जामताड़ा के साइबर क्रिमिनल ने नागालैंड के IAS अफसर से की 35 लाख की ठगी.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
झारखंड के जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस ने नागालैंड के एक आइएएस अधिकारी के बैंक अकाउंट से 35 लाख रुपये उड़ा लेने के मामले में देवघर जिले के करौं निवासी एक साइबर अपराधी बलराम मंडल को गिरफ्तार किया है. उक्त साइबर अपराधी की गिरफ्तारी करमाटांड़- करौं सीमा क्षेत्र से हुई है. गिरफ्तारी के बाद साइबर क्रिमिनल से पुलिस को कई अहम जानकारी भी मिली है.
जामताड़ा पुलिस सूत्रों ने जानकारी दी कि देवघर के करौं निवासी बलराम ने आइएएस अधिकारी के बैंक खाते से 35 लाख रुपये उड़ा लिये थे. साइबर अपराधी बलराम ने उनको खाता अपडेट करने के नाम पर झांसे में लिया और खाते से पैसे की निकासी कर ली. जब आइएएस अधिकारी के खाते से उतनी बड़ी रकम की निकासी हुई तो मामले की तहकीकात में नागालैंड पुलिस जुट गयी.
नागालैंड पुलिस की तहकीकात में उक्त साइबर अपराधी का मोबाइल लोकेशन झारखंड के जामताड़ा और देवघर में पाया और जामताड़ा साइबर थाना से संपर्क कर दोनों ही जगहों की पुलिस पुलिस हफ्ते भर से उसके पीछे पड़ी थी. गुरुवार की शाम जामताड़ा साइबर थाना के प्रभारी सह इंस्पेक्टर हरेंद्र राय ने पुलिस टीम के साथ उक्त साइबर अपराधी बलराम मंडल को करमाटांड़ व करौं सीमा से दबोचा लिया. गिरफ्तार साइबर अपराधी के पास से 3 मोबाइल व 6 सिम बरामद हुए हैं.
मुंबई ब्रांच का सीनियर अफसर बता कर किया ठगी
पूछताछ में बलराम मंडल ने बताया कि उसने बैंक अधिकारी बन उक्त आइएएस अधिकारी को फोन किया और कहा कि वह मुंबई ब्रांच का वरीय बैंक अधिकारी है. उनका खाता अपडेट करना है. इसके लिए कुछ जानकारी दें अन्यथा आपका खाता बंद हो जायेगा. अधिकारी को एक लिंक भेजकर संबंधित जानकारियां मांगी.
अधिकारी से लिंक के जरिये वह जानकारी दे दी. तब बलराम व उसके सहयोगियों ने कई बार ट्रांजेक्शन कर 35 लाख रुपये उड़ा लिये. 35 लाख की राशि जो इन साइबर अपराधियों ने उड़ाये, पूरी राशि को वॉलेट के माध्यम से दूसरे खातों में ट्रांसफर भी कर दिया. उधर, साइबर पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस सिम से नागालैंड के आइएएस अधिकारी से बातचीत की गयी थी और ठगी हुई, वह सिम भी पुलिस ने बरामद कर लिया है.
साइबर क्रिमिनल को फर्जी सिम उपलब्ध कराता है गिरफ्तार आरोपी : साइबर थाना प्रभारी
इस संबंध में जामताड़ा साइबर थाना प्रभारी हरेंद्र राय ने कहा कि बलराम मंडल साइबर अपराधियों को फर्जी सिम उपलब्ध कराता था. वह उड़ीसा बंगाल के नाम पर सिम बेचने का काम करता है. इसी के आधार पर उसकी गिरफ्तारी की गयी है. जिस नंबर से फ्रॉड हुआ था वह नंबर मार्गोमुंडा इलाके में एक्टिवेट हुआ था. उसी के आधार पर सिम बेचने वाला बलराम मंडल गिरफ्तार हुआ है. वहीं, आइएएस अधिकारी का रुपये ठगी करने के मामले में कहा कि इन बातों का इनपुट मिला है.
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