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गंगा की अविरलता और निर्मलता का श्रेय काशी को जाता है - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ - श्रीनारद मीडिया

गंगा की अविरलता और निर्मलता का श्रेय काशी को जाता है – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

गंगा की अविरलता और निर्मलता का श्रेय काशी को जाता है – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी

वाराणसी / उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान गुरुवार को जनपद में आयोजित “टाइम्स वाटर पॉजिटिव कांनक्लेव” में विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि गंगा की अविरलता व निर्मलता का श्रेय काशी को जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे के माध्यम से गंगा व नदियों के प्रति अपनी संकल्पता दिखायी। देश की सबसे बड़ी आबादी के राज्य में हम रहते हैं। काशी आध्यात्मिक शहर है। उन्होंने जल संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि आबादी का इतना घनत्व इस बात की ओर इशारा करता है कि यहां जीवन जीने लायक है।

कोरोना प्रबंधन भारत में काफी अच्छा रहा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना महामारी से विकसित देश पस्त हो चुके हैं। अमेरिका की आबादी 33 करोड़ है। किंतु कोरोना काल में मौत की दर भारत की अपेक्षा वहां दोगुना रहा। अमेरिका में भारत की अपेक्षा चिकित्सा स्ट्रक्चर काफी अच्छा होने के बावजूद वहां पर मौत की दर भारत की अपेक्षा अधिक रहा। कोरोना प्रबंधन भारत में काफी अच्छा रहा।

स्वच्छता अभियान में तत्कालीन सरकार की कोई रुचि नहीं रही
उन्होंने कहा कि प्रदेश के 5 कमिश्नरी के 19 जिलों में इंसेफलाइटिस रोग रहा। 2017 तक प्रतिवर्ष हजारों बच्चों की मौतें इससे होती रही। ऐसी स्थिति नहीं थी कि ऐसे मासूमों के जिंदगी को बचाया जाए। जब प्रधानमंत्री ने 2014 में स्वच्छता अभियान चलाया। लेकिन उत्तर प्रदेश में घर-घर शौचालय बनाने की अभियान में तत्कालीन सरकार की कोई रुचि नहीं रही। जिस कारण 2 करोड़ 61 लाख बनने वाले शौचालयों में से 2.5 वर्ष में मात्र 43000 शौचालय बने। 2017 में उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार बनने पर मात्र डेढ़ वर्ष में ही शत-प्रतिशत घर-घर शौचालय बनाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया।

उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि इंसेफलाइटिस रोग से मरने वाले बच्चों में अधिकांश अल्पसंख्यक एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के बच्चे रहे। जिन्हें लोगों ने मात्र वोट बैंक बना कर रखा था। बच्चों के अभिभावक अपनी वेदना लोगों तक नहीं पहुंचा पा रहे थे। स्वच्छ भारत योजना व शुद्ध पेयजल आपूर्ति के माध्यम से प्रदेश की उनकी योगी सरकार ने इंसेफलाइटिस रोग पर पूरी तरह नियंत्रण पाया और 98 फ़ीसदी बच्चों के मौतों को रोका।
गंगा की अविरलता व निर्मलता में गुणात्मक सुधार आया है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना लागू होने के बाद गंगा की अविरलता व निर्मलता में गुणात्मक सुधार आया है। मां गंगा से डॉल्फिन का संबंध है। दशकों तक गंगा में डॉल्फिन समाप्त हो चुके थे, किंतु अब गंगा में डॉल्फिन भी दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने गंगा की निर्मलता एवं अविरलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2013 में मॉरीशस के प्रधानमंत्री भारत आए थे और उस समय प्रयागराज में कुंभ चल रहा था, किंतु वहां पर पानी की गुणवत्ता एवं अव्यवस्था को देखकर उन्होंने बगैर गंगा में स्नान व आचमन किये बगैर ही वापस चले गए। किंतु वाराणसी में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम में जब वे यहां पर आए और उन्हें उस समय भी प्रयागराज में चल रहे कुंभ में आने के लिए हमारे द्वारा दिए गए आमंत्रण पर वे प्रयागराज गए और वहां की व्यवस्था एवं त्रिवेणी के पानी की गुणवत्ता को देख आश्चर्य व्यक्त किया और उन्होंने गंगा में आचमन भी किया और स्नान भी किया।

वाराणसी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की दिशा में बहुत अच्छा कार्य हुआ
उन्होंने कहा कि जल संरक्षण किस दिशा में व्यापक स्तर पर प्रदेश सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है। जिसका नतीजा रहा कि विगत दिनों बाढ़ के दौरान कोई भी तटबंध नहीं टूटे और जनहानि भी नहीं हुई। जन सहभागिता व मनरेगा से बड़े पैमाने पर नदियों को पुनर्जीवित किया गया है। वाराणसी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की दिशा में बहुत अच्छा कार्य हुआ है। यह मॉडल के रूप में स्थापित हुआ है।
4.5 वर्ष में 100 करोड़ से अधिक वृक्ष उत्तर प्रदेश में लगाया गया
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक को बैन करने से पर्यावरण की साथ-साथ कुम्हारों के जीवन में भी बड़ी परिवर्तन आया है। इससे मिट्टी के बर्तन की खपत जहां बड़ी है, वहीं पर्यावरण में भी गुणात्मक सुधार हुआ है। अप्रैल से जून तक प्रजापतियों को गांव का तालाब फ्री मिलता है। प्लास्टिक व्यक्ति व पर्यावरण को बीमार बनाता है। समाज को जोड़े बिना व्यवस्था को नहीं चलाया जा सकता। तालाबों को बड़े पैमाने पर पुनर्जीवित करने का काम हुआ है। गत 4.5 वर्ष में 100 करोड़ से अधिक वृक्ष उत्तर प्रदेश में लगाया गया है। जिसमें पीपल, बरगद, नीम, देसी आम व पाकड़ के पौधे प्रमुख हैं। जल जीवन मिशन एवं घर-घर नल योजना प्रदेश में प्रभावी ढंग से संचालित है, जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है।
दिसंबर 2021 तक बुंदेलखंड के सभी जनपद व विन्ध्य क्षेत्र के 2 जिलों में हर घर नल योजना से शत-प्रतिशत आच्छादित कर दिया जाएगा। मार्च 2022 तक 22 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचन क्षमता से आच्छादित किया जाएगा। सरकारी भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य कर दिया गया है। रीसाइक्लिंग करके खराब जल को दोबारा अन्य कार्यों में प्रयोग करने का कार्य प्रदेश में प्रभावी ढंग से किया जा रहा है।
वाटर चैंपियन को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए किया सम्मानित
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में अवनी कुमार, उर्मिला देवी, वर्षा मौर्या, मेघनाथ, सजल श्रीवास्तव, रमन कांत व राजीव त्यागी वाटर चैंपियन को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित भी किया। इस अवसर मंत्री अनिल राजभर, मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी, मंत्री रविन्द्र जायसवाल सहित जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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