भारत तक पहुंची म्यांमार सैन्य शासन की आंच.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद वहां से 12 नागरिकों ने भारतीय सीमा पार कर पूर्वोत्तर मिजोरम राज्य में शरण ली है। मिजोरम सरकार ने आने वालों की पहचान आम नागरिकों के रूप में की है। राज्य सरकार की ओर से शरण लेने वालों में सरकारी कर्मचारी होने के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है। उधर, म्यांमार की सैन्य सरकार ने भारत से कहा है कि वह आठ म्यांमार पुलिस के लोगों को उन्हें सौंप दे। मिजोरम के सेरछिप जिले की पुलिस का कहना है कि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि शरण लिए हुए लोग आम नागरिक हैं या पुलिस के जवान। जिले की पुलिस का कहना है कि इन सभी लोगों की विस्तृत जानकारी गृह विभाग को भेजा गया है। पुलिस सरकार के अगले निर्देश का इंतजार कर रही है।
100 से अधिक लोगों ने सीमा पार करने का किया प्रयास
मिजोरम पुलिस का कहना है कि हाल में 100 से अधिक लोगों ने राज्य में शरण लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने का प्रयास किया था। हालांकि, बार्डर पर तैनात असम राइफल्स के सैनिकों ने भारत के क्षेत्र में अवैध प्रवेश की अनुमति नहीं मिली। यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि तख्तापलट करने वाली म्यांमार की सेना ने इन पुलिस अधिकारियों पर नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए थे, लेकिन इन लोगों ने सेना के आदेश को मानने से इन्कार कर दिया। इसके बाद वह सभी भय के कारण मिजोरम में शरण लिए हुए हैं।
सीमा की रखवाली का जिम्मा असम राइफल्स के सैनिकों के पास
बता दें कि मिजोरम की म्यांमार के साथ 510 किलोमीटर की लंबी सीमा लगती है। मिजोरम-म्यांमार के साथ लगने वाली सीमा की रखवाली की जिम्मेदारी असम राइफल्स के सैनिकों के पास है। मिजोरम पोस्ट ने असम राइफ्लस के हवाले से कहा है कि केंद्र के उच्च अधिकारियों ने म्यांमार से किसी भी अवैध नागरिकों को प्रवेश की अनुमति नहीं देने के लिए कहा था। उधर, मिजोरम सरकार ने केंद्र सरकार को पड़ोसी देश से शरणार्थियों की संभावना के बारे में सूचित किया है। बता दें कि म्यांमार में तख्तापलट के बाद वहां सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके चलते म्यांमार में हालात तनावपूर्ण हैं। भारत ने कहा है कि वह हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह म्यांमार से मिजोरम में आए लोगों की रिपोर्टों का सत्यापन कर रहा है।