गुरु जी से पहिला भेट पहिला भोजपुरिया स्वाभिमान सम्मेलन 2010 में जीरादेई में भईल रहे
आलेख : वृजकिशोर तिवारी, आखर सदस्य
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
गुरु जी से पहिला भेट पहिला भोजपुरिया स्वाभिमान सम्मेलन 2010 में देश के पहिलका राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी के गाँव जीरादेई में भईल रहे।
लेकिन तनि नया जगह , सब अरकुटिया आ जय भोजपुरी के लोग से नया नया भेट के वजह से विशेष ध्यान बाकी लोग पर ना दियाईल ।
साल भर तक बहुत तरह के बतकुचन में गुरु जी के नाव बार बार आवे । मन में लालसा बनल कि अबकी गुरु जी से मिले के बा ।
अगिला साल 2011 में फेर से भोजपुरिया स्वाभिमान सम्मेलन पंजवार में करे के प्रोग्राम बनल ।
2 दिसम्बर 2011 के गुरु जी के दुवार पर रहे खाये के बेवस्था रहे । उहाँ दिन भर आना जाना बनल रहे लेकिन गुरु जी से भेंट ना भईल ।
अगिला दिन 3 दिसम्बर के कार्यक्रम रहे । प्रभातफेरी के बाद कालेज पर स्टेज आ बैठे के मुआयना कुल्हि होत रहे । नीचे दरी टप्पर बिछावल गईल रहे । सगरी पंजवार में बड़का भईया वाला रुतबा मिले से तनि हाव भाव भी अलगे तरे के रहे ।
ओही बीच स्टेज पर से ही केहू से पूछनी , जी ई गुरु जी केने बानी जी कतहु लऊकनी ना …..??
ऊ का गुरु जी बाड़े …..!!
पूछनी कहाँ ….??
अरे उहे जे निचवाँ दरी पs झाड़ू लगावsतारे …..!!
हमार काटs त खून ना वाली स्थिति हो गईल।
इहें का गुरु जी हईं ….??
फेर तs ढेर चिझु मन में सिनेमा के तरे चले लागल ।
काल्हु इहेंका पूड़ी तरकारी परसत रहनी । फेके खाति पत्तल भी उठावे लागी । लाइब्रेरी में बिछवना के जुगाड़ भी करत रहीं । धउर के कभी ई करीं तs कभी ऊ ।
स्टेज से उतर के जाके उनकर चरण स्पर्श करे के झुकनी उहाँ के कदम दु कदम पीछे हो गईल ।
तबो हम जबरी उनकर पैर छुवनी । उनकर हाथे से झाड़ू लेवे के कोशिश भी कईनी लेकिन सफल ना भईनी ।
सही कहीं तs ओह समय तक उमिर के प्रभाव भा सवाशेर से भेंट ना होखे के वजह से कुछ अकड़ रहत रहे ।
बाकी गुरु जी से ओही भेट के बाद सगरी अकड़ हवा हो गईल ।
बहुत हद तक आदमी बन गईनी ।
गुरु जी अस सादगी से रहे वाला आदमी से आज तक केहू से भेंट ना भईल ।
आ एह भौतिक दुनिया में अब उम्मीद भी नईखे ।
भगवान इहाँ के अपना श्री चरनन में जगहा दीं ।
सादर श्रधांजलि
कोटिसः नमन
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