Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
गोपालगंज के सिधवलिया बखरौर में दो कमरों के भवन में चल रहा है मध्‍य विद्यालय - श्रीनारद मीडिया

गोपालगंज के सिधवलिया बखरौर में दो कमरों के भवन में चल रहा है मध्‍य विद्यालय

गोपालगंज के सिधवलिया बखरौर में दो कमरों के भवन में चल रहा है मध्‍य विद्यालय

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

दो कमरों एक से आठ तक होती है पढ़ाई

लगभग चार सौ बच्‍चें आते हैं प्रतिदिन पढ़ने

सर्दी, गर्मी हो या बरसात खुले आसमान पढ़ने को विवश है नौनिहाल

श्रीनारद मीडिया, सिधवलिया,गोपालगंज (बिहार):

गोपालगंज जिले के  सिधवलिया प्रखंड के बखरौर पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय शिक्षा विभाग का मुंह चिढ़ा रहा है। शिक्षा विभाग का पोल खोल रहे इस विद्यालय के बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ने को विवश है। धूप हो या परसत इस विद्यालय में मध्यान्ह भोजन भी आसमान के नीचे बनता है और बच्चो को खिलाया जाता है।जिससे सैकड़ों बच्चों के साथ अभिभावकों में काफी रोष व्याप्त है।

ज्ञात हो कि प्रखंड के बखरौर पंचायत में आठ विद्यायल हैं जिसमें उत्क्रमित मध्य विद्यालय बखरौर की स्थापना 1954 में हुई। इस समय भूमिदाताओ ने दो कठ्ठा दो धूर जमीन दान कर इस विद्यालय की स्थापना कराई । तब से आज तक मात्र दो कमरों में यह विद्यायल चलते आ रहा हैं।

इस विद्यालय में लगभग पौने चार सौ बच्चे पढ़ते हैं।तथा महिला – पुरुष दस शिक्षक भी हैं। परन्तु इन्हें बैठने के लिए सुव्यवस्थित भवन नहीं है जिससे सैकड़ों बच्चे और शिक्षक बैठ सके या पढ़ा सकें। वर्तमान छोटे दो कमरों में विद्यालय का टूटा – फूटा सामने,वाक्स ,कुसियाॅ तथा मध्याह्न भोजन के सभी सामान रखे जाते हैं।इतना तक बच्चों का निवाला मध्याह्न भोजन आसमान के नीचे बनता है।इनकी सुरक्षा हेतु शिक्षकों को हमेशा चौकन्ना रहना पड़ता है।

सैकड़ों बच्चों के लिए एक भी शौचालय नहीं है जिसका प्रयोग बच्चे – शिक्षक कर सकें। इस विद्यालय की जमीन के कागजात भुमिदाताओ द्वारा उपलब्ध नहीं कराया रहा है जिसके कारण उस 2 कट्ठा 2 धूर जमीन निकल नहीं पाता। इस विद्यालय के स्थापना काल से अबतक पाॅच प्रभारी /प्रधानाध्यापक आए,सभी के कार्यकाल में भवन,रसोई घर, शौचालय एवं खेल – कूद हेतु राशियां उपलब्ध हुए l

परन्तु जमीन की नापी नहीं होने के कारण शिक्षा विभाग से आयी राशिया लौटानी पड़ी।शिक्षकों का कहना है कि बरसात के दिनों में बैठने का स्थान नहीं रहता,साथ ही विद्यालय परिसर में पानी भर जाता है जिससे बच्चों को आना मुश्किल हो जाता है। विद्यालय की प्रभारी सह प्रधानाध्यापिका कुमारी सीमा सिंह का कहना है कि इस विद्यालय की जमीन का कागजात भूमिदाताओ द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण जमीन की नापी नहीं हो पाती तथा भवन , शौचालय,रसोई घर तथा खेलकूद हेतु आती राशि लौटानी पड़ती है।इस पर नहीं जनप्रतिनिधि ध्यान देते और नहीं पदाधिकारी ध्यान देते है जिससे बच्चों,अभिभावकों एवं शिक्षकों में रोष व्याप्त है।

यह भी पढ़े

सिधवलिया की खबरें : जमीनी विवाद को लेकर सोमवार को हुई चाकूबाजी में छह व्यक्ति घायल

परिवार नियोजन के अपनाओ उपाय, लिखो तरक्की का नया अध्याय” थीम के तहत परिवार नियोजन कार्यक्रम का किया गया आयोजन:

दरभंगा में युवा संवाद ! वेदांत की दृष्टि तो ऐसी थी जिसमें कोई परस्पर भेदभाव था ही नहीं

भगवानपुर हाट की खबरें :  ऑर्केस्ट्रा में फरमाइशी गीत को लेकर विवाद में हुई चाकूबाजी, तीन घायल

पूर्व मंत्री ने किया शिक्षकों और पंचायत प्रतिनिधियों से संपर्क

Leave a Reply

error: Content is protected !!