लोकतंत्र में लाठी-गोली की भाषा गलत- शक्ति यादव
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बक्सर के एमपी सुधाकर सिंह लाठी से मारने की बात करके फंस गए हैं। एक तरफ विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं तो दूसरी ओर उनकी खुद की पार्टी ने किनारा कर लिया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि लोकतंत्र में लाठी और गोली की भाषा कहीं से स्वीकार नहीं है। यह आरजेडी की भाषा नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि ऐसा किस संदर्भ में बोला गया इस पर सांसद से बात करेंगे। लेकिन राजद प्रवक्ता ने सुधाकर सिंह के बयान का समर्थन करने से साफ साफ इनकार कर दिया।
एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि हम लोग लोकतंत्र के प्रहरी हैं। हम कभी भी लाठी, गोली की भाषा को स्वीकार नहीं कर सकते। लेकिन उन्होंने किस संदर्भ में ऐसा कहा है इसे देखा नहीं है। लोकतंत्र में संजीदगी और समरसता की भाषा बोली जाती है। अगर कभी जवाब देने की नौबत आती है तो कानून की हद में रहते हुए अपनी बात कहेंगे। सुधाकर सिंह से जानेंगे कि किन परिस्थितियों में ऐसा कहा गया। लोकतंत्र में वोट के चोट से जवाब दिया जाता है।
पिछले दिनों रामगढ़ की एक चुनावी सभा में बक्सर सांसद और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह ने कहा कि इस चुनाव में अगर हमारे विरोधियों ने गुंडई की तो छोड़ेंगे नहीं। पिछले चुनाव वाली गलती नहीं करेंगे। अबकी चुनाव में 300 बूथों पर हमारे लोग तैयार रहेंगे और गुंडई करने वालों को लाठी से मारेंगे। इस पर नीतीश सरकार के मंत्री संतोष सिंह ने पलटवार करते हुए कहा है कि हमारे पास भी लाठियों की कमी नहीं है। हम अंगुली काट लेंगे।
इससे आगे बढ़कर बीजेपी प्रवक्ता असीत नाथ तिवारी ने कहा कि सुधारकर सिंह के पूरे खानदान में हिम्मत है तो लाठी चलाकर दिखाएं। उनलोगों को उन्हीं की भाषा में जवाब देंगे। बीजेपी के प्रवक्ता कुंतल कृष्णन ने भी सुधाकर सिंह को करारा जवाब दिया। कहा कि अब बिहार में लालू यादव का जंगल राज नहीं है बल्कि नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। गुंडई करने वाले सभी सलाखों के पीछे भेज दिए जाएंगे। कोई बौखलाकर नहीं बोले।