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कल तक जो चेहरा थे अनजान, आज अपने बन बढ़ा रहे जान-पहचान.

कल तक जो चेहरा थे अनजान, आज अपने बन बढ़ा रहे जान-पहचान.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

फिजां में चुनावी वादों, घोषणाओं और नारों के बोल गूंज रहे हैं। कल तक जो चेहरे बेगाने लग रहे थे, आज वे अपने लग रहे हैं। मतदाता भगवान व उम्मीदवार याचक की भूमिका में नजर आ रहे  हैं। उम्मीदवार अपने वादों व घोषणाओं के साथ मतदाता के समक्ष हाजिरी लगा रहे हैं। सुबह से लेकर देर रात तक लोक लुभावने वादों के साथ जनसंपर्क का दौर भी चल रहा है। आम लोगों के जो चेहरे उम्मीदवारों के लिए चुनाव के पहले बिलकुल अंजान हुआ करते थे, आज वे चेहरे उम्मीदवारों के लिए अपने हो गये हैं। मतदाता मानो उम्मीदवारों के लिए भगवान का रूप हो गए हैं।

सुबह से देर रात तक चल रहा जनसंपर्क

उम्मीदवारों का तांता मतदाताओं के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं। सुबह सूरज की किरण निकलने से पहले ही उम्मीदवार मतदाताओं के दरवाजे पर दस्तक देने पहुंच जा रहे हैं। यह सिलसिला देर रात तक चलता है। सभी उम्मीदवार खुद को योग्य और मतदाताओं का सच्चा हितैषी बता रहे हैं। वे मतदाताओं को भरसक यह प्रयास दिला रहे हैं कि वे उनके विकास के लिए हर वक्त तत्पर रहने के साथ-साथ उनके हर सुख-दुख में शामिल रहेंगे। मतदाता भी सभी को उन्हें ही वोट देने का आश्वासन दे रही हैं।

गांव में स्वागत का दौर शुरू

पंचायत चुनाव का बिगुल बजते ही मतदाताओं की नब्ज टटोलने की कवायद शुरू हो गई है। गांव में स्वागत का दौर शुरू हो गया है। दूसरी ओर प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी के स्तर पर भी चुनावी तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला में आधी आबादी भी अहम रोल अदा करेगी। लिहाजा, विकास का रास्ता घर के आंगन, शौचालय, नाली-गली और राशन कार्ड से होकर गुजरेगा।

इस बार कई नए चेहरे भी चुनावी दंगल में कूदने की तैयारी कर रहे हैं। हर पद पर कांटे की टक्कर होने की संभावना है। चाहे वह जिला पार्षद का पद हो या फिर मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य हर पद पर गिद्ध की तरह जनप्रतिनिधियों की नजर है। एक एक मतदाता को प्रणाम करने का दौर प्रारंभ हो गया है। कई मतदाता वर्तमान जनप्रतिनिधियों को पुराने वादें याद दिलाना प्रारंभ कर दिया है।

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