नहीं पा सकी। स्टार कैंपेनर सहित खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार की कमान संभाली और धुआंधार जनभाएं कीं। इसके अलावा बीजेपी ने अपने सभी मंत्रियों और सीएम और स्टार प्रचारकों तक की पूरी मशीनरी लगा दी। आप का चुनाव मैनेजमेंट बीजेपी के मुकाबले काफी कमजोर रहा। ज्यादातर पुराने नेताओं पर ही आप ने भरोसा जताया। जबकि बीजेपी ने बड़ी संख्या में नए चेहरों को मौका दिया।

सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर सांसद रवि किशन, मनोज तिवारी और गिरिराज सिंह तक स्टार प्रचारकों ने जमकर प्रचार किया। जाट, उत्तराखंडी, बिहारी और पंजाबी मतदाताओं को साधने के लिए बड़े नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारा।

केजरीवाल की ‘रेवड़ी पर चर्चा’ पर भारी पड़ी बीजेपी की घोषणाएं

पीएम मोदी ने पिछले साल नवंबर माह से ‘रेवड़ी पर चर्चा’ अभियान की शुरुआत की थी। उन्होंने इस कैंपेन से उन्होंने बीजेपी को घेरने की कोशिश की। रेवड़ी कल्चर पर बीजेपी ने समय समय पर ‘आप’ को कटघरे में भी खड़ा किया। इस बार बीजेपी ने आलोचना नहीं की। बल्कि अपनी रैलियों और जनसभाओं में पीएम मोदी, अमित शाह सहित अन्य नेताओं ने किसी सरकारी योजनाओं को बंद न करने की घोषणाएं लगातार कहीं।

Leave a Reply

error: Content is protected !!