कोरोना वायरस की उत्पत्ति का रहस्य बरकरार, डब्ल्यूएचओ की नई टीम से उम्मीद.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कोराना वायरस के पहले मामले को सामने आए दो साल हो गए हैं, लेकिन अभी भी वायरस की उत्पत्ति को लेकर रहस्य बरकरार है। अभी तक इस बात का कोई पक्का सबूत नहीं मिला है कि यह वायरस चीन में कैसे उत्पन्न हुआ और दुनिया के बाकी हिस्सों में कैसे फैल गया। कोरोना वायरस अबी भी कई देशों में कहर बरपा रहा है।

दुनिया यह जानने को बेताब है कि यह वायरस जानवरों से इंसानों में फैला या चीन के वुहान की किसी लैब से लीक हुआ। चीनी अधिकारी पूरी तरह से वैज्ञानिक जांच के लिए अपनी प्रयोगशालाओं तक पहुंच देने में आनाकानी करते रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने अब कोरोना की उत्तपत्ति का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक सलाहकार समूह फार द ओरिजिन (एसएजीओ) की स्थापना की है। इसे कोविड-19 की उत्पत्ति का पता लगाने के अंतिम अवसर के रूप में देखा जा रहा है।

वैज्ञानिकों को लगता है कि जैसे-जैसे समय बीत रहा है वायरस की उत्पत्ति का अध्ययन करने के लिए अवसर तेजी से खत्म होता जा रहा है। जल्द से जल्द कोरोना पीड़ितों में एंटीबाडी के स्तर घटते हुए देखा गया है। वायरस और इसकी उत्पत्ति 2019 के अंत में उभरने के बाद से दुनिया भर के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए चिंता का विषय रही है। घातक वायरस ने 49 लाख से अधिक लोगों की जान ले ली है और कुल मामलों की संख्या 24 करोड़ से अधिक है।

वैज्ञानिकों के समूहों और डब्ल्यूएचओ की तरफ से वायरस की उत्पत्ति तक पहुंचने के कई बार प्रयास किए गए हैं, लेकिन कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिल सका। अमेरिका और उसके सहयोगी संयुक्त राष्ट्र की सार्वजनिक-स्वास्थ्य शाखा डब्ल्यूएचओ से वायरस की उत्पत्ति की जांच को आगे बढ़ने का आग्रह कर रहे हैं। वहीं, चीन ने तर्क दिया है कि किसी भी नई जांच को चीन के बदले अमेरिका सहित अन्य देशों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। चीन उन बतों को खारिज कर दिया है कि वायरस एक प्रयोगशाला से लीक हुआ था।

यह वायरस सबसे पहले चीनी शहर वुहान में सामने आया था और तब से चीन को पारदर्शिता की कमी के लिए फटकार लगाई गई है। चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को दिसंबर 2019 में वुहान में निमोनिया के मामलों के फैलने का खुलासा किया था। पूरे एक साल तक चीन ने कोरोनो वायरस की उत्पत्ति की स्वतंत्र जांच के आह्वान पर को ई प्रतिक्रिया नहीं दी, जिसके बाद से ही चीन पर संदेह गहराता गया। दुनिया को अब उम्मीद है कि एसएजीओ रिपोर्ट कोरोना की उत्पत्ति पर ठोस निष्कर्ष निकालने में कामयाब रहेगी।

 

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