सीवान में भी दिखने लगाई आस तूफान का असर

सीवान में भी दिखने लगाई आस तूफान का असर

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, मनीष कुमार, सीवान (बिहार):


बुधवार सुबह से रुक रुक कर शुरू हुई बारिश गुरुवार को भी पूरे दिन होती रही। साथ ही हल्की हवा भी रुक रुक कर चलती रही।बिहार सरकार द्वारा दिए गए अल्टीमेटम को देखते हुए गुरुवार को सड़कों पर काफी कम भीड़ देखी गई।सड़को पर सिर्फ वैसे ही लोग जिन लोगों को अतिआवश्यकता थी वही घरों से बाहर निकले। यास का अवसर बंगाल और उड़ीसा में काफी बृहद पैमाने पर है जहां काफी तबाही मचाई है यास ने। इसे देखते हुए बिहार सरकार ने भी बिहार में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।27 मई से 30 मई तक इसका खतरा बरकरार रहेगा।पर 27 और 28 को खतरा सबसे ज्यादा है। सिवान जिला प्रशासन भी यास तूफान से निपटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद दिख रहा है।जिलाधिकारी सिवान द्वारा जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों व अन्य पदाधिकारीगणों को इस तूफान से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहने को कहा गया है।इसका सबसे ज्यादा असर बिजली और सड़क यातायात पर देखा जा सकता है।अगर सिवान में भी 40- 50 की स्पीड से हवाएं चलती हैं तो हमारे यहां सबसे ज्यादा बिजली की आपूर्ति प्रभावित होगी। हमारे यहां केबले दुरुस्त नहीं हैं,जिसकी वजह से हल्की हवा पर भी बिजली कई दिनों तक गुल हो जाती है।अब जब यास नामक तूफान ही आ रहा है और इसमें संभावित हवा की गति 40 से 50 किलोमीटर की होगी तो फिर उनके केबलों का क्या होगा जो हल्की हवा में ही टूट जाती हैं।बुधवार रात से ही बिजली का आंख मिचौली शुरू हो चुका है जो गुरुवार को भी जारी था।पूरा जिला बिजली विभाग की इस कमी से जूझ रहा है।इस तूफान का असर सड़क यातायात पर भी पड़ सकता है क्योंकि इतनी तेज गति से हवा चलने के बाद काफी संख्या में पेड़ धराशाई हो सकते हैं जिसकी वजह से सड़क यातायात प्रभावित हो सकता है,हालांकि समाचार प्रेषण तक पूरे जिले में कहीं से भी इस प्रकार की सूचना नहीं थी। इस तूफान का सबसे ज्यादा असर उन खानाबदोश परिवारों पर भी पड़ेगा जो जहां-तहां अपना तंबू लगाकर रहते हैं यदि तेज गति की हवाएं चलती हैं तो उनके तंबू उखड़ जाएंगे इसके लिए प्रखंड विकास पदाधिकारियों द्वारा हर पंचायत के मुखिया को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी बगीचे या किसी भी उस स्थान पर न रहे जहां हवा चलने की वजह से किसी प्रकार की अनहोनी की आशंका हो। आज भी हमारे यहां गांव में बड़ी मात्रा में खरपतवार के मकान हैं, जिसमें अधिकांशतः मवेशियों को रखा जाता है,जबकि कुछ वैसे घरों में गरीब तबके के लोग भी रहते हैं।जनादेश की टीम आज गुरुवार को हुसैनगंज थाना क्षेत्र का भ्रमण कर रही थी तो पाया कि ब्लाक परिसर के पीछे की तरफ काफी बड़ी संख्या में खरपतवार के मकानों में स्थानीय लोग रहते हैं। जो एक प्रकार से हमारे प्रशासनिक पदाधिकारियों के लिए शर्म की बात है उनके बगल में आज भी वैसे गरीब जो अपना पक्का मकान बनवाने में सक्षम नहीं हैं,अपने जान की बाजी लगाकर खरपतवार के मकानों में पड़े हुए हैं।उन्हें आज तक प्रधानमंत्री आवास की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी।इसके लिए हमारे जनप्रतिनिधि भी जिम्मेवार हैं,क्या किसी जनप्रतिनिधि की नजर भी ऐसे लोगों पर नहीं गई यह मामला सिर्फ हुसैनगंज प्रखंड का ही नहीं। ऐसे मामले तो पूरे सिवान में भरे पड़े हैं खैर यह तो यास तूफान से पढ़ने वाले खतरे की बात है,हमें अभी भी पश्चिमी राज्यों से सीखना होगा और हमारे राज्य में आपदा नियंत्रण के लिए काफी कुछ करना बाकी है।

 

यह भी पढ़े

सड़क पर जलजमाव और कीचड़़ को लेकर सोहावन हाता में ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

दूसरे दिन अतरसन व रसूलपुर पहुंची टीकाकरण एक्सप्रेस, 88 लोगों ने ली वैक्सीनेशन

हुलेसरा गांव के लोगो को बारिश होते ही आवागमन की समस्या हो जाती है उत्पन्न

1 जून से लागू हो रहे हैं नए नियम,कहां-कहां होगा बड़ा बदलाव?

भतीजा की बारात जा रहे चाचा की सड़क दुर्घटना में मौत

Leave a Reply

error: Content is protected !!