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मांस और शराब के शौकीन बंदर को मिली थी उम्रकैद,क्यों? - श्रीनारद मीडिया

मांस और शराब के शौकीन बंदर को मिली थी उम्रकैद,क्यों?

मांस और शराब के शौकीन बंदर को मिली थी उम्रकैद,क्यों?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

जिले ही नहीं देश के लिए वर्ष 2017 में ऐसा मौका आया था जब एक बंदर को उम्रकैद की सजा उसकी हरकतों की वजह से देनी पड़ी थी। उस पर 250 से ज्यादा महिलाओं को काटने के सरकारी आंकड़े दर्ज हैं। वह एक तांत्रिक का पालतू बंदर था और तांत्रिक ने ही उसको मांस और शराब की लत लगाने के साथ ही उसे सारे आपराधिक कारनामे सिखा रखे थे। तांत्रिक की मौत के बाद मांस और शराब न मिलने पर कलुआ खुंखार हो गया और बच्चों को टारगेट कर काटने के साथ महिलाओं से छेड़छाड़ भी करता था।

उत्तर प्रदेश के कानपुर जू में एक ऐसा बंदर आजीवन कारावास की सजा पा रहा है जिसे वन विभाग को मीरजापुर से ताड़ीपार करना पड़ा था। इसके बाद भी उसमें कोई सुधार न होने पर उम्रकैद की सजा सुनाई गई। मीरजापुर के मनचले कलुआ बंदर में सुधार लाने के लिए उसे कानपुर जू ले जाया गया, लेकिन अभी भी वह वैसे ही है, उसकी आदत में कोई सुधार नहीं है। कलुआ नाम का यह बंदर ज्यादातर महिलाओं को ही टारगेट करता था। वह कुछ ज्यादा ही हिंसक प्रवृत्ति का था। इस बंदर पर 250 से ज्यादा महिलाओं को काटने के सरकारी आंकड़े दर्ज हैं।

महिलाओं से छेड़खानी का आरोपित : कलुआ बंदर महिलाओं से छेड़छाड़ करता था। महिलाओं के पास जाकर अजीबो गरीब हरकत और आवाजें निकलता था और उन्हें पकड़ने की कोशिश करता था। कानपुर जू में उसे छोटे पिंजरे में शिफ्ट किया गया है। जब लोग उसे देखने जाते तो यह बंदर पुरुषों को देख गुस्सा होता था, वहीं महिलाओं को दूर से इशारा कर पास बुलाता और फिर काटने दौड़ता था।

महिला की हत्‍या का आरोपित : मनचले कलुआ बंदर को 2016 में मीरजापुर से तड़ीपार कर वन विभाग के अधिकारियों ने जंगल में छुड़वा दिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद कलुआ एक बार फिर मीरजापुर पहुंच गया और लोगों को टारगेट करने लगा। इसके बाद इसे 2017 में मीरजापुर से पकड़कर कानपुर ले जाया गया। कलुआ ने एक महिला को इस तरह काटा क‍ि उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। बंदर के बढ़ते आतंक के चलते इसको पकड़ने के लिए वन विभाग और चिड़ियाघर की टीम लगाई गई थी। काफी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने बंदर को पकड़ने में कामयाबी हासिल की थी।

कलुआ की दीवानी थी मादा बंदर, उसकी करती थी चौकीदारी : प्रभागीय वनाधिकारी पीएस त्रिपाठी ने बताया कि मादा बंदर कलुआ की चौकीदारी करती थी। पहले जब उसे पकड़ने की कोशिश की गई तो इन मादा ने ही चिल्लाकर उसे चौकन्ना कर दिया था। बाद में उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर पकड़ा गया।

शराब और मांस का लती था कलुआ : कलुआ बंदर को पकड़ने के बाद छानबीन करने पर पता चला कि यह मांस खाने और शराब पीने का आदी था। दरअसल, पकड़े जाने से पहले कलुआ को एक तांत्रिक ने पाल रखा था। तांत्रिक ने उसे शराब और मांस का लती बना दिया था। तांत्रिक की मौत के बाद जब बंदर आजाद हुआ तो वह लोगों को जख्मी करने लगा। वह ज्यादातर बच्चियों और महिलाओं को ही काटता था।

कलुआ के व्यवहार में कोई सुधार नहीं : कलुआ बंदर को कानपुर प्राणी उद्यान में काफी समय तक आइसोलेशन में रखा गया था। इसकी शराब और मांस की आदत छुड़वाने के लिए कई दिनों तक इसे भूखा भी रखा गया था। पिंजड़े में कैद कलुआ में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला तो वर्ष 2020 में उसे ताउम्र पीजड़े में ही कैद रखने का फैसला लिया गया।

 

 

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