टीका एक्सप्रेस रथ को जिलाधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
जिले में कोविड टीकाकरण अब आपके द्वार अभियान का हुआ शुभारंभ:
ग्रामीण स्तर पर लोगों को टीकाकरण के लिए सत्र स्थल पर जाने की नहीं होगी जरूरत:
श्रीनारद मीडिया, किशनगंज , (बिहार):
कोविड-19 संक्रमण को पूरी तरह जड़ से मिटाने एवं लोगों को इस महामारी से स्थाई निजात दिलाने के जिले में लगातार वैक्सीनेशन एवं जाँच अभियान चल रहा है। जिसे और तेज गति देने के लिए जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग बेहद गंभीर है। ताकि जल्द से जल्द शत-प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन हो सके और लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। स्वास्थ्य टीम द्वारा गाँव-गाँव जाकर लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। इस टीम में चिकित्सक एवं एएनएम को शामिल किया गया है। इधर बुधवार को ज़िला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से संयुक्त रूप से कोरोना जांच व 45 वर्ष से ऊपर आयुवर्ग के लोगों को कोरोना जांच, टीकाकरण के साथ ही जागरूकता लाने के उद्देश्य से जिला स्वास्थ्य समिति परिसर से जागरूकता रथ को जिलाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश व पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष के द्वारा संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर डीपीएम डॉ मुनाजिम, एपिडेमियोलॉजिस्ट , डीपीआरओ दीपक चंद्र देव सहित कई कई अन्य अधिकारी मौजूद थे।
संक्रमण से उबरने के लिए टीकाकरण ही एक मात्र विकल्प: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने बताया कोविड-19 संक्रमण से उबरने के लिए टीकाकरण ही एक मात्र विकल्प है। कोरोना जैसी महामारी से स्थायी रूप से मुक्त होने के लिए जिले में लगातार कोरोना जांच एवं टीकाकरण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। जिला में विगत कुछ दिनों तक लगातार बढ़ते मामलों के बाद अब इनके आंकड़ों में कमी आ रही है। यह सुखद है और समुदाय की सहयोगिता से ही यह संभव हो सका है। कहा कोरोना संक्रमण से बचाव में वैक्सीन की अहमियत अब किसी से छुपी हुई नहीं है। वर्त्तमान में जिले के कुल 1033249 व्यक्तियों के टीकाकरण के लक्ष्य के आलोक में 101212 व्यक्ति को टीकाकरण का पहला डोज दिया जा चुका है जिसमें 28210 व्यक्तियों ने दूसरा डोज लेकर सम्पूर्ण टीकाकरण करा लिया है। बताया टीकाकरण में तेजी लाने के उद्देश्य से ज़िला प्रशासन द्वारा 45 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों को कोरोना जांच, टीकाकरण के लिए जागरूकता पैदा करने को लेकर जिला मुख्यालय से सात वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है। जो जिले के सभी प्रखंडों के विभिन्न गांवों में जाकर लोगों की कोरोना जांच, टीकाकरण कराने का काम करेगी। इसके अलावा लोगों को जागरूक करने का भी काम किया जाएगा। युद्ध स्तर पर टीकाकरण कराने को लेकर स्थानीय प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से सजग व तत्पर है।
ग्रामीण स्तर पर लोगों को टीकाकरण के लिए सत्र स्थल पर जाने की नहीं होगी जरूरत: सीएस
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया इस अभियान के तहत जिले के सभी अनुमंडल स्तरीय, रेफ़रल अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी, एपीएचसी सहित कई अन्य अस्पतालों से समन्वय स्थापित कर गांव-गांव भ्रमणशील कार्यक्रम के तहत टीकाकरण के लिए जागरूक किया जा रहा है। ताकि ससमय शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा किया जा सके। राज्य सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन के अनुसार इस तरह के अभियान का शुभारंभ किया गया है। समाज के हर तबके के लोगों को टीकाकरण कराने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो। मेडिकल वाहन के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर लोगों को टीकाकरण के लिए सत्र स्थल पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि अब आसानी से अपने घर पर ही कोरोना का टीका लगवाया जा सकता है। इससे ना सिर्फ लोगों को वैक्सीन लेने में आसानी होगी बल्कि वैक्सीनेशन अभियान में भी गति आएगी। जिससे शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा भी किया जा सकता है। इस अभियान के तहत खासकर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्राथमिकता के आधार पर चलंत वैक्सीनेशन शिविर लगाकर लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। क्योंकि अभी भी कुछ वैसे भी लाभुक हैं जो किसी कारणवश टीकाकरण केंद्र पर जाने में असमर्थ हैं या कोई साधन नही है तो उनके लिए यह टीकाकरण वाहन मिल का पत्थर साबित होगा।
टीका एक्सप्रेस रथ का आशा, जीविका और आंगनबाड़ी सेविका भी देगीं साथ: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया टीकाकरण के लिए सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से सेशन साइट की पूरी जानकारी मंगा ली गयी है कि किस दिन कहां टीकाकरण होगा। आशा, जीविका तथा आंगनबाड़ी सहायिका वहां चलंत टीका एक्सप्रेस को टीकाकरण में सहायता करेंगी। कोविड टीकाकरण की खेप भी आ चुकी है। जिसे जरूरत के अनुसार संबंधित प्रखंड के पीएचसी/सीएचसी में भेज दिया जाएगा। वहीं एक दिन में एक गांव को टीकाकृत करने का लक्ष्य रखा गया है। टीकाकरण के इस कार्य में आशा अपने घर, शिक्षक तथा प्रतिष्ठित लोगों को टीका लगवाएगी जो लोगों के लिए अनुसरणीय होगा। प्रत्येक गाड़ी में आपातकाल किट भी होगा। जो टीके के प्रतिकूल प्रभाव पर उपयोग में लाया जा सकेगा। इन सभी चीजों के लिए भी स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
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