हिंदूओं के त्योहारों की बहार, 13 अप्रैल से शुरू होगा चैती नवरात्र, 18-
19 को मनेगी छठ
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क :
यह सप्ताह होली की खुमारी में बीत रहा है, लेकिन अगले सप्ताह से फिर त्योहार की बहार है। सनातन धर्मावलंबियों के लिए छह अप्रैल से पूरे महीने त्योहार ही त्योहार है। मंगलवार को शहर में होने वाली महावीरी पूजा से लेकर चैती पूर्णिमा स्नान के मध्य वासंतिक नवरात्र, वैशाखी स्नान, चैती छठ जैसे महत्वपूर्ण त्योहार इसी महीने में है। साल 2021 में वैवाहिक लग्न के मुहुर्त भी इसी माह की 22 तारीख से प्रारम्भ हो रहे हैं।
वहीं, 16 से 22 तारीख तक बक्सर के राम नामक विशेष कार्यक्रम का भी एक संस्था द्वारा आयोजन किया जा रहा है, इस मौके पर 6 दिनों तक किला मैदान में विभिन्न धार्मिक सांस्कृतिक व रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन होना है। महावीरी झंडा महोत्सव अगले सप्ताह मंगलवार को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बक्सर में श्री हनुमान जी का ननिहाल है और महावीरी पूजा का यहां काफी महत्व है। इस पूजा पर शहर के विभिन्न पूजा स्थलों पर भगवान महावीर जी की पूजा अर्चना, कथा, हवन, आरती आदि के साथ भक्त शस्त्र पूजन, पताका फहराने, पगड़ी एवं सलामी जैसी रस्म अदायगी होती है। वहीं, शहर में जय बजरंगी की जयघोष से शोभायात्रा भी निकालने की परम्परा का लोग निर्वहन करते हैं।
आचार्यों ने बताया कि महीने की 10 तारीख को शिवरात्रि है और उसके अगले दिन सोमवती अमावस्या। इसे लेकर गंगा स्नान व शिवालयों में विशेष पूजन के कार्य तो भक्तजन करेंगे ही, बल्कि इस दिन गंगा के पवित्र जल से जलाभिषेक करने को लेकर कैमूर के पहाड़ी क्षेत्र अवस्थित बाबा गुप्ताधाम की यात्रा भी काफी संख्या में जिले को लोग करते हैं। जो 8-9 तारीख को विभिन्न वाहनों से कूच करेंगे।
13 से नूतन वर्ष आरंभ
तेरह तारीख से वासंतिक नवरात्र आरम्भ हो रहे हैं। इसी दिन से नया वर्ष (हिन्दू कैलेंडर विक्रम सम्वत 2078) भी प्रारम्भ हो जाएगा। आचार्य मुक्तेश्वर नाथ शास्त्री ने बताया कि नवरात्रि में होने वाली नवमी की पूजा (महानिशा) 20 तारीख को एवं इसके अगले दिन यानी 21 तारीख को रामनवमी की पूजा की जाएगी। इस बार नवरात्रि पूरे नौ दिन की है।
14 तारीख को सत्तू संक्रांति
प्रदेश की हिन्दू धार्मिक परम्परा में सत्तू संक्रांति (सतुआन) का बहुत बड़ा महत्व है। इस मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पवित्र गंगाजल में आस्था की डुबकी लगाएंगे। इसके बाद पूजा अर्चना कर लोग सत्तू, गुड़ और कच्चे आम को प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगे। प्रो. शास्त्री ने बताया कि इस दिन से खरमास की समाप्ति भी हो जाएगी और तिथिवार के अनुसार सभी मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे।
चैती छठ 18-19 को
साल में दो बार (चैत्र व कार्तिक मास) मनाया जाने वाला सूर्योपासना का अनुपम लोकपर्व चैती छठ इस माह की 16 तारीख को नहाय-खाय के साथ प्रारंभ हो रहा है। आचार्यों ने बताया कि पहला अघ्र्य 18 तारीख की संध्या पहर अस्ताचलगामी सूर्यदेव को तथा अगले दिन 19 तारीख की सुबह उदय होते सूर्यदेव को अघ्र्य दिया जाएगा। वहीं, 21 अप्रैल को भगवान श्रीराम जन्मोत्सव की धूम रहेगी।
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