Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
देश तभी विकसित होगा जब देश की प्रतिभाएं बिना भेद - भाव के आगे आएंगी। - श्रीनारद मीडिया

देश तभी विकसित होगा जब देश की प्रतिभाएं बिना भेद – भाव के आगे आएंगी।

देश तभी विकसित होगा जब देश की प्रतिभाएं बिना भेद – भाव के आगे आएंगी।

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

अभी कुछ समय पहले हम लोगों ने लन्दन में मोदी मोदी के नारे सुने।अमेरिका, ब्रिटेन, फ़्रांस, जर्मनी में प्रवासी भारतीयों की अच्छी खासी भीड़ देखी और ये देखकर गर्व भी हुआ कि विदेशों में भारतीय कितनी सशक्त हैसियत रखते हैं, भारतीय डॉक्टर इंजीनियर, वैज्ञानिक और आई0टी0 एक्सपर्ट लगभग पूरी दुनिया में छाए हुए हैं। अमेरिका और ब्रिटेन खुले दिल से इस बात को मानते हैं कि भारतीय मेधा ही उनके देश की रीढ़ की हड्डी हैं।

पर आपको अब ये जानकर दुःख होगा कि अब इन प्रतिभाओं में गिरावट आती जा रही है। पहले जहाँ विश्व के सभी देश भारतीय प्रतिभाओं को लुभाने के लिए तगड़ा पैकेज ऑफर करते थे,वहीं अब इन्हीं प्रतिभाओं को वेटिंग का इंतज़ार करना पड़ता है। विप्रो के नारायणमूर्ति प्रतिभा पलायन से उतने दुखी नहीं हैं जितना भारतीयों की प्रतिभा में आ रही गिरावट से दुखी हैं। एक बार मुकेश अंबानी ने भी अपना दर्द जाहिर किया था कि उच्च पदों के लिए अब उन्हें उनकी मन मुताबिक योग्यता वाले कैंडिडेट नहीं मिलते। एक बार एक अच्छी मोबाईल कम्पनी में इंटरव्यू के लिए आये 23 कैंडिडेट से बॉयोडाटा ले लिये गये। इसके बाद उन सभी से कहा गया कि सभी लोग अपनी हैण्ड राइटिंग में बॉयोडाटा बनाकर दें। उन 23में से केवल 4ही मानकों पर कुछ हद तक खरे उतरे।

प्रतिभाओं में कमी आना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि एक दिन हमारा भी देश पाकिस्तान के लेविल पर आ जायेगा। इसकी वजह भी केंद्र सरकार की अदूरदर्शिता ही है। अच्छे कॉलेज में उच्च तकनीकी ज्ञान और रिसर्च के लिये सवर्ण हिंदुओं को भारी भरकम फ़ीस देना पड़ रहा है, जबकि sc,st,obc कोटे वाले इसमें निःशुल्क प्रवेश ले सकते हैं, पर इसके बावजूद भी sc, st, obc कोटे वाले रिसर्च, अनुसंधान और उच्च तकनीकी ज्ञान में रूचि नहीं लेते हैं। जब बगैर मेहनत के सब भोग विलास स्वयं इनके चरणों में आ रहा है तो क्यों दिमाग खपाये।

सवर्ण हिन्दू जो इसमें रूचि रखते हैं, सरकार स्वयं उनके लिए बाधा बनकर खड़ी हो जाती है। एक तो उनको दाखिला मिलना ही मुश्किल है उस पर खस्ताहाल आर्थिक स्थिति में इसकी फ़ीस भर पाना उनके बजट से बाहर है। ऐसे में वो कम फ़ीस वाले दोयम दर्जे के कॉलेजों को पकड़ते हैं।
इस देश की की स्थिति सुधरने की कोई उम्मीद भी नज़र नहीं आती क्योंकि अगर किसी राजनीतिक दल ने सवर्णों की दुखदायी स्थिति का मुद्दा उठाया तो तुरन्त उस पर दलित विरोधी होने का आरोप लग जायेगा।

मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि सरकार और समाज को इसपर ध्यान देना चाहिए,राजनीति अपनी जगह है।देश तभी विकसित होगा जब देश की प्रतिभाएं बिना भेद – भाव के आगे आएंगी।

इसे भी पढ़े..

Leave a Reply

error: Content is protected !!