सुप्रीम कोर्ट में पति ने लगाई गुहार, कहा- महिला नहीं; पुरुष से हो गई मेरी शादी
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक शख्स ने अपनी पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी करने का मुकदमा दायर किया है. शख्स का कहना है कि उनकी पत्नी के पास पुरुष ‘जननांग’ है. अब सुप्रीम कोर्ट पुरुष की याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया है.
जानकारी के अनुसार जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की पीठ ने पत्नी से जवाब मांगा है. व्यक्ति ने कोर्ट में एक मेडिकल रिपोर्ट पेश की, जिसमें खुलासा किया गया कि उसकी पत्नी के पास एक लिंग और एक अपूर्ण हाइमन है. ‘इम्परफोरेट हाइमन’ एक जन्मजात विकार है, जिसमें बिना खुले हुए हाइमन योनि को पूरी तरह से बाधित कर देता है.
पीड़ित शख्स को ठगा गया
व्यक्ति के वकील एनके मोदी ने पीठ को बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत एक आपराधिक मामला है, क्योंकि पत्नी एक ‘पुरुष’ है. वह एक आदमी है. यह निश्चित रूप से धोखा है. यह किसी जन्मजात विकार का मामला नहीं है. यह एक ऐसा मामला है जहां मेरे क्लाइंट को शादी कर ठगा गया है. वह निश्चित रूप से अपने जननांगों के बारे में जानती थी.
पत्नी को नहीं कहा जा सकता महिला
एनके मोदी जून 2021 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बहस कर रहे थे, जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट के एक आदेश को रद्द कर दिया गया था, जिसने धोखाधड़ी के आरोप का संज्ञान लेने के बाद पत्नी को सम्मन जारी किया था. मोदी ने शिकायत की कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त चिकित्सा साक्ष्य हैं कि एक अपूर्ण हाइमन के कारण पत्नी को महिला नहीं कहा जा सकता है.
अंडाशय हैं सामान्य
इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या आप कह सकते हैं कि लिंग केवल महिला नहीं है, क्योंकि एक अपूर्ण हाइमन है? मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके अंडाशय सामान्य हैं. तब मोदी ने कहा कि न केवल ‘पत्नी’ के पास एक छिद्रित हाइमन होता है, बल्कि एक लिंग भी होता है. एक अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट साफ कहती है. जब लिंग है तो वह महिला कैसे हो सकती है? पीठ ने तब मोदी से पूछा, आपका क्लाइंट वास्तव में चाहता क्या है? इस पर मोदी ने कहा कि वह चाहता है कि इस याचिका पर ठीक से मुकदमा चलाया जाए और पत्नी को उसके पिता को धोखा देने और उसका जीवन बर्बाद करने के लिए कानूनी परिणाम भुगतने चाहिए.