किराए के मकान में रहता था शख्स, दिनभर रहता था घर में, पुलिस ने मारा छापा, नजारा देख रह गई सन्न
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
बिहार की नवादा पुलिस ने एक बार फिर से चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है जो लोगों से नए तरीके से साइबर फ्रॉड के जरिये ठगी का काम करते थे. फिंगरप्रिंट का क्लोनिंग कर एवं लोन का प्रलोभन देकर भोले-भाले लोगों के बैक अकाउंट से फर्जी तरीके से पैसे की निकासी करते थे. इस मामले मे पुलिस ने भारी मात्रा में साइबर फ्रॉड करने में कई सामग्रियों को भी बरामद किया है.
नवादा एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि चार मार्च को नवादा शहर के डॉक्टर पीएस चौधरी ने साइबर थाने में. ठगी का मामला दर्ज कराया जिसमें उन्होंने बताया कि 22 अक्टूबर 2023 से लेकर 28 जनवरी 2024 तक उनके खाते से कुल 158700 की सीएसपी से निकासी की गई है. थाने में मामला दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू की गई. पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार एक एसआईटी का गठन किया गया, जहां तकनीकी अनुसंधान की मदद से कुल चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. नौलेश कुमार वारसलीगंज, अनिल कुमार आषाढी मुफस्सिल थाना क्षेत्र, राजकुमार वारसलीगंज जबकि रामबाबू कुमार नालंदा जिले के रहने वाले हैं. यह सभी लोग राजगीर में बैठकर फिंगर प्रिंट का क्लोन बनाकर अकाउंट से फर्जी तरीके से पैसे निकालते थे.
अपराधियों ने तैयार कर रखा था पूरा सेट अप साइबर फ्रॉड करने के लिए अपराधियों ने एक पूरा सेट अप तैयार कर रखा था. अलग-अलग लोगों को कई जिम्मेदारी सौंपी गई थीं. कोई फिंगरप्रिंट का क्लोन तैयार करता था तो कोई आधार कार्ड के जरिये फिंगरप्रिंट स्कैन करने वाली मशीन से लोगों के अंगूठे के सैंपल लाता था. गिरोह का एक व्यक्ति पैसे का ट्रांसक्शन कर फ्रॉड करता था.
छापेमारी के दौरान पुलिस को आरोपियों के कब्जे से सात मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, तीन चेक बुक, तीन पासबुक,13 एटीएम कार्ड, 24 सिम कार्ड, तीन पेन ड्राइव, 5 ओटीजी मशीन, 4 फिंगर स्कैनर मशीन, एक स्टैंप मेकिंग मशीन, 255 नकली फिंगर प्रिंट और दो लाख कैश बरामद किया गया है. फिलहाल सभी अपराधियों को आईटी एक्ट के तहत जेल भेज दिया गया है.
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