समय से पहले कमजोर हो रहा युवाओं का दिल,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बदलती जीवनशैली से युवाओं का दिल जवानी में बूढ़ा हो रहा है। युवा हृदय की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। यह बातें विश्व हृदय दिवस हृदय रोग विशेषज्ञों ने कहीं। मेट्रो अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. पुरुषोत्तम लाल ने बताया कि मोटापा, ब्लड प्रेशर, फिजिकल एक्टिविटी कम होने से हार्ट रोग की समस्या बढ़ रही है। 30-35 वर्ष के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं, इसलिए चर्बीयुक्त भोजन से परहेज करें।
वहीं कार्डियोलाजिस्ट डा. समीर गुप्ता ने कहा कि युवा लाइफ स्टाइल की वजह से अनचाहे इस रोग की चपेट में आ रहे हैं। शुरुआत में बेचैनी, घबराहट, पसीना आने की शिकायत होती, इसे नजरअंदाज करने पर वह हृदय रोग से ग्रसित हो जाते हैं। अब दिल के रोगियों में 50 फीसद ऐसे हैं, जिनकी उम्र 30 से 50 साल होती है। इनमें अचानक हृदयघात का खतरा भी बढ़ा है। इसका प्रमुख कारण है कि युवाओं के शरीर से निकलने वाले हार्मोन का संतुलन बिगड़ रहा है। संतुलन बिगड़ने से दिल को खून पहुंचाने वाली धमनियों की सतह रूखी हो जाती है।
कुछ समय बाद खून में वसा, कोलेस्ट्राल, कैल्शियम और अन्य पदार्थ धमनियों में जमा हो जाते हैं, जिससे धमनियां संकरी या फिर उनमें खून का थक्का जमा हो जाता है। खून का प्रवाह कम हो जाता है और दिल का दौरा पड़ने की आशंका बढ़ जाती है। यदि शुरुआत में इसका पता चल जाए तो दवाओं से खून के थक्के को ठीक किया जा सकता। इलाज के लिए एंजियोप्लास्टी व बाईपास सर्जरी आखिरी विकल्प बचता है।
हृदय रोग लक्षण
- मिचली
- थकान
- सांस फूलना
- छाती में जलन
- पेट में जलन
- अनियमित दिल की धड़कन
- गर्दन
- जबड़े
- कंधे
- पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द
इन बातों का रखें खयाल
- आधा घंटा रोजाना साइकिल चलाएं
- 40 से 60 मिनट सुबह तेज गति से चलें
- फल, हरी सब्जी, दाल का भरपूर प्रयोग करें
- तली सामग्री, चटपटा और बाजार का खाना खाने से बचें
डा. डीके गुप्ता (फेलिक्स अस्पताल, नोएडा) का कहना है कि हृदय संबंधित दिक्कत पहले 60 साल की उम्र के बाद होती थी, लेकिन बढ़ते तनाव, धूमपान और बदली हुई जीवन शैली युवाओं के दिल को बीमार कर रही है। रही-सही कसर देर रात तक जागने, फास्ट-फूड ने पूरी कर दी है।
वहीं, डा अजय कौल (चेयरमैन, हार्ट एंड वास्क्युलर इंस्टीट्यूट, फोर्टिस अस्पताल, नोएडा) के मुताबिक,कोरोना वायरस की वजह से हृदय की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इसके चलते उन लोगों में भी हृदय संबंधी समस्याएं देखी गई हैं जो वायरस की चपेट में आने से पहले तक किसी भी तरह के हृदय विकारों से पीड़ित नहीं थे।
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