जहरीली शराब का तांडव जारी, सरकार कर रही केवल बयानबाजी : माले
■ मुजफ्फरपुर के श्रीसिया व बरियापुर में 6 मौतों के साथ अक्टूबर-नवंबर में मौतों का आंकड़ा पहुंच गया 62.
■ राजनेता-प्रशासन-शराब माफिया गठजोड़ की जांच कराए सरकार, गरीबों पर हमले बंद करे.
श्रीनारद मीडिया, राकेश सिंह, स्टेट डेस्क:
बिहार में जहरीली शराब से हो रही मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है, दूसरी ओर सरकार केवल बयानबाजी कर रही है. माले राज्य सचिव कुणाल ने सरकार के इस रूख पर गहरी चिंता व्यक्त की है. कहा कि मुजफ्फरपुर के कांटी प्रखंड के श्रीसिया व बरियारपुर गांव में जहरीली शराब से कल अबतक 6 लोगों की मौत के साथ यह आंकड़ा 62 पहुंच गया है. हकीकत में मरने वालों की संख्या कहीं अधिक है.
यह समझ में नहीं आता कि जब आज पूरा बिहार कह रहा है कि जहरीली शराब के तंत्र के पीछे राजनेताओं-प्रशासन व शराब माफिया का गठजोड़ काम कर रहा है, तब नीतीश कुमार को इसकी जांच कराने में क्या दिक्कत है? यदि पूरे मामले की जांच हो तो यह बात स्पष्ट हो जाएगी कि दरअसल भाजपा-जदयू के ही लोग इसके पीछे हैं. नीतीश कुमार एक तरफ शराबबंदी पर अपनी पीठ थपथपाते हैं तो दूसरी ओर जहर परोसकर लोगों की जिंदगी से खिलावड़ कर रहे हैं. जहरीली शराब से गरीब लोग ही मारे जा रहे हैं, और गरीबों को ही जेल में ठूंस दिया जा रहा है. शराबबंदी वाले बिहार में शराबमाफियाओं व पुलिस की चांदी है. क्या नीतीश कुमार को यह सब नहीं दिखता?
उन्होंने एक बार फिर मद्य निषेध मंत्री की बर्खास्तगी और जहरीली शराब से मारे गए सभी लोगों के परिजनों के लिए 20 लाख का मुआवजा व वैकल्पिक रोजगार की तत्काल व्यवस्था की मांग की. कहा कि शराब के अवैध कारोबार पर अविलंब रोक लगाने के लिए राज्य से प्रखंड स्तर पर समावेशी निगरानी तंत्र का गठन किया जाए, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया जाए. लेकिन नीतीश कुमार पर इन आग्रहों का कोई असर नहीं पड़ रहा है.
मुजफ्फरपुर जहरीली शराब कांड की जांच रिपोर्ट
जांच टीम में माले राज्य कमिटी सदस्य शत्रुघ्न सहनी, इंक़लाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय परिषद आफताब आलम, इंसाफ मंच बिहार के राज्य प्रवक्ता असलम रहमानी, इंसाफ मंच बिहार के उपाध्यक्ष जफर आजम, इंसाफ मंच मुजफ्फरपुर के जिलाध्यक्ष फहद जमां, रेयाज खान, मोहम्मद एजाज, आइसा नेता मयंक कुमार शामिल थे. जांच टीम ने मृतक अशोक राय, दिलीप कुमार, सुमित कुमार राय, राम सिकील ,अशोक राय,और शाहजाद अली के परिवार तथा बीमार लालु दास व शयाम किशोर दास से मुलाकात की.
(1) जांच टीम को मृतक सुमित राय के पिता लक्ष्मण राय, माता आशा देवी, चाचा नरेंद्र राय आदि ने बताया कि सोमवार 8 नवंबर को शाम में सुमित राय की तबीयत खराब हुई. उसके बाद हम लोग उसे कांटी पीएचसी लेकर गए. वहां डाक्टर ने तीन इंजेक्शन दिया. जिसके बाद हालत और भी ख़राब हो गई. बाद में हॉस्पीटल के ही एम्बुलेंस से सुमित को मुजफ्फरपुर श्रीकृष्ण मेडिकल हॉस्पीटल लेकर पहुंचे, वहां सीटीस्कैन हुआ और उसके बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया. डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम करने से इंकार कर दिया. यहां तक कि शव को घर तक लाने के लिए ऐंबुलेंस की भी व्यवस्था नहीं की गई. हम लोग दो हजार में निजी एम्बुलेंस के माध्यम से शव को घर लेकर लौटे. मृतक की माता यह भी बताया कि सुमित की उम्र 28 वर्ष थी. उसकी पत्नी और छोटे-छोटे चार बच्चे हैं, जिन्हें देखने वाला अब कोई नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरे बेटे को किसी ने जहरीली शराब पिलाया था. उसी कारण उसकी मौत हुई है, लेकिन स्थानीय
प्रशासन शराब माफियाओं को ही बचाने में लगी हुई है.
(2) जहरीली शराब के शिकार बरियारपुर गांव के मृतक दिलीप राय 50 वर्ष, पिता स्वर्गीय रामानंद राय, के भाई संजीव कुमार ने जांच टीम को बताया कि 8 नवंबर को 6 बजे दिलीप राय को उल्टी शुरू हुई. उसी समय उसे प्रशांत हॉस्पीटल जुरन छपरा में भर्ती कराया गया. हॉस्पीटल में 24 घंटे रहने के बाद 9 नवंबर को हॉस्पीटल में ही उसकी मौत हो गई, फिर उनका पोस्टमार्टम श्रीकृष्ण मेडिकल हॉस्पीटल में हुआ. पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है. संजीव कुमार ने साफ-साफ कहा कि दिलीप कुमार को जहरीली शराब पिलाकर मारा गया है. हामरी सरकार से मांग है कि शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए तथा मृतक के परिवार की सहायता की जाए.
(3) बरियारपुर के ही तीसरे मृतक अशोक राय 55 वर्ष के पुत्र राहुल कुमार ने बताया कि 8 नवंबर को एक बजे रात में पिता जी को बैचैनी शुरू हुई, हम लोग उन्हें लेकर मेडिकल हॉस्पीटल गए. वहां इसीजी हुआ. उसके बाद डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उनका पोस्टमार्टम भी नहीं किया गया. मृतक के भाई विनय कुमार का मानना है कि अशोक की मौत जहरीली शराब से हुई है. उन्होंने कहा कि अगर हम लोग शराब कारोबारी के खिलाफ कोई आवाज उठाते हैं तो पुलिस द्वारा हम लोगों का चलना-फिरना और जीना मुश्किल कर दिया जाएगा.
(4) बरियारपुर के मृतक रामबाबू राय के पुत्र चुनचुन राय ने भी यही बताया कि 9 नवंबर की शाम में पिता जी दवा लेकर दिए. लेकिन कुछ देर के बाद बेचैनी और ज्यादा बढ गई. पसीना चलने लगा. इसी बीच आँख की रौशनी भी चली गई और फिर मौत हो गई. पोस्टमार्टम हुआ है लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली है.
वहीं शराब पीने के कारण आँख की रौशनी गवाने वाले बरियारपुर के निवासी श्याम किशोर राम ने बताया कि सिरसियां चौक पर गुड्डू की दुंकान पर एक ग्लास दारू पिए थे. उसके बाद मेरी आंख की रौशनी चली गई. इसी तरह लालू दास ने भी बताया कि सिरसिया चौक पर शराब पीने के बाद तबीयत खराब हुई.
स्थानीय लोगों के अनुसार तारकेश्वर पटेल, किशोर राम, लालबाबू दास, मनोज सिंह व हरि सिंह अस्पताल में भर्ती हैं.
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