स्वामी विवेकानंद का जीवन हमारे लिए मार्गदर्शन है
साईं मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में राष्ट्रीय युवा दिवस पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सीवान नगर के गौशाला रोड स्थित साईं मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के सभागार में राष्ट्रीय युवा दिवस पर स्वामी विवेकानंद की पावन स्मृति को नमन किया गया। इस अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि स्वामी विवेकानंद के जीवन आदर्श हमारा सटीक मार्गदर्शन करते हैं।
आज भी स्वामी जी के विचार उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने फिरंगी हुकूमत के दौर में थे। आज भी हमारे युवा दिग्भ्रमित हो रहे हैं। मोबाइल के दौर में समय बर्बाद कर रहे हैं। आत्मविश्वास की कमी के कारण तनाव, अवसाद की गिरफ्त में आ रहे हैं। ऐसे में आवश्यकता है कि स्वामी विवेकानंद के विचारों को केवल सुना ही नहीं जाए अपितु महसूस भी किया जाए और उन विचारों से मार्गदर्शन प्राप्त किया जाए।
रविवार को डॉक्टर रामेश्वर कुमार के साईं मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल पर राष्ट्रीय युवा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत स्वामी विवेकानंद के तैल चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुई। इसके बाद आगत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित किया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में विषय प्रवेश कराते हुए साईं मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के निदेशक विकास कुमार सिंह ने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर सारगर्भित और विस्तृत प्रकाश डालते हुए ऊर्जस्वित अंदाज में स्वामी जी के जीवन दर्शन के विभिन्न आयामों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को स्वामी विवेकानंद से संस्कारों की महता, कर्म की प्रधानता, मानवता की सेवा आदि के संदर्भ में सीख प्राप्त करना चाहिए।
इस अवसर पर शिक्षाविद् डॉक्टर गणेश दत्त पाठक ने कहा कि आज के युवाओं को आत्मविश्वास की आवश्यकता फिरंगी हुकूमत के दौर से कहीं ज्यादा है। स्वबोध का जागरण यानी आत्म मूल्यांकन ही स्वामी विवेकानंद को सच्ची श्रद्धांजलि हो सकती है।
मौके पर मौजूद यूनिटी इंटरनेशनल स्कूल के प्राचार्य हामिद अली ने कहा कि हमें अपने कर्म पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। हम जो भी करे पूरे उत्साह और लगन से करें। इस बात पर स्वामी विवेकानंद ने हमेशा बल दिया।
मौके पर शिक्षाविद् सुबोध कुमार सिंह ने अपने जीवन के प्रसंगों का उल्लेख करते हुए बताया कि सच्ची नियत से किया गया कर्म सदैव सकारात्मक फल देता है। इसलिए सच्ची भावना से हमें समाज के प्रति अपना योगदान देना चाहिए और यहीं योगदान स्वामी जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर शिक्षाविद् डॉक्टर गणेश दत्त पाठक, साईं हॉस्पिटल के निदेशक विकास कुमार सिंह, शिक्षाविद सुबोध कुमार सिंह, यूनिटी इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल हामिद अली, सर्जन डॉक्टर मनोज कुमार, डॉक्टर नरेंद्र मुखर्जी, डाइटिशियन डॉक्टर प्रियंका, सुजीत कुमार, शैलेश पर्वत, शत्रुघ्न कुमार, आलोक कुमार, मधु कुमारी, माधुरी कुमारी आदि उपस्थित रहे।
- यह भी पढ़े…………
- मकर संक्रांति पर सूर्योपासना से प्रसन्न होंगे नारायण
- नदिया के पार फ़िल्म की कहानी केशवप्रसाद मिश्र के उपन्यास ‘कोहबर की शर्त’ पर आधारित थी