LAC पर चीन के सैनिकों की बढ़ती संख्या भारत के लिये बड़ी चिंता.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारतीय सेना प्रमुख जनरल जनरल एमएम नरवणे ने LAC पर बढ़ती चीनी सैनिकों की संख्या को लेकर चिंता जाहिर की है. सेना प्रमुख ने कहा है कि यह चिंता का विषय है. भारत चीन के सैनिकों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा है.
इस विषय पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, चीन ने पूर्वी लद्दाख में भारी संख्या में सैनिकों को तैनात कर दिया है. यह तैनाती ना सिर्फ पूर्वी लद्दाख में बल्कि उत्तरी फ्रंट पर भी बढ़ रही है. फॉरवर्ड एरियाज में उनकी तैनाती में लगातार हो रही वृद्धि हमारे लिए चिंता का विषय है.
उन्होंने कहा, हम चीन के सैनिक और उनकी बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर का जवाब दे रहे हैं. हम किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं. हम इस समय किसी भी घटना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं
सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा है कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि इस मामले को बातचीत से हल कर सकें. भारत अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में चीन के साथ 13 वें दौर की वार्ता कर सकता है.
एलएसी पर दोनों देशों ने पिछले छह महीने तक हालात सामान्य बना कर रखें हैं. दोनों देश इस मसले के सामाधान की कोशिश में लगे हैं. 12वें दौर की वार्ता 31 जुलाई को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के चीनी हिस्से के मोल्दो में आयोजित किया गया था.
सेना प्रमुख ने चीन के साथ- साथ पाकिस्तान और अफगानिस्तान का भी जिक्र करते हुए कहा, पाकिस्तान की तरफ सीजफायर का उल्लंघन होता रहा है पिछले 10 दिनों में दो बार सीजफायर का उल्लंघन हुआ है. हाल ही में घुसपैठ के प्रयासों में वृद्धि हुई है.
भारतीय सेना (India China Tension) ने मंगलवार को कुछ छोटे वीडियो और तस्वीरें जारी कीं हैं जिनमें भारत और चीन के बीच बनी सहमति के तहत पूर्वी लद्दाख में पैंगांग सो (झील) के आसपास के इलाकों से चीनी सेना अपने सैनिकों की संख्या में कम किये जाने के साथ ही उसके द्वारा बंकर, शिविर और अन्य सुविधाओं को नष्ट करते नजर आ रहे हैं. इसी बीच भाजपा नेता सुब्रमण्ययम स्वामी ने एक ट्वीट किया है जो चर्चा का विषय बना हुआ है.
सुब्रमण्यम स्वामी (subramaniam swamy ) ने चीन के साथ जारी तनाव के ममाले पर केंद्र की मोदी सरकार से एक सवाल किया है. स्वामी ने एक ट्विट कर पूछा हैः सच क्या है…मामला सुलझा लिया गया है….उन्होंने लिखा है कि मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स द्वारा पहले कहा गया था कि एलएसी के पार भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना, पीएलए ने कभी एंट्री नहीं की…लेकिन मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स द्वारा ही अब कहा जा रहा है कि चीनी सेना, पीएलए ने भारतीय क्षेत्र से हटना शुरू कर दिया है. क्या दोनों बातें सच हो सकती हैं ?
आपको बता दें कि संसद में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी नेता राहुल गांधी ने चीन को लेकर सवाल खड़ा किया था. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने चीनी सरकार को भारत माता की जमीन सौंपने का काम किया है. एक प्रेस कांफ्रेंस करके राहुल गांधी ने चीन मसले पर कहा था कि रक्षा मंत्री ने संसद में अपनी बात कही, इसमें कुछ चीजें हैं, जो साफ नहीं है…बातें स्पष्ट होनी चाहिए…उन्होंने कहा कि हमारी जगह पहले फिंगर 4 पर थी, लेकिन सरकार ने अब फिंगर 3 पर सहमति क्यों देने का काम किया है….कांग्रेस नेता ने देपसांद मसले पर भी कहा था कि वहां से चीनी सेना पीछे क्यों नहीं हट रही है….
वीडियो और तस्वीरें जारी : इधर भारतीय सेना ने कुछ छोटे वीडियो और तस्वीरें जारी कीं जिनमें भारत और चीन के बीच बनी सहमति के तहत पूर्वी लद्दाख में पैंगांग सो (झील) के आसपास के इलाकों से चीनी सेना द्वारा अपने सैनिकों की संख्या में कम किये जाने के साथ ही उसके द्वारा बंकर, शिविर और अन्य सुविधाओं को नष्ट करते दर्शाया गया है. इन वीडियो में चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा कुछ संरचनाओं को समतल करने के लिए बुलडोजर का उपयोग करते हुए दिखाया है. साथ ही इसमें चीन के सैनिकों को उपकरण, वाहनों के साथ पीछे हटने की तैयारी करते दिखाया गया है.
पीछे हटने की प्रक्रिया में तेजी : तस्वीरों और वीडियो में पैंगांग झील के उत्तरी और दक्षिण दोनों ही किनारों से सैनिकों के पीछे हटने की तेज प्रक्रिया दिखायी गई है. साथ ही इसमें सैनिकों को पीछे जाते, मशीनें हटाने तथा बंकर, चौकी और तंबू जैसी अस्थायी संरचनाओं को ध्वस्त करते दिखाया गया है. रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि पीछे हटने की प्रक्रिया में तेजी आ रही है और इसके सप्ताह के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है.
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