रियासी आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
आतंक, जब यह शब्द सुनते है तो दिमाग में बस एक ही चीज घूमती है और वो है हर जगह खून-खराबा और ताबड़तोड़ गोलीबारी। ऐसा ही मंजर रविवार को जम्मू के रियासी में देखने को मिला जब कटरा में शिव खोड़ी गुफा मंदिर से माता वैष्णो देवी मंदिर जा रहे तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर आतंकवादियों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी कर दी।
इस हमले में एक बच्चे सहित कम से कम नौ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 33 अन्य यात्री घायल हो गए।आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का हाथ है। गोलीबारी इतनी भीषण हुई की बस का नियंत्रण खो गया और वो सीधा खाई में जा गिरी। ऐसा नहीं है कि भारत आतंक से जुड़ी पहली घटना की गवाह रही है। ऐसे 10 खतरनाक आतंक भारत के कई राज्यों में हुए जिससे सबकी निंद उड़ गई।
इन 10 आतंकी घटनाओं में शामिल है
- पुलवामा अटैक, 2019
- 26/11 मुंबई अटैक, 2008
- 1993, मुबंई सीरियल ब्लास्ट
- 14 सितंबर, 2002 अक्षरधाम मंदिर हमला
- 29 अक्टूबर 2005 दिल्ली पर हमला
- 11 जुलाई, 2006 मुंबई ट्रेन धमाका
- 13 मई 2008 जयपुर ब्लास्ट
- 13 दिसंबर, 2001 भारतीय संसद पर हमला
- 14 फरवरी, 1998 कोयम्बटूर हमला
- 1 अक्टूबर, 2001 जम्मू कश्मीर विधानसभा हमला
पुलवामा अटैक: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को यह आतंकी हमला हुआ था। CRPF के काफिले पर पाकिस्तान के आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।
26/11 मुंबई अटैक: 26 नवंबर, 2008 की रात मुंबई में आत्मघाती आतंकी हमला हुआ था। सीरीयल बम धमाकों के अलावा आतंकियों ने कई जगहों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। होटल ताज, नरीमन हाउस को आतंकियों ने कब्जे में लिया था। इसमें 166 लोगों की जान गई थी और 293 घायल हुए थे। आतंकी कसाब को पकड़ लिया गया था, वहीं 9 आतंकी मारे गए थे।
1993, मुबंई सीरियल ब्लास्ट: मुंबई में कई जगहों पर एक के बाद एक बम धमाके हुए थे। इसके पीछे डी कंपनी और दाउद इब्राहिम का हाथ था। इस हमले में 257 लोगों की मौत हुई थी और 713 लोग घायल हुए थे।
14 सितंबर, 2002 अक्षरधाम मंदिर हमला: गुजरात के गांधीनगर में लश्कर और जैश के 2 आतंकी मंदिर में घुस गए थे और हथियारों और ग्रैनेड से वहां मौजूद लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया था। इस हमले में 31 की मौत हो गई थी। वहीं 80 घायल हुए थे। आतंकियों के नाम थे- मुर्तजा हाफिज यासिन और अशरफ अली मोहम्मद फारुख।
29 अक्टूबर 2005 दिल्ली पर हमला: दिल्ली में दिवाली से पहले 3 धमाके किए गए थे। सरोजनी नगर, पहाड़गंज और गोविंदपुरी के एक बस में हमला किया गया था। इस आतंकी हमले में 63 लोग मारे गए थे। 210 घायल हुए थे।
11 जुलाई, 2006 मुंबई ट्रेन धमाका: मुंबई की लोकल ट्रेनों में अलग-अलग 7 बम धमाके किए गए थे। इसके पीछे इंडियन मुजाहिदिन का हाथ था। इसमें 210 की मौत हो गई थी।
13 मई 2008 जयपुर ब्लास्ट: पिंक सिटी पर 15 मिनट के भीतर लगभग 9 बम धमाके किए गए थे। इसमें 63 लोगों की मौत हुई थी।
13 दिसंबर, 2001 भारतीय संसद पर हमला: भारत के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले संसद पर 5 आतंकियों ने हमला किया था। हमले के समय संसद में 100 नेता मौजूद थे। इसमें 6 पुलिसकर्मी समेत 3 संसद भवन के कर्मियों की मौत हो गई थी। इसके पीछे लश्कर और जैश का हाथ था।
14 फरवरी, 1998 कोयम्बटूर हमला: कोयम्बटूर में 11 अलग-अलग जगहों पर 12 बम धमाके हुए थे। इसमें 60 लोगों की मौत हो गई थी। इसके पीछे इस्लामिक ग्रुप अल उम्माह के आतंकियों का हाथ था।
1 अक्टूबर, 2001 जम्मू कश्मीर विधानसभा हमला: जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने 3 आत्मघाती हमलावरों और कार बम की मदद से सदन में हमला किया था। इसमें 38 लोगों की मौत हो गई थी।
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