तीन जिंदगियां बचाने को जज ने तीन दिन में लिया फैसला, नाबालिग की शादी को इस तर्क से बताया वैध

तीन जिंदगियां बचाने को जज ने तीन दिन में लिया फैसला, नाबालिग की शादी

को इस तर्क से बताया वैध

श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क :

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
0
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
0
previous arrow
next arrow

बिहारशरीफ किशोर न्याय परिषद के प्रधान जज मानवेंद्र मिश्र ने सोमवार को तीन दिनों की सुनवाई के बाद तीन जिंदगियां बचाने का फैसला सुनाया। सम्भवतः यह देश का सबसे त्वरित न्याय है। जज ने आरोपी किशोर के विरुद्ध मुकदमा बंद करते हुए शेखपुरा सेफ्टी प्लेस से मुक्त करने का आदेश देते हुए कहा कि वो अपनी आठ माह की पुत्री की उचित देखभाल एवं संरक्षण प्रदान करे। पत्नी के भोजन, वस्त्र, उपचार आदि मूलभूत जरूरतों को पूरा करे। जज ने लिखा कि यह फैसला किसी अन्य नाबालिग के शादी संबंधित मुकदमे में नजीर देने के लिए बाध्यकारी नहीं होगा।

मामला हिलसा थाना क्षेत्र के एक गांव से जुड़ा है। उस गांव के एक व्यकित की 16 वर्षीया पुत्री ने 15 वर्षीय प्रेमी के साथ भाग कर शादी कर ली थी। दोनों दिल्ली स्थित अपनी मौसी के यहां रहने लगे। लड़की के पिता ने 11 फरवरी 2019 को हिलसा थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया। शिकायत में कहा कि शादी की नीयत से उसकी नाबालिग पुत्री का अपहरण किशोर ने किया है। उक्त किशोर की मां, पिता एवं भाई को भी आरोपित बनाया गया। पुलिस जांच अधिकारी ने अनुसंधान में पाया कि लड़की को भागने के मामले में लड़के की मां, पिता एवं भाइयों की कोई भूमिका नहीं है।

इस घटना के छह महीने बाद लड़की ने न्यायालय के समक्ष कुबूल किया कि उसने अपनी मर्जी से प्रेमी संग दिल्ली भाग कर शादी कर ली थी। हम दोनों पति-पत्नी के रूप में रह रहे हैं। पति, सास एवं ससुर से कोई शिकायत नहीं है। पिता ने गलतफहमी में अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया था। आरोपी किशोर ने भी आत्मसमर्पण किया, जिसे शेखपुरा स्थित सेफ्टी गृह में आवासित कर दिया गया।

इधर, 19 जुलाई 2020 को लड़की ने पुत्री को जन्म दिया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान आठ माह की पुत्री को गोद में लेकर उक्त लड़की किशोर न्याय परिषद में उपस्थित हुई। उसने अपने पति, सास एवं ससुर के साथ रहने की इच्छा जाहिर की। लड़की के पिता एवं मां ने भी इस रिश्ते पर न्याय परिषद के सामने रजामंदी व्यक्त करते हुए कहा अपेक्षा जताई कि उसकी पुत्री एवं नातिन की उचित देखभाल उसके पति एवं उनके मां-पिता करें। पति ने भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये न्याय परिषद के समक्ष कहा कि वे पत्नी एवं पुत्री का उचित संरक्षण एवं देखभाल करेगा। आरोपी किशोर के मां-पिता ने भी बहू एवं पोती को अपनाने की रजामंदी दी। सभी पक्षों को सुनने  के बाद जेजेबी के प्रधान जज मानवेंद्र मिश्र ने इस मुकदमे की कार्यवाही पूरी की और मुकदमे को बंद कर दिया।

जज ने आठ माह की बच्ची की देखभाल एवं संरक्षण के लिए आरोपी किशोर को मुक्त करने का आदेश दिया है। साथ ही विधि परिवीक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वे प्रत्येक छह महीने पर दो वर्षों तक उक्त बच्ची की देखभाल का प्रतिवेदन हिलसा स्थित बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी के सहयोग से प्रस्तुत करते रहेंगे। जज मिश्र ने बाल कल्याण समिति को निर्देश दिया कि किशोर के पश्चातवर्ती देखभाल की योजना प्रस्तुत करें। यदि वह कोई स्वरोजगार या स्किल डेवलपमेन्ट कोर्स करना चाहे तो उसे सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रमों का अवसर उपलब्ध कराया जाए।

 

यह भी पढ़े 

जल संरक्षण में पर्याप्त मात्रा में इस्तेमाल करना ही मददगार सिद्ध होता है : भारती यादव

बिहार दिवस पर जीविका दीदियों ने किया पौधरोपण

सीवान के बड़हरिया में अपराधियों ने युवक की  मुंह में गोली मार कर दी निर्मम हत्या, इलाके में सनसनी

होली और शबे बारात को सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न कराने को लेकर हुई शांति समिति की बैठक

Leave a Reply

error: Content is protected !!