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ठहरे हुए समय की दस्तक है द कश्मीर फाइल्स..सुन-देख लीजिए..क्योंकि आज अगर ख़ामोश रहे तो कल सन्नाटा होगा.

ठहरे हुए समय की दस्तक है द कश्मीर फाइल्स..सुन-देख लीजिए..क्योंकि आज अगर ख़ामोश रहे तो कल सन्नाटा होगा.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

क्या इसलिए चुनवाये थे तक़दीर ने तिनके
कि बन जाए नशेमन तो कोई आग लगा दे…

कश्मीर फाइल्स को लेकर देश भर में इस वक्त हर तरफ़ चर्चा हो रही है, ख़ासकर सोशल मीडिया में..हर तरह की सार्थक प्रतिक्रियाओं के बीच मेरा कुछ कहना या लिखना कोई ख़ास मायने नहीं रखता..पर कई बार ऐसा होता है कि आप कुछ लिखने से ख़ुद को रोक नहीं पाते..तो कश्मीर फाइल्स ने मेरे अंतस को जिस तरह स्पर्श किया…उसे अगर शब्द देने की कोशिश करूं तो वो कुछ इस तरह हो सकता है शायद…

दर्द जो थमा हुआ था..
.चित्कारें जो घुटी हुई थीं.
.खून जो जम सा गया था
.. घाव जो अस्तित्व की पहचान बन गया था….और
उखड़ने-उजड़ने-खोने-तरसने-दरकने-दहकने-धधकने के आगे खड़ा था निर्दयी पूर्ण विराम ।
उदारवाद के घोड़े पर सवार देश….सेक्यूलरिज्म का ध्वज थामी व्यवस्था….मस्त सभी..बेखबर सभी…कसमसा रहा था तो केवल समय…अचानक एक दस्तक हुई धीमी सी लेकिन सख्त…एक परदा सरका…धुंध पर कुछ रोशनी पड़ी…दरकी जब अंधेरी दीवारें… तब…”जन्नत”का जुर्म सरेआम था….तो हिम शिखरों से लावा सा फूटा…अनंत पीड़ाओं का लावा.. आंसुओं का सागर लहराया…जो है इतना नमकीन..कि दांडी मार्च कर उठीं स्मृतियां…नब्बे का नंगा सच..जिसका हम कयास ही लगाते रहे..जब उसकी बस्स एक झलक दिखी…तो नसें फटने लगीं..मुट्ठियां भींचने लगीं…भारत के भाल पर असंख्य सिलवटें उभर आईं…और एक लहर उठी कश्मीर से कन्याकुमारी तक…..लौह लहर..
अब न सवाल..न जवाब…
न सबूतों की दुहाई..
न तर्कों का तराजू,
न सियासत का अवसरवाद,
न नारों की ठगी..न फरेब की फेहरिस्त..
.बची तो सिर्फ…स्तब्ध संवेदना…
बची..तो सिर्फ अभूतपूर्व बेचैनी….
बची तो सिर्फ कानों में गूंजती बचा लो की गुहार…
बचे जर्द चेहरे..सर्द उदासी…और हवा में गूंजती नाउम्मीदी के लोकगीत…।

द कश्मीर फाइल्स एक 2022 भारतीय हिंदी भाषा की ड्रामा फिल्म है  जिसे विवेक अग्निहोत्री द्वारा लिखित और निर्देशित किया गया है। ज़ी स्टूडियोज द्वारा निर्मित, यह फिल्म कश्मीर विद्रोह के दौरान के पलायन पर आधारित है। इसमें अनुपम खेर , दर्शन कुमार , मिथुन चक्रवर्ती और पल्लवी जोशी हैं। समीक्षा मिश्रित थी;  सकारात्मक लोगों ने खेर के प्रदर्शन की प्रशंसा की,जबकि नकारात्मक लोगों ने फिल्म को प्रोपेगैंडास्टिक बताया।

फिल्म को शुरू में 26 जनवरी 2022 को दुनिया भर में नाटकीय रूप से रिलीज करने के लिए निर्धारित किया गया था, भारत के गणतंत्र दिवस के साथ ,  लेकिन ओमिक्रॉन संस्करण के प्रसार के कारण स्थगित कर दिया गया था ,  और अंत में 11 मार्च 2022 को नाटकीय रूप से रिलीज़ किया गया। फिल्म अपनी रिहाई से पहले दो कानूनी मामलों का सामना करना पड़ा, जिनमें से एक के कारण कुछ दृश्यों को रोकने के लिए अदालत का आदेश दिया गया। इसे हरियाणा ,  मध्य प्रदेश , और गुजरात में कर-मुक्त घोषित किया गया था 

 

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