प्रोफेसर एस के मिश्रा की पुण्य तिथि को स्मृति दिवस के रूप मे मनाया गया
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क
बिहार राज्य के बक्सर शहर में गुरुवार 14 सितंबर को एक सभा का आयोजन कर प्रोफेसर एस के मिश्रा फाउंडेशन के तत्वाधान में प्रोफेसर एस के मिश्रा की 29 वी पुण्य तिथि मनाई गई। सभा की अध्यक्षता प्रोफेसर सुरेन्द्र कुमार सिंह ने की। मंच संचालन इंजीनियर मनीष कुमार ने की व धन्यावाद ज्ञापन कृष्ण बिहारी चौबे ने प्रस्तुत किया।
अपने अध्यक्षीय भाषण में सुरेंद्र कुमार सिंह ने प्रोफेसर एस के मिश्रा को अजातशत्रु की उपाधि देते हुए कहा कि आज आए दिन महाविद्यालय में छात्र शिक्षकों में तनाव की बाते सुनता और पढ़ता हु तो उस स्थिति में मैं यही कहूँगा की प्रोफेसर एस के मिश्रा के आचरणों को आत्मसात करने की आवश्यकता है उनका जीवन आज भी प्रासंगिक हैं। कोई भी छात्र उन्हें दूर से प्रणाम नहीं करते थे पैर छूकर ही करते थे ये उनकी बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
सुधीर कुमार ने उनकी मुस्कराहट को दुख हरने वाला बताते हुए उन्हें याद किया। कहा कि आप कितनी भी तकलीफ़ मे हो उनसे मिलने के बाद आपका दुःख कम हो जाता था। वहीं पूर्व छात्र राजीव रजन पांडे ने कहा कि सर गुस्सा नहीं करते थे पर सर का लिहाज इतना था कि लोग पान तक थूक के ही उनके सामने जाते थे। उन्होंने बहुत कम समय में जो ख्याति प्राप्त की वो जिंदगी भर नौकरी कर के रिटायर शिक्षक को भी नसीब नहीं होती है। वे राजनीति और जाति वाद से कोसों दूर रहते थे।
वहीं सुशील मान सिंह ने बताया कि वे हर प्रकार के नशे से मुक्त थे। वे कहते थे कि नशा नाश के सारे द्वार खोल देता हैं। दया शंकर त्रिपाठी ने बताया कि उनके जाने के बाद कभी भी गणित विभाग कायदे से चला ही नहीं। आज भी कालेज मे गणित विभाग में कोई टीचर नहीं हैं। बच्चे बिना क्लास किए ही पास हो रहे हैं आज भी उनकी कमी महसूस होती हैं।
उक्त कार्यक्रम में प्रोफेसर शिवजी, प्रोफेसर बिहारी जी, प्रोफेसर सुरेंद्र सिंह, शंभू लाल, अजय पांडे, नियाज अहमद, जाकिर नायक, पिंटो पासवान, सुरेश राम, मोती दिनकर, रामजी केशरी, डॉ संतोष केशरी, सुधीर जी, कृष्ण बिहारी चौबे, बद्री विशाल, सुदीप सहाय, राकेश जायसवाल, प्रेम प्रकाश, भोला यादव इत्यादि उपस्थित रहे।
यह भी पढ़े
मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देने को लेकर हुआ किसान गोष्ठी का आयोजन
- भगवानपुर के रामपुर महेश में मिला डेंगू का मरीज
- आखिरकार इस देश का नाम क्या होगा?
- बिहार की बागमती में नाव पलटने से 12 स्कूली बच्चे डूबे
- भारत-सऊदी अरब साझेदारी का क्या महत्व है?
- G-20 नेताओं को समृद्ध शिल्प से परिपूर्ण भारतीय उपहार दिए गये