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भू-माफिया ने बेच दी सरकारी जमीन, डीएम जांच नहीं कराते तो हाथ से निकल जाती जमीन.

भू-माफिया ने बेच दी सरकारी जमीन, डीएम जांच नहीं कराते तो हाथ से निकल जाती जमीन.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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बिहार की राजधानी पटना में सरकारी जमीन को भू-माफिया द्वारा बेच दिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह मामला दानापुर अंचल क्षेत्र का है। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह के आदेश पर इस मामले की जांच कराई गई तो इसका खुलासा हुआ। जांच अधिकारी ने सरकारी जमीन की रजिस्ट्री को रद्द करने की अनुशंसा की है। इधर, इस मामले में पटना सदर के रजिस्ट्री कार्यालय और दानापुर अंचल कार्यालय के  सत्यापन के जमीन की रजिस्ट्री होने के मामले कर्मचारियों को कार्रवाई की तलवार लटक गई है।

महादलित परिवारों को आवंटित थी जमीन

दानापुर अंचल के रूकनपुरा मौजा के थाना संख्या-18, खाता संख्या-21, खेसरा संख्या -09 जो खतियान में गैरमजरूआ खास दर्ज है। इस जमीन में से 9.3750 डिसमिल भूमि विजय पासवान द्वारा डीड संख्या- 13430 दिनांक 09 अक्टूबर 2021 को ज्ञानेंद नाथ को बेच दी गई। मामले की जांच दानापुर के डीसीएलआर द्वारा की गई। जांच में पाया गया कि यह भूमि मौजा- रुकनपुरा, थाना 18 खाता -21, खेसरा संख्या-90, रकबा खतियान में 89 डिसमिल भूमि गैरमजरूआ मालिक गड्ढा के रूप में दर्ज है।

यह भूमि पहले ही प्रशासन ने 13 महादलित परिवारों को बंदोबस्त कर दी थी। गड्ढा होने के कारण महादलित इस पर कब्जा नहीं कर पाए। परती जमीन को देख भू-माफिया ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराया और उसे बेच दिया गया। जमीन की चौहद्दी में उतर और दक्षिण हिस्से में निजी भूमि दिखाया गया है जबकि पूरी जमीन सरकारी है जांच अधिकारी ने इसकी सूचना डीएम और दानापुर सीओ को भी भेज दी है।

नहीं थी लॉकिंग

सरकारी जमीन को कोई रजिस्ट्री नहीं करा ले इसके लिए अंचल कार्यालयों में निबंधन कार्यालयों को प्रस्ताव भेजा जाता है। प्रस्ताव में अपने अपने अंचल की सरकारी जमीन को रजिस्ट्री कार्यालय लॉक कर देते हैं ताकि उसकी कोई रजिस्ट्री नहीं करा ले। लेकिन अंचल कार्यालय और निबंधन कार्यालय के कर्मियों ने इसकी अनदेखी से सरकारी भूमि की रजिस्ट्री हो गई।

सरकारी जमीन को भू-माफिया द्वारा बेच दिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह मामला दानापुर अंचल क्षेत्र का है। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह के आदेश पर इस मामले की जांच कराई गई तो इसका खुलासा हुआ। जांच अधिकारी ने सरकारी जमीन की रजिस्ट्री को रद्द करने की अनुशंसा की है। इधर, इस मामले में पटना सदर के रजिस्ट्री कार्यालय और दानापुर अंचल कार्यालय के कर्मचारी संदेह के घेरे में आ गए हैं। बगैर भौतिक सत्यापन के जमीन की रजिस्ट्री होने के मामले कर्मचारियों को कार्रवाई की तलवार लटक गई है।

दानापुर अंचल के रूकनपुरा मौजा के थाना संख्या-18, खाता संख्या-21, खेसरा संख्या -09 जो खतियान में गैरमजरूआ खास दर्ज है। इस जमीन में से 9.3750 डिसमिल भूमि विजय पासवान द्वारा डीड संख्या- 13430 दिनांक 09 अक्टूबर 2021 को ज्ञानेंद नाथ को बेच दी गई। मामले की जांच दानापुर के डीसीएलआर द्वारा की गई। जांच में पाया गया कि यह भूमि मौजा- रुकनपुरा, थाना 18 खाता -21, खेसरा संख्या-90, रकबा खतियान में 89 डिसमिल भूमि गैरमजरूआ मालिक गड्ढा के रूप में दर्ज है। यह भूमि पहले ही प्रशासन ने 13 महादलित परिवारों को बंदोबस्त कर दी थी। गड्ढा होने के कारण महादलित इस पर कब्जा नहीं कर पाए। परती जमीन को देख उसे बेच दिया गया। जमीन की चौहद्दी में उतर और दक्षित हिस्से में निजी भूमि दिखाया गया है जबकि पूरी जमीन सरकारी है। जांच अधिकारी ने इसकी सूचना डीएम और दानापुर सीओ को भी भेज दी है।

सरकारी जमीन को कोई रजिस्ट्री नहीं करा ले इसके लिए अंचल कार्यालयों में निबंधन कार्यालयों को प्रस्ताव भेजा जाता है। प्रस्ताव में अपने अपने अंचल की सरकारी जमीन को रजिस्ट्री कार्यालय लॉक कर देते हैं ताकि उसकी कोई रजिस्ट्री नहीं करा ले। लेकिन अंचल कार्यालय और निबंधन कार्यालय के कर्मियों ने इसकी अनदेखी से सरकारी भूमि की रजिस्ट्री हो गई।

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