सीवान समाहरणालय के राजस्‍व विभाग के प्रधान लिपिक को निगरानी की टीम रंगे हाथ किया गिरफ्तार

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प्रधान लिपिक जियाउल हक शिकायतकर्ता से रिश्‍वत के रूप में लिया था  एक लाख रूपया

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):

सीवान समाहरणालय के लिए शुक्रवार का दिन ब्‍लेक फ्राइडे रहा। समाहरणालय स्थित राजस्‍व शाखा में पदस्‍थापित प्रधान लिपिक जियाउल हक अंसारी को किसी मामले में एक लाख रूपये रिश्‍वत लेते हुए बिहार निगरानी अनवेष्‍ण ब्‍यूरों के पदाधिकारियों ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।  गिरफ्तार करने के बाद निगरानी की टीम अपने साथ पटना लेकर चली गई।

निगरानी विभाग के पदाधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार जमीन संबंधी मामला के निष्‍पादन के लिए आवेदक प्रेमशंकर सिंह  से एक लाख रूपये की मांग प्रधान लिपिक द्वारा किया गया था। जिसकी शिकायत आवेदक ने पटना स्थित निगरानी विभाग के कार्यालय में किया। जांच टीम के एक सदस्‍य आवेदक के साथ राजस्‍व शाखा में आकर एक लाख रूपये की मांग की बात सत्‍य साबित होने के बाद निगरानी ने जाल बिछाकर शुक्रवार की दोपहर लगभग डेढ बजे गिरफ्तार कर लिया।

पैसा लेते ही निगरानी विभाग के टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। प्रत्‍यक्षदर्शियों का कहना है कि निगरानी विभाग के अधिकारी रंंगे हाथ गिरफ्तार लिपिक को ले जाना चाहा विरोध करने पर अधिकरियों ने पिटाई भी किया। इस दौरान आस पास के लोग यह समझ रहे थे कि कोई बाहरी व्‍यक्ति जबरदस्‍ती ले जा रहा है। कार्यालय के कर्मियों ने रोकना चाहा तो निगरानी विभाग के अधिकारियों ने जब अपना परिचय पत्र दिखाया तो अन्‍य कर्मचारी शांत हो गये  और जंगल की आग की तरह यह खबर अधिकारियों और कर्मचारियों में फैल गया।

निगरानी द्वारा प्रधान लिपिक की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही जिला मुख्‍यालय के सभी कार्यालयों में हडकंप मच गया। बताते चले कि गिरफ्तार प्रधान लिपिक डेढ दशक से राजस्‍व विभाग में ही कार्यरत था। कभी सीवान सदर अंचल में तो कभी समाहरणालय राजस्‍व शाखा में। निगरानी के इस कार्रवाई से जहां घुसखोर कर्मचरियों व अधिकारियों में भय व्‍याप्‍त है वहीं आम जनता इसे सही कदम बता रही है।

छापेमारी दल में डीएसपी अरूणोदय पांडेय, सुजीत कुमार सागर, विकास जयसवाल, इंसपेक्‍टर मेंहदी एकबाल, ईश्‍वर प्रसाद, सिकंदर मंडल,  एएसआई जयप्रकाश,  सिपाही अभिषेक, राजेश, मणिकांत शामिल थे।

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