इंसानियत के देवता तुल्य थे स्व. हज़रत साहब, श्रद्धांजलि सभा में छलक पड़े आंसू
* बरवा जेपी पुस्तकालय में आयोजित हुआ कार्यक्रम श्री नारद मीडिया हथुआ : इंसानियत के देवतातुल्य स्व प्रो हज़रत हुसैन कभी किसी समुदाय को अलग करके नहीं चले बल्कि सबको जोड़कर चलने का काम किया। उनकी समाज के प्रति एकता, निष्ठा और सत्य की राह पर चलने वाले क़दम हमेशा समाज के लिए आईना बनेगा। उक्त बातें जय प्रकाश नारायण पुस्तकालय सह अध्ययन केंद्र, बरवा में गोपेश्वर महाविद्यालय, हथुआ के उर्दू विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष स्व प्रो हज़रत हुसैन के श्रद्धांजलि सभा में इनके प्रति उद्गार व्यक्त करते हुए डॉ सीपी सिंह ने कहा। इन्होंने स्व हुसैन के साथ बीते वक़्त को याद कर, भाऊक हो उठे। श्रद्धांजलि सभा में डॉ ब्रह्मदेव मण्डल ने कहा कि निष्चलता के धनी स्व हज़रत साहेब नेक दिल इंसान थे। उन्होंने जो जीवन जीने की कला को सिखलाया उसपर चलकर ही हम समाज निर्माण में अपना सहयोग दे सकेंगे। वहीं सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुखिया विंदेश्वरी ठाकुर ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। दयाशंकर ने इनको समाज के देवता की संज्ञा दिया। डॉ राम विष्णु प्रसाद ने कहा कि शिक्षक कभी मरते नहीं बल्कि उनकी विचारों की यात्रा हमेशा चलती रहती है। वहीं कवि शर्फुद्दीन अली ने अपने शायरी के माध्यम से जैसे ही अपनी रचना पढ़ी वैसे ही सबकी आंखे नम हो गई। इन्होंने मंच साझा करते हुए स्व प्रो हज़रत साहेब के कई समाज को दिए गए उद्गार के बारे में बताया। सभा में चित्र पर पुष्प अर्पित कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना किया। वहीं दिवंगत प्रोफेसर की याद में पर्यावरणविद् डॉ सत्य प्रकाश के साथ वृक्षारोपण भी किया गया। पौधा लगाते हुए पर्यावरणविद् ने कहा कि यही सच्चा साथी है। स्व प्रो हज़रत जी की आत्मा हमारे गांव में बसे इसके लिए पौधरोपण किया जा रहा है। कार्यक्रम में नागेन्द्र तिवारी, धृप प्रसाद, पुष्पेन्द्र कुमार, शब्बू सिद्दीकी, अफताब आलम, उपाध्यक्ष धनंजय यादव, अशोक यादव, दीनानाथ पूरी, उपेन्द्र सिंह, अफताब आलम, डॉ राकेश रंजन, ओम प्रकाश यादव, महताब खान, वेद प्रकाश, संतोष कुमार, अली मियां, लाल बाबू प्रसाद, फरहान अहमद खान, मिथिलेश कुंवर, उपेन्द्र सिंह सहित सैकड़ों लोग आदि थे।