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काठमांडू एयरपोर्ट पर टेक ऑफ करते ही जहाज हुआ दुर्घटनाग्रस्त - श्रीनारद मीडिया

काठमांडू एयरपोर्ट पर टेक ऑफ करते ही जहाज हुआ दुर्घटनाग्रस्त

काठमांडू एयरपोर्ट पर टेक ऑफ करते ही जहाज हुआ दुर्घटनाग्रस्त

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

नेपाल की राजधानी काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शौर्य एयरलाइन के एक छोटे विमान में उड़ान भरते समय आग लग गई। बुधवार को हुए इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई। जिस वक्त यह हादसा हुआ उस विमान में 19 यात्री मौजूद थे।नेपाल में हुए विमान हादसे ने एक बार फिर टेबलटॉप रनवे को सुर्खियों में ला दिया है। टेबलटॉप रनवे दुनिया भर में कई बड़ी विमान दुर्घटनाओं का कारण बन चुकी है।टीआईए के प्रवक्ता सुभाष झा ने बताया कि पोखरा जाने वाले विमान के उड़ान भरने के दौरान रनवे से बाहर निकल जाने के कारण यह दुर्घटना हुई।

क्या होता है टेबलटॉप रनवे?

टेबलटॉप रनवे एक ऐसा रनवे होता है, जो आमतौर पर ऊंचाई पर स्थित होते हैं। ये रनवे किसी पठार या पहाड़ी इलाके पर होते हैं। इन रनवे के एक या दोनों तरफ गहरी खाई होती है। इसका मतलब है कि रनवे के एक या एक से ज़्यादा तरफ़ से ढलान बहुत ज़्यादा है। टेबलटॉप रनवे पर प्लेन लैंड कराना काफी कठिन होता है, क्योंकि अगर विमान रनवे से आगे निकल जाता है, तो वह सीधे नीचे गिरेगा।

भारत में भी है पांच टेबलटॉप रनवे

भारत में पांच हवाई अड्डों पर टेबलटॉप रनवे है। जिन हवाई अड्डों पर टेबलटॉप रनवे बने हुए हैं उनमें शामिल है- शिमला, कालीकट, मैंगलोर, लेंगपुई (मिजोरम) और पाक्योंग (सिक्किम)। इनमें से केरल और मैंगलोर के हवाई अड्डों पर पहले भी बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।

पाक्योंग हवाई अड्डा

सिक्किम के पाक्योंग हवाई अड्डा भारत के चुनिंदा टेबलटॉप रनवे में से एक है। इस हवाई अड्डे का निर्माण एक पहाड़ी को काटकर किया गया था। इस एयरपोर्ट को बहुत जोखिम भरा हुआ वाला मानते हैं।

लेंगपुई एयरपोर्ट

यह मिजोरम में बना एक एयरपोर्ट है, जिसका नाम लेंगपुई एयरपोर्ट (Lengpui Airport) है। यह एक टेबलटॉप एयरपोर्ट है। इसके दोनों तरफ घाटियां हैं। इस एयरपोर्ट रनवे के नीचे पानी की धाराएं बहती हैं। इस एयरपोर्ट को बहुत जोखिम भरा हुआ वाला मानते हैं।

मैंगलोर एयरपोर्ट

भारत के मैंगलोर एयरपोर्ट (Mangalore Airport) भी एक टेबलटॉप एयरपोर्ट है। मई 2010 में यहां एक बड़ी दुर्घटना हुई थी। इस दुर्घटना में एयर इंडिया का एक विमान टेबल-टॉप रनवे से आगे निकल गया था। यह विमान एक पहाड़ी से नीचे गिरने के बाद आग की चपेट में आ गया था। इस हादसे में चालक दल के छह सदस्यों सहित 158 यात्री मारे गए।

कोझिकोड एयरपोर्ट पर हुआ हादसा

दस साल बाद, 7 अगस्त, 2020 को एक और टेबलटॉप रनवे हादसे का गवाह बना। दुबई से कोझिकोड के लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान कोविड महामारी के कारण फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन का हिस्सा थी। विमान टेबलटॉप रनवे से फिसल गया और नीचे दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में उन्नीस यात्रियों और दोनों पायलटों की मौत हो गई, लेकिन 169 अन्य बच गए।

दुनिया के सबसे खतरनाक हवाई अड्डे

हवाई अड्डे का नाम
स्थान
बारा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डास्कॉटलैंड
भुंतर हवाई अड्डाभारत
कौरशेवेल अल्टीपोर्टफ्रांस
तेनजिंग-हिलेरी हवाई अड्डानेपाल
आइस रनवे एयरफील्डअंटार्कटिका
साइआथोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डाग्रीस

नेपाल में क्यों होते हैं इतने विमान हादसे

नेपाल में विमान हादसों का सबसे बड़ा कारण वहां के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ है। यहां चट्टानों को काटकर रनवे को तैयार किया जाता है, लेकिन सभी रनवे की लंबाई काफी सीमित होती है। दरअसल, नेपाल में एक तरफ अगर रनवे है तो दूसरी तरफ खाई। इसी वजह से लैंडिंग के समय विमान को काफी बैलेंस करते हुए टैकऑफ करना पड़ता है। यहां कई ऊंची-ऊंची चोटियों के बीच संकरी घाटियां हैं, जहां कई बार विमानों को मोड़ने में काफी कठिनाई आती है। यहीं कारण है कि विमान हादसे का शिकार हो जाते है।

घातक हवाई दुर्घटनाओं का दुखद इतिहास

बता दें कि इस देश में घातक हवाई दुर्घटनाओं का दुखद इतिहास रहा है। बुधवार की दुर्घटना से पहले, साल 2000 से अब तक देश में 19 हवाई दुर्घटनाएं हो चुकी है।

24 जुलाई, 2024

नेपाल की राजधानी काठमांडू से उड़ान भरते समय बॉम्बार्डियर CRJ 200 विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से विमान में भीषण आग लग गई। इस हादसे में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई।

11 जुलाई, 2023

मध्य नेपाल में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में छह लोगों की मौत हो गई थी। सोलुखुनवु जिले से रवाना हुए इस हेलिकॉप्टर में पांच मैक्सिकन नागरिक और एक नेपाली पायलट सवार थे।

15 जनवरी, 2023

नेपाल की यति एयरलाइंस द्वारा संचालित 72 लोगों को ले जा रहा एक ट्विन-इंजन एटीआर 72 विमान पोखरा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस विमान में सवार सभी लोग मारे गए थे। यह 1992 के बाद से देश में सबसे भीषण हवाई दुर्घटना थी। 1992 में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का विमान काठमांडू में उतरने की कोशिश करते समय एक पहाड़ी से टकरा गया था, जिसमें सवार सभी 167 लोग मारे गए थे।

29 मई, 2022

काठमांडू से 125 किलोमीटर (80 मील) पश्चिम में पोखरा से उड़ान भरने के 15 मिनट बाद डे हैविलैंड कनाडा DHC-6-300 ट्विन ओटर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस विमान में सवार 16 नेपाली, चार भारतीय और दो जर्मन नागरिकों की मौत हो गई थी।

27 फरवरी, 2019

पूर्वी नेपाल में खराब मौसम के कारण एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें पर्यटन मंत्री सहित उसमें सवार सभी सात लोगों की मौत हो गई।

12 मार्च, 2018

यूएस-बांग्ला एयरलाइंस द्वारा संचालित एक बांग्लादेशी विमान में सवार 71 लोगों में से 51 की मौत हो गई थी। यह काठमांडू के हवाई अड्डे पर उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

फरवरी 24, 2016

खराब मौसम की वजह से एक छोटा विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें सवार सभी 23 लोगों की मौत हो गई। तारा एयर द्वारा संचालित ट्विन ओटर विमान पश्चिमी नेपाल में पोखरा से जोमसोम के लिए रवाना हुआ था।

28 सितंबर, 2012

काठमांडू से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद एक छोटा प्रोपेलर-चालित डोर्नियर विमान एक पक्षी से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में सात ब्रिटिश और पांच चीनी यात्रियों सहित 19 लोगों की मौत हो गई थी।

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