Breaking

जितना रहेंगे व्यस्त उतना रहेंगे स्वस्थ.

जितना रहेंगे व्यस्त उतना रहेंगे स्वस्थ.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बहुत बार हम अपने आप को एक कवच एक शैल में बंद कर लेते हैं और दुनिया से दूर हो जाते हैं। हमें ना तो दुनिया दिखाई देती है और ना ही सुनाई देती है। कई लोग इसे ध्यान या मेडिटेशन भी कहते हैं और कई इसे सुकून। पर यकीन मानिए यह शैल ना केवल आपको दुनिया से अलग करता है बल्कि यह आपकी कर्म करने की क्षमता पर भी उतना ही प्रभाव डालता है। सर्वे किया जाए तो जो लोग अलग थलग दुनिया में रहते हैं वो डिप्रेशन के शिकार जल्दी हो जाते है उन्हें लगने लगता है मानो उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी जी ली हो।

PunjabKesari

शायद गीता जैसे उपनिषद में इसे ही कर्मविहीनता कहा गया है। जिस तरह श्री कृष्ण  भगवान ने कहा है कर्म ही जीवन का आधार है तो क्या यह कहना अनुचित होगा की जो व्यक्ति कर्मवीहीन है उसका जीवन व्यर्थ है। हमें यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि राष्ट्र हित व्यक्तिगत हित और सामाजिक हित तभी सम्भव है यदि पूरा राष्ट्र पूरा समाज एकजुट होकर उन्नति के लिए अपना योगदान दे।

PunjabKesari
आज जितने भी गुरु आध्यात्मिक विद्या देते है उनके उपदेश का सार भी कर्म ही है। ध्यान के माध्यम से सेल्फ़ इंजीनियरिंग सिखायी जा रही है। स्वयं गुरु भी आश्रम में कार्य प्रचार कार्य करते दिखाई देते है। आप में से बहुतों ने देखा होगा पशु पक्षियों और जानवरों को काम करते हुए।  क्या हो यदि सारी प्रकृति स्वयं को भी शेल में बंद कर ले।

PunjabKesari
कहने का भाव केवल इतना है कि स्वयं को हम जितना ज्यादा बिजी रखेंगे हम उतना ही स्वस्थ तन और स्वस्थ मन का अनुभव करेंगे। आइये अपने आप को शैल से बाहर निकालें और घुल मिल जाएं प्रकृति दुनिया के रंगों में। फिर हमें दुनिया  व्यर्थ दौड़ती भागती नही बल्कि  संसार में अपना योगदान निभाती दिखेंगी और हम उसके साथ आशाओं के सफ़र पर निकल जाएंगे।

PunjabKesari
काम में व्यस्त इंसान के पास व्यर्थ की बातें सोचने का समय नही होता। किसी ने ठीक ही कहा  है ख़ाली दिमाग शैतान का घर ! कार्य करते रहने से ना सिर्फ शरीर बल्कि दिमाग भी वयस्त रहता है। घर में हो या बाहर अपने आप को वयस्त रखिए। किसी जॉब या व्यवसाय में है तो ठीक अगर नही तो किसी समाज सेवी संगठन के साथ जुड़ जाएं या फिर उन लोगों की मदद में जुट जाएं जिन्हें आपकी ज़रूरत है । दुनिया बहुत खूबसूरत है और हर ज़र्रे को ईश्वर ने किसी कारण से रचा और संवारा है।

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!