क्षत्रियों का इतिहास ही भारत का गौरवशाली इतिहास- राय साहब सिंह सोमवंश।
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर,सारण.
सारण जिले के प्रखंड अमनौर के ग्राम -अमनौर हरनारायण में अमनौर बडा पोखरा पर क्षत्रिय महासभा के तत्वाधान में क्षत्रियों की एक बैठक ऐतिहासिक जानकारी हेतु संजीव कुमार सिंह कर्मवार , पहाड़पुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। क्षत्रिय बैठक का संचालन राजीव कुमार सिंह उज्जैन ने किया । क्षत्रिय बैठक के मुख्य अतिथि राय साहब सिंह सोमवंशी प्रकाशक – क्षत्रिय वंशार्णव निवासी जिला-प्रतापगढ़ ( उत्तर प्रदेश) रहे.
क्षत्रिय बैठक को संबोधित करते हुए राय साहब सिंह सोमवंशी ने कहा कि छात्र धर्म क्षत्रिय का प्रतीक एवं मानवोचित धर्म है। उन्होंने कहा कि निर्भयता, साहस, शौर्य एवं वीरता क्षत्रियों का मुख्य लक्षण है। राय साहब सिंह सोमवंशी ने कहा कि राजनीति में निपुण होकर स्वबाहुबल से राष्ट्र रक्षण और मर्यादा की अखंडता बनाए रखना क्षत्रियों का पवित्र कर्तव्य है। राय साहब सिंह सोमवंशी ने कहा कि दूसरों की रक्षा करना क्षत्रियों का प्रथम और सर्वोपरि कर्तव्य है उन्होंने कहा कि वाह्य आक्रमणों को रोकना, आंतरिक उपद्रव, आतंक, अन्याय, अत्याचार, भ्रष्टाचार आदि को मिटाना, सज्जनों का आदर करना और दुष्टों का दमन करना क्षत्रियों का पवित्र कर्तव्य है।
राय साहब सिंह सोमवंशी ने कहा कि अध्ययन से मानव बुद्धि का विकास और दुर्भावनावों का नाश होता है। वैदिक और ऐतिहासिक साहित्य का अध्ययन-मनन, आधुनिक विद्याओ में पारंगत होना राजनैतिक सिद्धांतों और गुणों को धारण करके कुशल प्रशासिक बनना, समाजशास्त्र के अध्ययन से व्यावहारिकता का ज्ञान प्राप्त करना, सामाजिक, आध्यात्मिक, आर्थिक, राजनैतिक और लौकिक ज्ञान प्राप्त करना ही अध्ययन का मूल विषय है। राय साहब सिंह सोमवंशी ने कहा कि धैर्य यह महत्वपूर्ण विशेषता जिसमें निर्भय होकर युद्ध में अकेला ही सैकड़ों शत्रुओं के दांत खट्टे कर देना ही क्षत्रियों का लक्षण है उन्होंने कहा कि इसमें हमें महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, पृथ्वीराज चौहान, महारानी लक्ष्मी बाई आदि से प्रेरणा लेनी चाहिए। इन गुणों के कारण ही उस योद्धा का गुण -गान संसार में होता है।
जीवन क्षण भंगुरऔर अनिश्चित है तथा मृत्यु सत्य और निश्चित है, अतः रण में जीवन का मोह छोड़कर उसे सार्थक बनाने की मूल कुंजी वीरों में विद्यमान शौर्यता ही है। राय साहब सिंह सोमवंशी ने कहा कि धैर्य क्षत्रिय जीवन की प्रमुख महानता है, समस्याओं यौध्यिक संकट के समय जो धैर्य के साथ साहस से पूर्ण रहता हुआ, अडिग, अविचल और चरम उद्देश्यों पर जो दृढ रहता है वही क्षत्रिय कहलाने का अधिकारी है। राय साहब सिंह सोमवंशी ने कहा कि कायरो और निकृष्ट लोगों में इस गुण का पूर्ण आभाव रहता है।
धैर्य से ही वीर चरम लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं। राय साहब सिंह सोमवंशी ने कहा कि भारत का इतिहास क्षत्रियों की वीर गाथाओं से भरा पड़ा है जिसमें त्याग, बलिदान के अनेक अद्वितीय उदाहरण मिलते हैं उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास क्षत्रियों का इतिहास और क्षत्रियों का इतिहास ही भारत का गौरवशाली इतिहास है। राय साहब सिंह सोमवंशी ने संपूर्ण भारत वर्ष के क्षत्रियों से संगठित होने तथा मांस मदिरा का सेवन बंद करने की अपील किया।
क्षत्रिय बैठक को संबोधित करते हुए क्षत्रिय बैठक की अध्यक्षता कर रहे संजीव कुमार सिंह कर्मवार ने कहा कि क्षत्राणी बहुरिया रामस्वरूपा देवी के कृतित्व को बिहार ही नहीं भारत के इतिहास में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता और बिहार की धरती सदैव याद रखेगा उन्होंने कहा जिस तरह अंग्रेजों से लड़ते हुए महारानी लक्ष्मीबाई ने अपना बलिदान दिया उसी प्रकार महारानी बहुरिया रामस्वरूप आ देवी पो बिहार की लक्ष्मी बाई कहां जाए तो कोई अतिसयोक्ति नहीं होगी.
उन्होंने कहा भारत का इतिहास क्षत्रियों की वीर गाथाओं से भरा पड़ा है जिसमें त्याग बलिदान के अनेक अद्वितीय उदाहरण मिलते हैं उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास क्षत्रियों का इतिहास और क्षत्रियों का इतिहास भारत का गौरवशाली इतिहास है उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारतवर्ष का क्षत्रिय असंगठित है उन्होंने इस संपूर्ण भारतवर्ष के क्षत्रियों से संगठित होने तथा मांस मदिरा का सेवन बंद करने की अपील किया।
क्षत्रिय बैठक को संबोधित करते हुए क्षत्रिय बैठक का संचालन कर रहे राजीव कुमार सिंह उज्जैन ने कहा कि आज की बैठक अमनौर की ऐतिहासिक धरती वीरांगना क्षत्राणी बहुरिया रामस्वरूपा देवी भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में देश की प्रथम महिला जो स्वतंत्रता आंदोलन में 5 वर्षों तक जेल में रही उस वीरांगना की धरती पर आज क्षत्रिय समाज की बैठक की गई उन्होंने कहा कि भारतवर्ष का क्षत्रिय समाज असंगठित है उन्होंने संपूर्ण भारतवर्ष के क्षत्रियों से संगठित होने तथा मांस मदिरा का सेवन बंद करने की अपील।
इस मौके पर चतुरसिंह , शशि भूषण सिंह, सुरेंद्र कुमार सिंह, भरत सिंह , प्रेम कुमार सिंह, संजीव कुमार सिंह, विजय कुमार सिंह, राजीव कुमार सिंह, आशुतोष कुमार सिंह है, आदित्य सिंह , कृष्ण कुमार सिंह पंकज कुमार सिंह , प्रवीण कुमार सिंह आदि कई लोग उपस्थित रहे।
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